
प्रयागराज में आज सोने का भाव
18K सोना /ग्राम (प्रयागराज)
22K सोना /ग्राम (प्रयागराज)
24K सोना /ग्राम (प्रयागराज)
भारत में आज सोने की कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई है। 24K सोने की कीमत ₹9,773 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने की ₹8,960 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने की ₹7,332 प्रति ग्राम है।
भारत में आज सोने की कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई है। 24K सोने की कीमत ₹9,773 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने की ₹8,960 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने की ₹7,332 प्रति ग्राम है। पिछली कीमतों की तुलना में, 24 कैरेट सोने की कीमत ₹27 प्रति ग्राम बढ़ी है, वहीं 22 कैरेट सोने में ₹25 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने की कीमत ₹20 प्रति ग्राम बढ़ी है।
और पढ़ें...सोने का प्रकार | आज | कल | बदलाव | बदलाव (%) |
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18K | ₹7,332 | ₹7,312 | + ₹20 | + 0.27% ↑ |
22K | ₹8,960 | ₹8,935 | + ₹25 | + 0.28% ↑ |
24K | ₹9,773 | ₹9,746 | + ₹27 | + 0.28% ↑ |
आज प्रयागराज में 18K सोने की कीमत प्रति ग्राम (₹ रुपये)
वजन | आज की कीमत | कल की कीमत | बदलाव |
---|---|---|---|
1 ग्राम | ₹7,332 | ₹7,312 | + ₹20 ↑ |
8 ग्राम | ₹58,656 | ₹58,496 | + ₹160 ↑ |
10 ग्राम | ₹73,320 | ₹73,120 | + ₹200 ↑ |
100 ग्राम | ₹733,200 | ₹731,200 | + ₹2,000 ↑ |
1 किलो | ₹7,332,000 | ₹7,312,000 | + ₹20,000 ↑ |
आज प्रयागराज में 22K सोने की कीमत प्रति ग्राम (₹ रुपये)
वजन | आज की कीमत | कल की कीमत | बदलाव |
---|---|---|---|
1 ग्राम | ₹8,960 | ₹8,935 | + ₹25 ↑ |
8 ग्राम | ₹71,680 | ₹71,480 | + ₹200 ↑ |
10 ग्राम | ₹89,600 | ₹89,350 | + ₹250 ↑ |
100 ग्राम | ₹896,000 | ₹893,500 | + ₹2,500 ↑ |
1 किलो | ₹8,960,000 | ₹8,935,000 | + ₹25,000 ↑ |
आज प्रयागराज में 24K सोने की कीमत प्रति ग्राम (₹ रुपये)
वजन | आज की कीमत | कल की कीमत | बदलाव |
---|---|---|---|
1 ग्राम | ₹9,773 | ₹9,746 | + ₹27 ↑ |
8 ग्राम | ₹78,184 | ₹77,968 | + ₹216 ↑ |
10 ग्राम | ₹97,730 | ₹97,460 | + ₹270 ↑ |
100 ग्राम | ₹977,300 | ₹974,600 | + ₹2,700 ↑ |
1 किलो | ₹9,773,000 | ₹9,746,000 | + ₹27,000 ↑ |
पिछले 30 दिनों में प्रयागराज में सोने का भाव (1 ग्राम)
तारीख | 22K (₹/ग्राम) | 24K (₹/ग्राम) |
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भारत के प्रमुख शहरों में आज सोने के भाव (1 ग्राम)
शहर | 22K आज | 24K आज | 18K आज |
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प्रयागराज में सोने का बाज़ार: आस्था, परंपरा और निवेश का सुनहरा संगम
1. प्रयागराज: आध्यात्मिकता और सोने की सांस्कृतिक जड़ें
प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, भारत के सबसे पवित्र और ऐतिहासिक शहरों में से एक है। यह शहर सिर्फ तीनों पवित्र नदियों – गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के लिए ही नहीं, बल्कि कुंभ मेला, बड़े धार्मिक समारोहों और सांस्कृतिक विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। ऐसे माहौल में सोने का महत्व केवल निवेश तक सीमित नहीं है — यह परंपरा, विश्वास और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक भी है।
