EPFO ATM कार्ड और मोबाइल ऐप: लॉन्च डेट और निकासी लिमिट्स का खुलासा
EPFO ATM कार्ड से कर्मचारी अब अपनी पूरी योगदान राशि नहीं निकाल सकते, लेकिन वे अब बिना पूर्व अनुमति के फंड्स निकाल सकेंगे। यह बदलाव पहले की तुलना में प्रक्रिया को सरल और तेज बनाएगा। अब EPFO से जुड़े लोग अधिक सुविधा और स्वतंत्रता के साथ अपने पैसे का उपयोग कर सकेंगे।

EPFO 2.0 और 3.0: नई सुविधाओं का मिलेगा लाभ
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री, मनसुख मांडविया ने बताया कि EPFO के सदस्य को मई-जून तक नया मोबाइल एप्लिकेशन और डेबिट कार्ड सुविधा दी जाएगी। यह EPFO 2.0 परियोजना का हिस्सा है, जिसमें पूरी IT प्रणाली को अपग्रेड किया जा रहा है।
क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया को बनाएगा सरल
मंत्री ने बताया कि EPFO 2.0 का काम जनवरी के अंत तक पूरा हो जाएगा, जिसके बाद EPFO 3.0 ऐप लॉन्च होगा। इस नए ऐप से EPFO के सदस्य बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह अपग्रेडेड सिस्टम पूरी प्रक्रिया को सरल बनाएगा और क्लेम सेटलमेंट को केंद्रीकरण के माध्यम से अधिक आसान बनाएगा।
आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच बातचीत जारी
सूत्रों के मुताबिक, श्रम मंत्रालय के तहत आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच EPFO 3.0 के माध्यम से EPFO ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने पर बातचीत चल रही है। यदि यह योजना लागू होती है, तो EPFO सदस्य को डेबिट कार्ड की सुविधा मिल सकेगी और वे अपने EPFO फंड्स को एटीएम से भी निकाल सकेंगे। इस कदम से EPFO ग्राहकों के लिए फंड्स की पहुंच और प्रबंधन और भी सरल हो जाएगा।
निकासी सीमा कितनी होगी? जानें पूरी जानकारी
यह ध्यान में रखना जरूरी है कि एटीएम कार्ड प्राप्त करने से सदस्य अपनी पूरी योगदान राशि को नहीं निकाल सकेंगे। एक निकासी सीमा निर्धारित की जाएगी। हालांकि, सकारात्मक पहलू यह है कि इस सीमा के भीतर निकासी के लिए EPFO से पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी, जैसा कि पहले होता था। सरकार का यह कदम EPFO ग्राहकों के लिए एक बड़ा राहत होगा, क्योंकि इससे उन्हें पेपरवर्क और कार्यालयों में जाने की झंझट से मुक्ति मिलेगी, और वे आसानी से अपनी जरूरत के मुताबिक फंड्स निकाल सकेंगे।
रोजगार के अवसरों में हुई बड़ी बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 से 2024 तक के कार्यकाल में देशभर में 17.19 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। यह आंकड़ा यूपीए सरकार के मुकाबले छह गुना ज्यादा है, जो इस बात को दर्शाता है कि मोदी सरकार ने रोजगार सृजन के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए हैं। इस दौरान रोजगार के अवसरों में जिस गति से बढ़ोतरी हुई है, वह अभूतपूर्व है और इससे लाखों परिवारों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आया है।
मंत्री ने यह भी बताया कि 2023-2024 के वर्ष में अकेले 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा की गईं, जो कि आर्थिक विकास के संकेतक के रूप में देखी जा सकती है। कृषि क्षेत्र में भी मोदी सरकार के दौरान महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। यूपीए सरकार के समय (2004 से 2014) कृषि रोजगार में 16 प्रतिशत की गिरावट आई थी, लेकिन एनडीए सरकार के तहत 2014 से 2023 तक कृषि रोजगार में 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो यह साबित करता है कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में भी रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।