बजट 2025: ₹12 लाख तक इनकम टैक्स फ्री! रेंट पर TDS में बड़ा बदलाव

बजट 2025 में रेंट पर TDS की सीमा ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई। दो स्वयं के कब्जे वाली संपत्तियों को अब ‘निल’ के रूप में कर मुक्त माना जाएगा। नई कर व्यवस्था में ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और ₹70,000 की अतिरिक्त छूट दी गई है।
Budget 2025 Income Tax

भारत सरकार ने बजट 2025-26 में कुछ महत्वपूर्ण और आम आदमी के लिए राहत देने वाले प्रस्ताव किए हैं। इनमें से एक अहम प्रस्ताव था रेंटल आय पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) की सीमा को बढ़ाना। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट घोषणा में बताया कि अब रेंटल पेमेन्ट पर TDS की वार्षिक सीमा ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई है। इस बदलाव से रेंटल पेमेन्ट करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि पहले जहां ₹2.40 लाख तक के रेंट पर TDS काटा जाता था, वहीं अब यह सीमा ₹6 लाख तक बढ़ाई गई है। इसका मतलब है कि अधिक रेंट पर टैक्स कटौती का बोझ पहले की तुलना में कम होगा, जो कि रेंटल एग्रीमेंट में शामिल व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए एक बड़ा फायदा है।

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब दो स्वयं के कब्जे वाली संपत्तियों को ‘निल’ के रूप में कर निर्धारण के लिए मान्यता दी जाएगी। पहले सिर्फ एक संपत्ति को ही ‘निल’ मानते हुए कर से मुक्त किया जाता था, लेकिन अब अगर आपके पास दो संपत्तियाँ हैं और आप दोनों में खुद रहते हैं, तो इन दोनों संपत्तियों का मूल्य कर उद्देश्यों के लिए शून्य माना जाएगा। यह निर्णय घरों के मालिकों को राहत देने वाला साबित होगा, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जिनके पास एक से अधिक आवास हैं और वे इन्हें खुद इस्तेमाल करते हैं।

इसके साथ ही, वित्त मंत्री ने वेतनभोगी वर्ग के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। नई आयकर व्यवस्था के तहत, अब ₹12 लाख तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि जो व्यक्ति ₹12 लाख तक कमाते हैं, उन्हें अब आयकर का भुगतान नहीं करना होगा। यह कदम खासकर मध्य वर्ग और वेतनभोगी व्यक्तियों को राहत देने वाला है, जो अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसके अलावा, एक और अहम घोषणा की गई, जिसमें ₹70,000 की आयकर छूट दी जाएगी, जिससे करदाताओं को अपनी कर देनदारी कम करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, यह छूट लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (Long-term Capital Gains) पर लागू नहीं होगी, यानी यदि आपने शेयर, म्यूचुअल फंड या अन्य किसी निवेश के माध्यम से लंबी अवधि के लाभ प्राप्त किए हैं, तो उन पर यह छूट लागू नहीं होगी।

इस बजट के प्रस्तावों से यह साफ है कि सरकार ने खासकर वेतनभोगी वर्ग और संपत्ति मालिकों को ध्यान में रखते हुए कई राहतों की घोषणा की है। ये कदम सीधे तौर पर उनके वित्तीय बोझ को कम करेंगे और आम आदमी के जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेंगे। खासकर रेंटल पेमेंट पर TDS की सीमा बढ़ाना, दो स्वयं के कब्जे वाली संपत्तियों को ‘निल’ मानना और आयकर छूट की घोषणा से आम लोगों को बजट में बड़ा फायदा होने की संभावना है।

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