अदाणी ग्रीन पर वित्तीय संकट! $1.1 बिलियन कर्ज को भारतीय बैंकों से पुनर्वित्तीयन करने की बड़ी रणनीति
संक्षेप:-
अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड $1.1 बिलियन डॉलर के कर्ज को भारतीय रुपये में पुनर्वित्तीयन करने के लिए स्थानीय बैंकों से बातचीत कर रही है। अमेरिकी न्याय विभाग की रिश्वतखोरी जांच के कारण कंपनी के लिए विदेशी वित्तपोषण मुश्किल हो गया है, जिससे इसके शेयरों में 40% की गिरावट आई है। अब अदाणी ग्रीन भारतीय वित्तीय संस्थानों से दीर्घकालिक ऋण जुटाने की योजना बना रही है ताकि मार्च 2025 तक अपने देय कर्ज की अदायगी कर सके। यदि यह सौदा सफल होता है, तो यह अदाणी ग्रीन एनर्जी के लिए अब तक का सबसे बड़ा पुनर्वित्तीयन सौदा होगा।

अमेरिकी जांच के कारण वित्तीय संकट
अदाणी ग्रीन एनर्जी इस समय अपने दीर्घकालिक ऋण समझौते को अंतिम रूप देने के चरण में है, जिससे वह मार्च 2025 तक देय कर्ज की अदायगी कर सके। इस पुनर्वित्तीयन की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कंपनी को अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा नवंबर 2024 में दर्ज एक कथित रिश्वत घोटाले के कारण वैश्विक बाजारों में धन जुटाने में कठिनाइयाँ हो रही हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने अदाणी समूह पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने का आरोप लगाया था। इस मामले के सामने आने के बाद, अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में लगभग 40% की गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई।
रिश्वतखोरी के आरोप और अदाणी समूह की प्रतिक्रिया
अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने पिछले साल आरोप लगाया था कि गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए $250 मिलियन (लगभग 2,000 करोड़ रुपये) से अधिक की रिश्वत देने की योजना बनाई थी। यह कथित रिश्वतखोरी तब हुई, जब अदाणी समूह अमेरिकी निवेशकों से धन जुटाने का प्रयास कर रहा था। हालाँकि, अदाणी समूह ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित और बेबुनियाद बताया है।
विदेशी बाजारों से धन जुटाने में आ रही कठिनाइयाँ
अमेरिका में जारी इस जांच के कारण अदाणी ग्रीन एनर्जी के लिए वैश्विक वित्तीय बाजार से फंड जुटाना लगभग असंभव हो गया है। अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है, और विदेशी संस्थान अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश करने से पहले कई बार सोच रहे हैं। यही कारण है कि कंपनी अब स्थानीय भारतीय बैंकों से कर्ज लेकर अपने वित्तीय संकट से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है। अदाणी ग्रीन एनर्जी अब अपने डॉलर में लिए गए कर्ज को भारतीय रुपये में बदलकर, घरेलू बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लंबे समय के लिए ऋण लेने की योजना बना रही है।
स्थानीय बैंकों से वित्तीय सहयोग की कोशिश
इस वित्तीय संकट को हल करने के लिए अदाणी ग्रीन एनर्जी पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC), भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और अन्य वित्तीय संस्थानों से सहायता लेने की योजना बना रही है। कंपनी ने पहले ही 600 मिलियन डॉलर के नए बांड इश्यू को रद्द कर दिया था, क्योंकि अमेरिकी जांच के चलते विदेशी बाजार से पैसे जुटाना संभव नहीं हो सका। अब अदाणी ग्रीन का पूरा ध्यान निजी प्लेसमेंट और सेटलमेंट एग्रीमेंट के माध्यम से घरेलू पूंजी जुटाने पर है।
क्या यह सौदा अदाणी ग्रीन एनर्जी को बचा पाएगा?
अदाणी ग्रीन एनर्जी के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण है। अमेरिकी जांच के कारण विदेशी बाजारों से वित्तीय सहायता मिलना मुश्किल हो गया है, लेकिन अगर स्थानीय बैंकों से सफलतापूर्वक पुनर्वित्तीयन हो जाता है, तो कंपनी को कुछ राहत मिल सकती है। अदाणी ग्रीन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपने निवेशकों का विश्वास फिर से जीत सके और बाजार में अपनी पुरानी स्थिरता वापस ला सके।
अगर यह पुनर्वित्तीयन सौदा सफल होता है, तो यह अदाणी ग्रीन एनर्जी के लिए अब तक का सबसे बड़ा कर्ज पुनर्वित्तीयन सौदा होगा। इस डील से कंपनी को मार्च में देय अपने ऋणों की अदायगी करने में मदद मिलेगी, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। हालांकि, निवेशकों की नजर इस बात पर टिकी रहेगी कि अदाणी समूह अपने कारोबार को कैसे स्थिर करता है और आगे किस रणनीति पर काम करता है।
अदाणी समूह के लिए आगे की राह
अदाणी समूह को अब भारतीय बैंकों, निवेशकों और सरकार का समर्थन जुटाने पर ध्यान देना होगा, ताकि वह अपने कारोबार को आगे बढ़ा सके और इस वित्तीय संकट से सफलतापूर्वक बाहर निकल सके। आने वाले महीनों में यह साफ हो जाएगा कि क्या अदाणी ग्रीन एनर्जी इस संकट से उबरकर अपनी पुरानी साख वापस हासिल कर पाएगा या नहीं।
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