IPO में इंडिया का धमाका! अमेरिका को पीछे छोड़ बनी नंबर 1 मार्केट

EY Global IPO Trends 2024 रिपोर्ट से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं! आईपीओ की संख्या के मामले में भारत ने दुनियाभर को पछाड़ते हुए नंबर वन का ताज अपने नाम किया, लेकिन वैल्यू के लिहाज से अमेरिका अब भी सबसे आगे है। यह दिखाता है कि भारतीय कंपनियां तेजी से लिस्ट हो रही हैं, लेकिन अमेरिकी बाजार अब भी बड़े सौदों में लीड कर रहा है।

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IPO की दुनिया में भारत का जलवा!

भारत ने एक बार फिर अपनी ताकत साबित कर दी है! EY Global IPO Trends 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत आईपीओ की संख्या के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच गया है। साल 2024 में भारत में कुल 337 आईपीओ (एसएमई सहित) आए, जबकि अमेरिका इस मामले में काफी पीछे रह गया, जहां केवल 183 आईपीओ ही लाए गए। यूरोप की तुलना में भारत में ढाई गुना ज्यादा आईपीओ आए, जो दर्शाता है कि भारतीय बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। सरकार की इनवेस्टमेंट-फ्रेंडली पॉलिसी और मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ ने इस शानदार प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई है।

IPO से जुटाए गए 20 अरब डॉलर – एक नया रिकॉर्ड!

2024 में भारत ने आईपीओ के जरिए 19.9 अरब डॉलर जुटाए, जो पिछले दो दशकों में सबसे बड़ी रकम है। इससे साफ है कि निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार में लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, वैल्यू के लिहाज से अमेरिका अब भी आगे है, जहां 2024 में आईपीओ के जरिए 32.8 अरब डॉलर जुटाए गए। 2021 के पीक के बाद अमेरिका ने फिर से आईपीओ से जुटाए गए फंड में नंबर वन की पोजीशन हासिल कर ली है। इसके अलावा, इंटरनेशनल लिस्टिंग के मामले में भी अमेरिका सबसे आगे रहा।

मलेशिया में IPO का धमाल!

जहां एक तरफ एशिया-पैसिफिक में लिस्टिंग एक्टिविटी एक दशक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई, वहीं मलेशिया ने इस ट्रेंड को पूरी तरह से पलट दिया। रिपोर्ट के अनुसार, मलेशिया में आईपीओ से जुड़ी गतिविधियां 19 साल की ऊंचाई पर पहुंच गईं। इसके पीछे लिक्विडिटी, बेहतर वैल्यूएशन और सरकार की इकोनॉमिक पॉलिसी की अहम भूमिका रही। इन सब फैक्टर्स की वजह से विदेशी निवेशकों ने मलेशिया के बाजार में बढ़-चढ़कर दिलचस्पी दिखाई।

TMT कंपनियों का दबदबा बरकरार

प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फर्मों ने 2024 के आईपीओ मार्केट को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। दुनियाभर में आईपीओ से जुटाई गई कुल रकम का 46% हिस्सा उन कंपनियों के पास गया, जिन्हें पीई और वीसी कंपनियों का सपोर्ट मिला था। खासकर टेक, मीडिया, टेक्नोलॉजी (TMT), इंडस्ट्रियल और कंज्यूमर सेक्टर की कंपनियों ने इस ट्रेंड को लीड किया। EY की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भी इन सेक्टर्स की कंपनियां आईपीओ से सबसे ज्यादा फंड जुटाने में आगे रह सकती हैं।

भारत की IPO सफलता – क्या आगे भी जारी रहेगी?

भारत का आईपीओ बाजार फिलहाल शानदार प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन आगे की राह चुनौतियों से भरी हो सकती है। ग्लोबल इकोनॉमिक कंडीशंस, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और निवेशकों की धारणा इस ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था, बढ़ती स्टार्टअप कल्चर और निवेश-फ्रेंडली माहौल को देखते हुए, यह संभावना है कि भारत आने वाले वर्षों में भी आईपीओ मार्केट में अपनी लीडरशिप बनाए रखेगा। 

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