IndiQube IPO: ₹850 करोड़ जुटाकर भारत के को-वर्किंग स्पेस मार्केट को बदलने की तैयारी!

WestBridge Capital द्वारा समर्थित IndiQube Spaces ने भारतीय पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास Rs 850 करोड़ के इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है। इस IPO के माध्यम से कंपनी अपने कारोबार को और विस्तार देने के लिए ताजे धन जुटाने की योजना बना रही है।
IndiQube Spaces का IPO दो भागों में बांटा गया है। इसमें Rs 750 करोड़ के ताजे इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि प्रमोटर्स Rishi Das और Meghna Agarwal द्वारा कुल Rs 100 करोड़ के ऑफर-फॉर-सेल (OFS) शेयरों की पेशकश की जाएगी। यह ऑफर-फॉर-सेल उनके द्वारा पहले से रखे गए शेयरों की बिक्री है, जिससे कंपनी को कोई नया पूंजी प्राप्त नहीं होगा।
इससे पहले अक्टूबर में Moneycontrol ने खबर दी थी कि IndiQube, जो को-वर्किंग और मैनेज्ड ऑफिस स्पेस प्रोवाइड करने वाला प्रमुख खिलाड़ी है, IPO के लिए दस्तावेज़ दाखिल करने की तैयारी कर रहा है।
कंपनी की पृष्ठभूमि और निवेशक
IndiQube Spaces की स्थापना 2015 में बैंगलोर में Rishi Das (जो वर्तमान में चेयरमैन, CEO और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं), Meghna Agarwal (COO और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) और Anshuman Das (नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) द्वारा की गई थी। कंपनी ने 2018 और 2019 में प्रमुख निवेशकों WestBridge और Ashish Gupta को अपने पूंजी निवेशक के रूप में जोड़ा।
कंपनी के प्रमोटर्स के पास 70.86 प्रतिशत शेयरधारिता है, यदि सभी कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज़ का पूर्ण रूपांतरण होता है। बाकी 29.14 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है, जिसमें प्रमुख निवेशक WestBridge भी शामिल है।
IPO से पहले संभावित धन जुटाने की योजना
IndiQube Spaces IPO लॉन्च से पहले Rs 150 करोड़ तक का निजी प्लेसमेंट, राइट्स इश्यू या प्रेफरेंशियल ऑफर (प्रे-IPO प्लेसमेंट) के माध्यम से धन जुटा सकती है। यदि ऐसा होता है, तो ताजे इश्यू के आकार को इस धन के मुताबिक कम किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि कंपनी संभावित रूप से IPO के माध्यम से जितनी राशि जुटाने का लक्ष्य रख रही है, वह उससे कम हो सकती है यदि प्री-IPO प्लेसमेंट के माध्यम से धन जुटाया जाता है।
IndiQube का बिजनेस मॉडल और वित्तीय स्थिति
IndiQube Spaces, जो कि एक प्रमुख को-वर्किंग स्पेस प्रोवाइडर है, वर्तमान में 13 प्रमुख शहरों में 103 ऑपरेशनल सेंटरों का पोर्टफोलियो रखता है। इन केंद्रों का कुल क्षेत्रफल 7.76 मिलियन वर्ग फुट है और यहां पर 1,72,451 सीटिंग क्षमता उपलब्ध है। यह कंपनी उन कंपनियों के लिए कार्यस्थल समाधान प्रदान करती है जो फ्लेक्सिबल ऑफिस स्पेस की तलाश में हैं।
हालांकि, कंपनी के लिए पिछले कुछ वर्ष काफी चुनौतीपूर्ण रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी ने Rs 341.5 करोड़ का शुद्ध नुकसान दर्ज किया, जो पिछले वर्ष (2023) के Rs 198 करोड़ के नुकसान से अधिक था। कंपनी के नुकसान का मुख्य कारण ऑपरेटिंग मार्जिन में गिरावट और अन्य खर्चों में तेज़ वृद्धि है।
इसके बावजूद, IndiQube का राजस्व वित्तीय वर्ष 2024 में 43.3 प्रतिशत बढ़कर Rs 830.6 करोड़ हो गया, जो वित्तीय वर्ष 2023 में Rs 579.7 करोड़ था। यह वृद्धि उस समय आई है जब कंपनी के को-वर्किंग स्पेस की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है, खासकर बैंगलोर जैसे प्रमुख शहरों में।
बैंगलोर में IndiQube का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो है, जहां 60 केंद्र हैं, जो कुल 5.04 मिलियन वर्ग फुट क्षेत्र में फैले हुए हैं।
फंड उपयोग योजना
IndiQube IPO से प्राप्त ताजे धन का अधिकांश हिस्सा, यानी Rs 462.6 करोड़, नए को-वर्किंग केंद्रों की स्थापना में लगाया जाएगा। कंपनी का उद्देश्य अपनी उपस्थिति को और मजबूत करना और प्रमुख शहरों में नए केंद्रों को खोलना है। इसके अलावा, Rs 100 करोड़ का उपयोग कंपनी के कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा, क्योंकि कंपनी के पास फिलहाल Rs 227.45 करोड़ का उधारी है। शेष धन का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
कंपनी की प्रतिस्पर्धा और भविष्य की दिशा
IndiQube का मुख्य प्रतिस्पर्धी सूचीबद्ध Awfis Space Solutions है, जो भी को-वर्किंग स्पेस प्रदान करता है। लेकिन IndiQube का व्यापक नेटवर्क और बैंगलोर में मजबूत उपस्थिति उसे प्रतिस्पर्धी माहौल में बेहतर स्थिति में रखती है। कंपनी की योजना भविष्य में तेजी से विस्तार करने की है, ताकि वह बढ़ती हुई मांग को पूरा कर सके और बाजार में अपनी पकड़ को मजबूत कर सके।
IPO के प्रबंधक और समापन प्रक्रिया
IndiQube Spaces के IPO के लिए ICICI Securities और JM Financial को बुक रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है। IPO का प्रबंधन इन प्रमुख निवेश बैंकों द्वारा किया जाएगा, जो इश्यू को लॉन्च करने से लेकर शेयर आवंटन और लिस्टिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से संभालेंगे।
कंपनी की योजना है कि वह IPO के माध्यम से अपनी पूंजी बढ़ाकर अपनी व्यावासिक विकास योजनाओं को आगे बढ़ाए, जबकि निवेशकों के लिए नए अवसरों की पेशकश करे।