एचडीएफसी बैंक Q3 परिणाम: मुनाफे में वृद्धि, लेकिन एनपीए और खर्च में बढ़ोतरी ने बढ़ाई चिंता!

HDFC Bank Limited, भारत के सबसे बड़े निजी बैंक, ने बुधवार, 22 जनवरी 2025 को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए। वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में बैंक ने शुद्ध मुनाफे में 2.2% की वृद्धि दर्ज की। इस तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा ₹16,735.5 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में ₹16,372 करोड़ था। यह वृद्धि भारतीय बैंकिंग उद्योग में स्थिरता और HDFC Bank की मजबूत प्रदर्शन क्षमता को दर्शाती है।
शुद्ध ब्याज आय (NII), जो बैंक द्वारा अर्जित ब्याज और भुगतान किए गए ब्याज के बीच का अंतर होता है, में भी मजबूती से वृद्धि देखी गई। इस तिमाही में शुद्ध ब्याज आय 7.68% बढ़कर ₹76,006.88 करोड़ हो गई। एक साल पहले इसी तिमाही में यह ₹70,582.61 करोड़ थी। शुद्ध ब्याज आय बैंक की आय का मुख्य स्रोत है, और इस क्षेत्र में वृद्धि HDFC Bank की वित्तीय सेहत का संकेत देती है।
बैंक के कुल खर्च में भी वृद्धि दर्ज की गई। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कुल खर्च 7.55% बढ़कर ₹62,460.04 करोड़ हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह ₹58,072.35 करोड़ था। बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ते खर्च को नियंत्रण में रखना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन HDFC Bank ने राजस्व वृद्धि के माध्यम से इसे संतुलित करने की कोशिश की है।
गैर-निष्पादित संपत्तियां (NPA) एक ऐसा क्षेत्र है, जो बैंक के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। तीसरी तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए बढ़कर 1.42% हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में 1.26% था। इसी प्रकार, नेट एनपीए भी 0.31% से बढ़कर 0.46% हो गया। एनपीए का बढ़ना बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता के लिए एक चुनौती है और इसे नियंत्रण में रखना बैंक प्रबंधन की प्राथमिकता होगी।
HDFC Bank की सेगमेंटल परफॉर्मेंस भी ध्यान देने योग्य रही। रिटेल बैंकिंग सेगमेंट का राजस्व इस तिमाही में 11.11% बढ़कर ₹71,973.92 करोड़ हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष में ₹64,774.11 करोड़ था। दूसरी ओर, थोक बैंकिंग सेगमेंट का राजस्व 4% गिरकर ₹47,683 करोड़ रह गया, जो पिछले वर्ष ₹49,743.78 करोड़ था। हालांकि, ट्रेजरी ऑपरेशन ने 5.2% की वृद्धि के साथ ₹15,428.73 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष ₹14,664.82 करोड़ था।
HDFC Bank के शेयर बाजार में प्रदर्शन ने भी निवेशकों का ध्यान खींचा। बुधवार को बैंक के शेयर 1.43% बढ़कर ₹1,665.25 पर बंद हुए, जो पिछले दिन के ₹1,641.75 के बंद स्तर से ऊपर थे। पिछले एक साल में बैंक के शेयरों ने लगभग 15% का रिटर्न दिया है, जबकि पांच साल की अवधि में यह रिटर्न 33% रहा है। हालांकि, 2025 में YTD (वर्ष की शुरुआत से अब तक) आधार पर शेयर की कीमत में 7% की गिरावट दर्ज की गई है।
HDFC Bank के शेयरों ने पिछले वर्ष 9 दिसंबर को ₹1,880 के 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर को छुआ था, जबकि 14 फरवरी को ₹1,363.45 के 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया था। यह उतार-चढ़ाव बाजार की अनिश्चितताओं और ब्याज दरों में बदलाव के प्रति निवेशकों की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, HDFC Bank का तीसरी तिमाही का प्रदर्शन मजबूत रहा, हालांकि एनपीए में वृद्धि और कुछ सेगमेंट्स में गिरावट जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। बैंक के भविष्य के लिए परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार और थोक बैंकिंग सेगमेंट में वृद्धि करना महत्वपूर्ण होगा।
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