2025 में बनेगा IPO का महा रिकॉर्ड, ₹1.5 लाख करोड़ के इश्यू के लिए कंपनियां लाइन में खड़ी
संक्षेप:-
Citi के इनवेस्टमेंट बैंकिंग हेड राहुल सराफ के मुताबिक, 2025 में भारतीय IPO बाजार ₹1.5 लाख करोड़ के रिकॉर्ड इश्यू के लिए तैयार है, जहां कई कंपनियां लिस्टिंग की कतार में हैं। हालांकि, बाजार में अस्थिरता के चलते कई कंपनियां अपने IPO को 3-6 महीने तक टाल सकती हैं, खासकर OFS मॉडल वाले इश्यू। सराफ ने यह भी बताया कि 2024 में आए 70% से ज्यादा IPOs लिस्टिंग प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं, लेकिन 2025 में बाजार के नए इतिहास रचने की उम्मीद है।

PO टाइमिंग पर कंपनियों की रणनीति
हालांकि, मौजूदा बाजार में अस्थिरता को देखते हुए कई कंपनियां अपने IPO लॉन्च की टाइमिंग पर पुनर्विचार कर सकती हैं। खासतौर पर ऑफर-फॉर-सेल (OFS) मॉडल के जरिए लाए जा रहे IPOs को 3-6 महीने तक टालने की संभावना जताई जा रही है।
सराफ ने स्पष्ट किया कि OFS मॉडल में आने वाली कंपनियों को तुरंत पूंजी जुटाने की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए वे बाजार की बेहतर परिस्थितियों का इंतजार कर सकती हैं। यदि बाजार कमजोर रहता है, तो कंपनियों के पास 3 से 6 महीने तक IPO रोकने का विकल्प मौजूद रहेगा।
2024 के IPO बाजार की तस्वीर
बीते साल IPO बाजार ने शुरुआती तेजी दिखाई थी, लेकिन बाद में यह कई निवेशकों के लिए घाटे का सौदा बन गया। 2024 में आए 70% से अधिक IPOs इस समय अपनी लिस्टिंग प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं। वहीं, 45% कंपनियों के शेयर अपने इश्यू प्राइस से भी नीचे चले गए हैं।
सरकारी कंपनियों की लिस्टिंग पर नजर
IPO बाजार को लेकर सरकार की रणनीति पर भी चर्चा हुई। राहुल सराफ के अनुसार, सरकार को नई लिस्टिंग की बजाय हिस्सेदारी बिक्री पर ध्यान देना चाहिए। अधिकतर बड़ी सरकारी कंपनियां पहले से ही शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं, खासकर महारत्न और नवरत्न कंपनियां।
उन्होंने कहा कि सरकार ने धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी कम करने का एक रोडमैप तैयार किया है, और यह प्रक्रिया आने वाले वर्षों में जारी रहेगी। उनके अनुसार, इस समय ऐसी कोई बड़ी सरकारी कंपनी नहीं बची है, जिसे बाजार में लिस्टिंग के लिए लाया जा सके।
क्या IPO बाजार 2025 में इतिहास रचेगा?
बाजार की अस्थिरता के बावजूद, IPO मार्केट में संभावनाओं की कमी नहीं है। 2025 में कई बड़े और महत्वपूर्ण IPO लॉन्च होने की उम्मीद है, जो निवेशकों के लिए नए अवसर खोल सकते हैं। हालांकि, बाजार में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनियों की टाइमिंग और रणनीति बेहद अहम होगी।

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