यहाँ की पारंपरिक सोच और धार्मिक आयोजनों में सोने की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मुंडन, विवाह, उपनयन संस्कार, और कुंभ जैसे आयोजनों में सोने का प्रयोग एक सामाजिक रिवाज़ की तरह है। इसलिए प्रयागराज में सोने का बाज़ार न केवल मौसमी है, बल्कि सालभर हलचल में रहता है।
2. धार्मिक आयोजनों और त्योहारों का सोने की माँग पर प्रभाव
प्रयागराज की धार्मिक छवि ने इसे सालभर क्रियाशील और उत्सव प्रधान बाजार बना दिया है। दिवाली, धनतेरस, अक्षय तृतीया, और गंगा दशहरा जैसे पर्वों पर तो सोने की माँग चरम पर पहुँच जाती है। इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लिए ईद, बकरीद और रमज़ान जैसे अवसरों पर भी सोने की ख़रीद एक परंपरा बन चुकी है।
कुंभ मेला और माघ मेले के दौरान भी दूर-दराज़ से आने वाले श्रद्धालु यहाँ से सोने के ज़ेवर खरीदना शुभ मानते हैं। ये सभी कारक मिलकर प्रयागराज को उत्तर भारत के सबसे ज़िंदा और बहुआयामी सोने के बाज़ारों में शुमार करते हैं।
3. स्थानीय बनाम वैश्विक प्रभाव: प्रयागराज में सोने की क़ीमतों का गणित
प्रयागराज में सोने की दरें कई कारकों पर निर्भर करती हैं — अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की हलचल, डॉलर की स्थिति, भारत सरकार की सोना आयात नीति, GST जैसी स्थानीय टैक्स प्रणाली, और स्थानीय ज्वेलर्स के मेकिंग चार्ज।
जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के दाम बढ़ते हैं, या डॉलर मज़बूत होता है, तो इसका सीधा असर प्रयागराज के बाज़ार में भी दिखता है। इसी तरह अगर वैश्विक वित्तीय संकट या युद्ध जैसी परिस्थितियाँ बनती हैं (जैसे इज़राइल-गाज़ा संघर्ष), तो निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं और माँग बढ़ जाती है।
4. भारत-UAE CEPA समझौते से प्रयागराज के बाज़ार में राहत की उम्मीद
प्रयागराज में सोने की दरें कई कारकों पर निर्भर करती हैं — अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की हलचल, डॉलर की स्थिति, भारत सरकार की सोना आयात नीति, GST जैसी स्थानीय टैक्स प्रणाली, और स्थानीय ज्वेलर्स के मेकिंग चार्ज।
जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के दाम बढ़ते हैं, या डॉलर मज़बूत होता है, तो इसका सीधा असर प्रयागराज के बाज़ार में भी दिखता है। इसी तरह अगर वैश्विक वित्तीय संकट या युद्ध जैसी परिस्थितियाँ बनती हैं (जैसे इज़राइल-गाज़ा संघर्ष), तो निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं और माँग बढ़ जाती है।
5. प्रयागराज के प्रमुख ज्वेलर्स और हॉलमार्क गोल्ड का बोलबाला
प्रयागराज में अब कई बड़े और विश्वसनीय ज्वेलर्स अपनी दुकानें चला रहे हैं — जैसे PC Jewellers, Tanishq, Malabar Gold, Khanna Jewellers, और कई स्थानीय नामचीन कारीगर। इन दुकानों में अब हॉलमार्क वाले गहनों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है।
