टैरिफ WAR शुरू करके बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप, नहीं थम रहा अमेरिकी स्टॉक मार्केट, Dow Jones 600 पॉइंट लुढ़का
संक्षेप:-
डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई, जिससे अमेरिकी स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट आई। Dow Jones 600 पॉइंट लुढ़क गया, जबकि S&P 500 और Nasdaq भी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ रही है, जिससे बाजार में और उतार-चढ़ाव की संभावना है।

S&P 500 में गुरुवार को भारी गिरावट दर्ज की गई क्योंकि व्यापार युद्ध को लेकर बढ़ती चिंताओं ने बाजार की धारणा को बिगाड़ दिया। अमेरिकी बाजार में यह गिरावट ऐसे समय पर आई जब महंगाई के ताजा आंकड़े थोड़ी राहत देने वाले साबित हुए, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया। दिन के मध्य तक S&P 500 इंडेक्स 1.5% गिर चुका था, जबकि टेक-हैवी इंडेक्स 2.2% और ब्लू-चिप इंडेक्स 1.5% लुढ़क गए। खासतौर पर टेक सेक्टर में बड़ी गिरावट देखी गई, क्योंकि कंपनियों के शेयरों पर ट्रेड वार का असर ज्यादा पड़ा। अमेरिकी बाजार पहले ही महंगाई और फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर सतर्क था, लेकिन अब ट्रंप के नए टैरिफ ऐलान ने इसे और अधिक अस्थिर कर दिया है।
महंगाई के मोर्चे पर अमेरिका में प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) के आंकड़े उम्मीद से ज्यादा धीमे रहे, जिससे फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर अनुमान बदल सकते हैं। फरवरी में उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) वार्षिक स्तर पर धीमी गति से बढ़ा और महीने-दर-महीने इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ। इससे एक दिन पहले जारी हुए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आंकड़े भी अनुमान से कम रहे, जिससे यह संकेत मिला कि महंगाई दर फिलहाल नियंत्रण में है। विश्लेषकों का कहना है कि महंगाई में यह मामूली राहत फेड के लिए अच्छी खबर हो सकती है, लेकिन इसे स्थायी ट्रेंड मानना जल्दबाजी होगी। स्टिफेल फाइनेंशियल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि “PPI और CPI दोनों में नरमी दिखना सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह भरोसा नहीं दिलाता कि महंगाई अब लगातार धीमी होती रहेगी। कुछ बड़े घटकों में अगले महीने फिर से तेजी देखी जा सकती है, खासकर PCE रिपोर्ट में।”
इस बीच, व्यापार युद्ध को लेकर अमेरिका और यूरोप के बीच तनाव और बढ़ता दिख रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह 2 अप्रैल से “ग्लोबल रिसिप्रोकल टैरिफ” लागू करेंगे, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता है। यह घोषणा ऐसे समय पर आई जब यूरोपीय यूनियन ने अमेरिकी स्टील और एल्युमिनियम पर जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। जवाब में ट्रंप ने यूरोपीय शराब पर 200% टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे यूरोपीय बाजारों में हलचल मच गई है। अमेरिकी व्यापार नीति से जुड़े नए घटनाक्रमों में एक बड़ा मोड़ गुरुवार को आ सकता है, जब अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रियर, कनाडा के ओंटारियो प्रीमियर डग फोर्ड से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको के बीच व्यापार समझौते के नवीनीकरण पर चर्चा होने की संभावना है। यह समझौता ट्रंप के पहले कार्यकाल में हुआ था और इसे फिर से लागू करने की जरूरत हो सकती है।
उधर, अमेरिका ने बुधवार को स्टील और एल्युमिनियम पर 25% टैरिफ बढ़ाने की मंजूरी दे दी, जिससे कनाडा और यूरोप की नाराजगी बढ़ गई है। हाल ही में कनाडा के प्रीमियर डग फोर्ड ने अमेरिका को निर्यात की जाने वाली बिजली पर 25% अधिभार लगाने की चेतावनी दी थी, जिसके बाद ट्रंप ने कनाडाई स्टील और एल्युमिनियम पर शुल्क को 50% तक बढ़ाने की धमकी दी। इस दबाव के चलते फोर्ड ने अस्थायी रूप से अपने व्यापार कर को रोक दिया है, लेकिन यह स्थिति आगे और जटिल हो सकती है।
बाजार में इस तनाव के बीच कुछ बड़ी कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। खासतौर पर इंटेल ने निवेशकों को चौंका दिया जब कंपनी ने अपने नए CEO की घोषणा की। इंटेल के शेयर 13% उछल गए क्योंकि कंपनी ने लिप-बू टैन को अपना अगला मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया। वह डेविड जिन्सनर और मिशेल जॉनसन होलथॉस की जगह लेंगे। टैन की नियुक्ति 18 मार्च से प्रभावी होगी। यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब इंटेल को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा था। पूर्व CEO पैट गैलसिंगर के नेतृत्व में कंपनी ने कई बड़े निवेश किए थे, लेकिन वे रणनीतियां कंपनी को पुनर्जीवित करने में नाकाम रहीं।
वहीं, Adobe के निवेशकों के लिए दिन निराशाजनक रहा। कंपनी के शेयर 13% तक गिर गए क्योंकि उसकी दूसरी तिमाही की गाइडेंस उम्मीद से कमजोर रही, हालांकि पहली तिमाही के नतीजे अपेक्षाकृत बेहतर थे। इसके अलावा, साइबर सिक्योरिटी फर्म SentinelOne के शेयर भी कमजोर तिमाही गाइडेंस के कारण 3% गिर गए।
Tesla के शेयरों में भी गिरावट जारी रही, जिससे कंपनी के हालिया लाभ मिट गए। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी हाल के महीनों में कई चुनौतियों से जूझ रही है, जिसमें चीन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, डिमांड में गिरावट और उत्पादन से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं।
कुल मिलाकर, अमेरिकी बाजारों में इस समय अनिश्चितता बनी हुई है। महंगाई के आंकड़े थोड़ी राहत जरूर दे रहे हैं, लेकिन व्यापार युद्ध को लेकर बढ़ती चिंताओं ने निवेशकों की धारणा को बिगाड़ दिया है। अब बाजार की नजरें फेडरल रिजर्व की आगामी नीति बैठक पर टिकी हैं, जहां ब्याज दरों को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। साथ ही, ट्रंप की व्यापार नीतियों का अगला कदम वैश्विक बाजारों पर बड़ा असर डाल सकता है।

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