
IPO subscription
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IPO Subscription Overview (सामान्य जानकारी)
जब कोई कंपनी अपने शेयर पहली बार आम जनता को ऑफर करती है, तो उसे Initial Public Offering (IPO) कहते हैं। इस दौरान निवेशक कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आवेदन करते हैं। ये आवेदन जितनी अधिक संख्या में आते हैं, उसे IPO Subscription कहा जाता है। हर दिन और हर वर्ग के निवेशकों से मिले आवेदन यह तय करते हैं कि IPO को कितनी मांग मिल रही है। अगर मांग ज्यादा होती है, तो IPO oversubscribed कहलाता है। इसके माध्यम से यह भी पता चलता है कि निवेशकों की उस कंपनी और उसके शेयर में कितनी रुचि है।
📊 IPO Subscription Status – आईपीओ सब्सक्रिप्शन स्थिति
IPO के दौरान निवेशकों द्वारा किए गए कुल आवेदन को देखकर जो आंकड़ा निकलता है, वह होता है सब्सक्रिप्शन स्टेटस। इसे आम तौर पर “x times” (जैसे – 3.6x, 12.8x) में मापा जाता है, जिससे पता चलता है कि IPO कितनी बार सब्सक्राइब हुआ है। यह आंकड़ा हर दिन और हर घंटे अपडेट होता है और NSE तथा BSE की वेबसाइट पर लाइव दिखता है। इससे यह जानना आसान हो जाता है कि किन निवेशक वर्गों में सबसे अधिक उत्साह है।
📅 IPO Bidding Details – आईपीओ बोली विवरण
IPO में बोली लगाना यानी कि निवेशक यह तय करते हैं कि वे कितने शेयर खरीदना चाहते हैं और किस दाम पर। अगर यह IPO Book Built Issue है तो निवेशक प्राइस बैंड के अंदर किसी भी रेट पर बिड कर सकते हैं, जबकि Fixed Price Issue में एक तय रेट होता है। निवेशकों की यह बिडिंग पूरी प्रक्रिया का अहम हिस्सा होती है क्योंकि इसी से तय होता है कि कंपनी को कितना फंड मिलेगा और किस प्राइस पर।
👨👩👧👦 Retail Subscription – रिटेल निवेशकों की सब्सक्रिप्शन
रिटेल निवेशक वे होते हैं जो ₹2 लाख तक की राशि लगाते हैं। रिटेल निवेशकों के लिए आम तौर पर कुल शेयरों का 35% हिस्सा आरक्षित होता है। IPO में रिटेल कैटेगरी सबसे सक्रिय रहती है, क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर छोटे निवेशक भाग लेते हैं। यह कैटेगरी तेजी से सब्सक्राइब होती है और oversubscription भी अक्सर यहीं होता है।
🏦 QIB Subscription – क्यूआईबी सब्सक्रिप्शन (Qualified Institutional Buyers)
QIB में म्यूचुअल फंड्स, बैंक, बीमा कंपनियाँ, एलआईसी, और विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) जैसे बड़े निवेशक शामिल होते हैं। इनका निवेश ₹10 करोड़ या उससे अधिक का भी हो सकता है। ये निवेशक IPO के आखिरी दिन ही बोली लगाते हैं ताकि वे बाजार के रुझान के अनुसार निर्णय ले सकें। QIB को कुल इश्यू का 50% हिस्सा आरक्षित होता है।
👔 NII Subscription – एनआईआई सब्सक्रिप्शन (Non-Institutional Investors)
यह कैटेगरी उन निवेशकों के लिए होती है जो ₹2 लाख से अधिक राशि का निवेश करते हैं, लेकिन QIB नहीं होते। NII कैटेगरी में कई बार हजारों गुना oversubscription भी देखने को मिलता है। इस कैटेगरी को कुल इश्यू का 15% हिस्सा दिया जाता है।
💼 HNI Subscription – एचएनआई सब्सक्रिप्शन (High Net-worth Individuals)
HNI, NII का ही एक हिस्सा होते हैं लेकिन ये बड़े निवेशक होते हैं, जो करोड़ों रुपये की बोली लगाते हैं। ये IPO allotment में अक्सर शेयरों की बड़ी संख्या मांगते हैं। HNI श्रेणी में बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा होती है और oversubscription के चलते allotment की संभावना कम हो जाती है।
📺 IPO Subscription Live – लाइव आईपीओ सब्सक्रिप्शन