ग्राहकों की बढ़ती जागरूकता और BIS की सख्ती के कारण अब गैर-हॉलमार्क गहनों की बिक्री कम हो रही है। लोग अब 22 कैरेट (91.6% शुद्धता) और 24 कैरेट (999 शुद्धता) गोल्ड को प्राथमिकता दे रहे हैं।
6. निवेश के रूप में सोना: प्रयागराज में बढ़ता रुझान
अब प्रयागराज के लोग भी केवल गहनों तक सीमित नहीं रह गए हैं। वे सोने को स्मार्ट निवेश के रूप में देख रहे हैं। खासकर मिडिल क्लास परिवार अब सोने के सिक्के, डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्पों को चुन रहे हैं।
महिलाएं भी अब सोने को “ज़ेवर और ज़रूरत” दोनों के रूप में देखती हैं। युवा वर्ग, जो पहले केवल शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड की तरफ रुझान रखते थे, अब अपने पोर्टफोलियो में थोड़ा प्रतिशत सोने के निवेश को भी जोड़ने लगे हैं।
7. सफेद सोना बनाम पीला सोना: प्रयागराज में लोगों की पसंद
हालांकि सफेद सोना (White Gold) बड़े शहरों में लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन प्रयागराज में अब भी पीले सोने की चमक बरकरार है। स्थानीय बाजार में सफेद सोने की मांग कम है, जिससे ज्वेलर्स इसका स्टॉक कम ही रखते हैं।
हालांकि जो ग्राहक स्टाइलिश और मॉडर्न डिज़ाइनों की चाह रखते हैं, वे सफेद सोना खरीदते हैं। दोनों ही प्रकार में शुद्धता एक जैसी होती है — बस रंग और मिश्रण की विधि में अंतर होता है।
8. बिल लेना क्यों जरूरी है: खरीद को निवेश बनाने का पहला क़दम
कई लोग आज भी गहनों की ख़रीद पर बिल लेना टाल देते हैं, जो कि एक बड़ी गलती है। बिल लेना जरूरी है ताकि:
आप बाद में उसे रीसेल या एक्सचेंज कर सकें,
सोने की खरीद की शुद्धता और कीमत का प्रमाण रहे,
और यदि कभी मुनाफा हो तो टैक्स क्लियरेंस में मदद मिले।
प्रयागराज के ज्वेलर्स अब ग्राहकों को बिल देने में अधिक पारदर्शिता बरत रहे हैं, जो बाज़ार की परिपक्वता का संकेत है।
9. प्रयागराज के ग्रामीण क्षेत्रों का जुड़ाव: फसल, त्योहार और सोना
प्रयागराज के आसपास के गांवों में सोने की ख़रीद कृषि आय और पारंपरिक सोच से जुड़ी है। फसल की अच्छी पैदावार के बाद किसान परिवार सोना खरीदते हैं — इसे वे ‘सुरक्षित धन’ मानते हैं। त्योहारों पर यहाँ गहनों की खरीद एक धार्मिक कर्म की तरह होती है।
ग्रामीण बाज़ारों में भी अब हॉलमार्क, डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन बॉन्ड की समझ बढ़ रही है। ये बदलाव आर्थिक समावेशन की एक अच्छी मिसाल हैं।
10. प्रयागराज का सोने का बाज़ार – आस्था, समझदारी और निवेश का संगम
प्रयागराज में सोना अब केवल आभूषण नहीं रहा, बल्कि यह वित्तीय आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन चुका है। शहर की आध्यात्मिक पृष्ठभूमि, बढ़ती आर्थिक समझदारी, और वैश्विक रुझानों की पहुँच ने इस बाजार को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है।
चाहे आप एक पारंपरिक खरीदार हों या नया निवेशक, प्रयागराज का बाज़ार आपको गुणवत्ता, विविधता और पारदर्शिता तीनों ही देगा। आने वाले वर्षों में, जैसे-जैसे लोग जागरूक होते जाएँगे, यह बाज़ार और अधिक परिपक्व और विश्वसनीय बनता जाएगा।
भारत के प्रमुख शहरों में सोने के भाव
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