Gold Rate today: सोने की कीमतें आसमान छू रहीं, शेयर बाजार हुआ धीमा, क्या है आपके निवेश का सही विकल्प?

हाल के महीनों में सोने ने निवेशकों को शेयर मार्केट के मुकाबले बेहतर रिटर्न प्रदान किया है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति की बढ़ती दर, और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट जैसी कई वजहों से सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि देखने को मिल रही है। पिछले एक साल में सोने की कीमतों में लगभग 15% की वृद्धि हुई है, जिससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला है। वहीं, दूसरी ओर, शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण कई निवेशकों को निराशा हाथ लगी है। 

Gold Rate today: सोने की कीमतें आसमान छू रहीं, शेयर बाजार हुआ धीमा, क्या है आपके निवेश का सही विकल्प?​

अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दर में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजार को भी पंख लग गए हैं। सेंसेक्स रेकॉर्ड 85 हजार का आंकड़ा पार कर चुका है। विदेशी निवेशक भारत के शेयर मार्केट में लगातार निवेश कर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक सेंसेक्स अगले साल दिसंबर तक एक लाख के जादूई आंकड़े पर पहुंच सकता है।

जब भी दुनिया में आर्थिक संकट होता है या बाजारों में अस्थिरता आती है, निवेशक सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। सोना एक सुरक्षित निवेश माने जाने के कारण लोग इसे चुनते हैं, जिससे मांग बढ़ती है और कीमतों में उछाल आता है।

कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। यह कदम उनकी आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा के लिए उठाया जाता है। जब केंद्रीय बैंक सोना खरीदते हैं, तो उसकी मांग बढ़ती है और कीमतें ऊंची हो जाती हैं।

सोने की कीमतों का सीधा संबंध अमेरिकी डॉलर से है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो अन्य मुद्राओं के मुकाबले सोना सस्ता हो जाता है, जिससे उसकी मांग बढ़ जाती है और कीमतें बढ़ती हैं।

जब किसी देश की मुद्रा की क्रय शक्ति कम होने लगती है, तो मुद्रास्फीति बढ़ती है। ऐसे समय में लोग सोने में निवेश करना सुरक्षित मानते हैं। मुद्रास्फीति बढ़ने पर सोने की मांग और कीमतें भी बढ़ने लगती हैं।

सोने में तेजी के ये कारण: जानें क्यों बढ़ रही है कीमतें

भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ती महंगाई के चलते सोने की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है। इसके साथ ही, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के कारण डॉलर कमजोर हो रहा है, जिससे सोने की कीमतें और बढ़ रही हैं। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक भी सोने की खरीद में तेजी ला रहे हैं।

महंगाई का असर सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ही नहीं, बल्कि आम लोगों पर भी पड़ रहा है, खासकर अमेरिका में। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की एक-तिहाई आबादी के लिए घर का खर्च चलाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। जुलाई में 18 साल से अधिक उम्र के 37.4% अमेरिकियों ने बताया कि उनके लिए अपने परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है।

लेकिन महंगाई का असर केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है, दुनिया के कई देश इस समस्या से जूझ रहे हैं। अर्जेंटीना में महंगाई दर सबसे अधिक 237% है, जबकि गृह युद्ध से प्रभावित सीरिया में यह दर 120% तक पहुंच गई है। तुर्की में महंगाई दर 51.9%, वेनेजुएला में 35.5%, लेबनॉन में 35.4%, बांग्लादेश में 11.66%, और पाकिस्तान में 9.6% है।

भारत में वर्तमान महंगाई दर 3.65% है, जो इसे दुनिया में 19वें स्थान पर रखती है। वहीं, चीन में सबसे कम महंगाई दर 0.6% दर्ज की गई है।

महंगाई का यह वैश्विक संकट हर देश की अर्थव्यवस्था और जनता पर गहरा प्रभाव डाल रहा है, और इससे निपटने के लिए हर देश अपनी-अपनी नीतियों पर काम कर रहा है।

सोने की कीमतों में तेजी का असर भारतीय बाजार और वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा रहा है। इस तेजी के पीछे कई आर्थिक और वैश्विक कारण होते हैं। आइए, उन प्रमुख कारणों पर नज़र डालते हैं जिनकी वजह से सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं:

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