CWC फाइनल से पहले दिल्ली में हाई-प्रोफाइल क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश, ₹22 लाख नकद बरामद
संक्षेप:-
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने करमपुरा में एक हाई-प्रोफाइल क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ कर ₹22.62 लाख नकद, मोबाइल, लैपटॉप और सट्टेबाजी के रिकॉर्ड जब्त किए। मास्टरमाइंड मनीष सहानी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया गया, जो चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल पर सट्टा लगा रहे थे। पुलिस अब जांच कर रही है कि यह गिरोह किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा था या नहीं।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने करमपुरा इलाके में चल रहे हाई-प्रोफाइल क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से ₹22.62 लाख नकद, 9 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 1 LED TV और सट्टेबाजी के रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं। इस गिरोह का मास्टरमाइंड मनीष सहानी बताया जा रहा है, जो पहले पुरानी गाड़ियों का व्यापार करता था, लेकिन घाटे के कारण उसने सट्टेबाजी की दुनिया में कदम रख लिया।
पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि करमपुरा इलाके के एक फ्लैट में चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल (दक्षिण अफ्रीका बनाम न्यूजीलैंड, 5 मार्च, लाहौर, पाकिस्तान) पर मोटे पैसों का सट्टा लगाया जा रहा है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 6 मार्च को छापेमारी की और मौके से मनीष सहानी (42), योगेश कुकेरेजा (31) और सूरज (24) को गिरफ्तार कर लिया।
यह रैकेट काफी संगठित तरीके से चल रहा था। मनीष सहानी खुद ही गिरोह का मुख्य संचालक था और बिना किसी मिडिलमैन के सीधे बेटिंग करता था। योगेश कुकेरेजा, जो एक कॉमर्स ग्रेजुएट है, सट्टे की पूरी अकाउंटिंग संभालता था। सूरज का काम कॉल्स अटेंड करना और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड बनाए रखना था। आरोपी फोन कॉल और वॉयस रिकॉर्डिंग के जरिए सट्टेबाजों से संपर्क में रहते थे और पैसों का लेन-देन बैंक और नकद दोनों माध्यमों से किया जाता था।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि यह रैकेट काफी सुनियोजित तरीके से चल रहा था। आरोपी क्रिकेट मैचों पर भारी रकम लगवाते थे और सट्टेबाजों से संपर्क के लिए अलग-अलग मोबाइल नंबर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते थे। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या यह गिरोह किसी अंतरराष्ट्रीय सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। फिलहाल तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है, ताकि इस मामले की गहराई से जांच हो सके।
दिल्ली में हाल के महीनों में क्रिकेट सट्टेबाजी के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पुलिस अब हाई-प्रोफाइल सटोरियों पर नकेल कसने के लिए स्पेशल ऑपरेशन चला रही है। क्या भारत में सट्टेबाजी पर रोक के बावजूद यह काला धंधा कभी रुक पाएगा? आपकी राय हमें कमेंट में बताएं

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