IPO खुलने के साथ ही निवेशकों की रुचि देखने के लिए “Live Subscription Status” देखा जाता है। यह NSE और BSE की वेबसाइट पर हर घंटे अपडेट होता है और यह बताता है कि हर वर्ग (Retail, QIB, NII) में कितनी मांग बनी हुई है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि IPO की listing कैसा प्रदर्शन करेगी।
📆 Day-wise Subscription Status – दिन अनुसार सब्सक्रिप्शन स्थिति
IPO आमतौर पर 3 दिनों के लिए खुला होता है। हर दिन का डेटा अलग-अलग प्रकाशित होता है जिससे यह देखा जा सके कि पहले दिन कम या ज्यादा आवेदन हुए, दूसरे दिन मांग बढ़ी या नहीं, और तीसरे दिन कितना तेजी से oversubscription हुआ। यह आंकड़ा IPO में निवेशकों के विश्वास और उत्साह को दर्शाता है।
🚀 IPO Over Subscription – आईपीओ ओवरसब्सक्रिप्शन
जब किसी IPO को जारी किए गए शेयरों से कई गुना अधिक आवेदन मिलते हैं, तो वह oversubscribed हो जाता है। जैसे यदि किसी IPO में 10 लाख शेयर ऑफर किए गए और 1 करोड़ आवेदन आए तो वह 10x oversubscribed कहलाएगा। इससे संकेत मिलता है कि कंपनी की मार्केट में मांग बहुत ज्यादा है और listing पर तेज़ प्रीमियम मिलने की संभावना है।
⚖ IPO Subscription Ratio – आईपीओ सब्सक्रिप्शन अनुपात
IPO में सब्सक्रिप्शन का अनुपात हर वर्ग में अलग होता है। जैसे –
QIB – 18.5x
NII – 42.7x
Retail – 12.3x
इस अनुपात से साफ़ पता चलता है कि किस वर्ग ने कितनी दिलचस्पी दिखाई।
📅 IPO Bidding Date – आईपीओ बोली तिथि
IPO की bidding आमतौर पर 3 कार्यदिवसों के लिए खुलती है। जैसे –
ओपनिंग डेट: 1 मई 2025
क्लोजिंग डेट: 3 मई 2025
इसी अवधि में निवेशकों को आवेदन करना होता है।
👥 IPO Investors Category – आईपीओ निवेशकों की श्रेणी
IPO में निवेशकों को 4 प्रमुख श्रेणियों में बांटा जाता है:
Retail Investors
Qualified Institutional Buyers (QIB)
Non-Institutional Investors (NII)
Anchor Investors (केवल Book Built Issues में)
📈 IPO Demand – आईपीओ की मांग
किसी IPO की demand जितनी अधिक होती है, वह उतनी अधिक oversubscribed होता है। इसकी वजह से listing के समय प्राइस में जबरदस्त उछाल आ सकता है। डिमांड को Live Subscription Ratio और Grey Market Premium (GMP) से मापा जा सकता है।
⏰ Subscription Cut-off Time – सब्सक्रिप्शन की कट-ऑफ टाइम
IPO में बिड करने की एक समय सीमा होती है।
रिटेल निवेशकों के लिए UPI आधारित आवेदन का Cut-off टाइम: शाम 5 बजे
अन्य निवेशकों (QIB/NII) के लिए Cut-off: 4 बजे तक
💳 UPI Mandate Status – यूपीआई मंडेट स्थिति
अगर निवेशक UPI के ज़रिए IPO में आवेदन करते हैं, तो बैंक की तरफ से उन्हें एक Mandate Request मिलती है जिसे उन्हें तय समय में approve करना होता है। अगर समय से यह अनुमति नहीं दी जाती तो IPO आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।
📘 Book Built Issue Subscription – बुक बिल्ट इश्यू की सब्सक्रिप्शन
Book Built इश्यू में कंपनी एक प्राइस बैंड तय करती है (जैसे ₹100 – ₹110)। निवेशक इसी बैंड में किसी भी दाम पर बिड कर सकते हैं। निवेश के अंत में कंपनी सबसे अधिक मांग वाले दाम को Cut-off प्राइस बनाती है।
💰 Fixed Price Issue Subscription – फिक्स्ड प्राइस इश्यू की सब्सक्रिप्शन
Fixed Price Issue में शेयर का मूल्य पहले से तय होता है, निवेशकों को उसी मूल्य पर शेयरों की बिड करनी होती है। इसमें oversubscription होने पर लॉटरी के जरिए शेयरों का आवंटन किया जाता है।
📊 Subscription by Category – श्रेणीवार सब्सक्रिप्शन
हर कैटेगरी का अलग-अलग सब्सक्रिप्शन डेटा प्रकाशित होता है ताकि देखा जा सके कि किस वर्ग ने कितने शेयरों की मांग की। इससे यह समझा जा सकता है कि कौन सा वर्ग IPO को लेकर सबसे ज्यादा सक्रिय है।