नागपुर में हाई रिटर्न के लालच में फंसा व्यवसायी, गंवाए 7.63 करोड़ रुपये!

सारांश
नागपुर में 41 वर्षीय व्यवसायी और एक इंजीनियर हाई रिटर्न के झांसे में आकर क्रमशः 7.63 करोड़ और 20 लाख रुपये की ठगी के शिकार हुए। व्यवसायी से 35% सालाना रिटर्न का वादा किया गया, जबकि इंजीनियर के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर लोन लिया गया। पुलिस ने दोनों मामलों को जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा है।

नागपुर में हाई रिटर्न के लालच में फंसा व्यवसायी, गंवाए 7.63 करोड़ रुपये!

हाई रिटर्न के लालच में फंसा व्यवसायी, गंवाए 7.63 करोड़

नागपुर के एक जाने-माने व्यवसायी जितेंद्र नरहरि जोशी (41) ने 7.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। शिकायत के मुताबिक, जयंत गुलाबराव सुपारे (43) और उनकी पत्नी केसरी (35) ने उन्हें 35% वार्षिक रिटर्न का वादा करते हुए एक स्कीम में निवेश करने के लिए तैयार किया।

जोशी ने शुरुआत में इस स्कीम के तहत अच्छा खासा लाभ अर्जित किया। यह देखकर उन्होंने अपनी बचत और अन्य निवेशों से बड़ी रकम इस योजना में लगा दी। कुल मिलाकर, जोशी ने 7.63 करोड़ रुपये का निवेश किया।

धोखाधड़ी का सिलसिला कब शुरू हुआ?

पुलिस के मुताबिक, 2024 के मध्य तक सब कुछ सही चल रहा था। लेकिन इसके बाद आरोपी दंपति ने न सिर्फ भुगतान करना बंद कर दिया, बल्कि जोशी के बार-बार संपर्क करने पर बातचीत से भी बचने लगे।

जोशी ने बताया कि दंपति ने शुरू में छोटे भुगतान करके भरोसा जीता और फिर उन्हें इस योजना में अपनी सारी पूंजी निवेश करने के लिए प्रेरित किया।

पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

MIDC पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, “यह मामला संगठित वित्तीय धोखाधड़ी का है। आरोपी जयंत और केसरी सुपारे ने बड़ी चालाकी से व्यवसायी को फंसाया। फिलहाल मामले को आगे की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपा गया है।”

अधिकारी ने आगे कहा, “धोखाधड़ी का यह तरीका काफी आम होता जा रहा है, जहां निवेशकों को पहले छोटे लाभ दिए जाते हैं और फिर उनकी पूरी पूंजी हड़प ली जाती है।”


नागपुर में दूसरा मामला: एक इंजीनियर से 20 लाख रुपये की ठगी

एक और मामला नागपुर के बेलतरोडी इलाके से सामने आया है, जहां एक निजी बैंक की कर्मचारी समेत दो महिलाओं पर एक इंजीनियर अजिंक्य माहुरे से 20 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है।

क्या था ठगी का तरीका?

पुलिस के मुताबिक, आरोपी सेजल साधवानी ने खुद को चार्टर्ड अकाउंटेंट बताकर माहुरे को आकर्षक रिटर्न देने का वादा किया। वह माहुरे के एक दोस्त की बहन थी, जिससे उनका भरोसा और बढ़ गया।

सेजल ने अपनी सह-आरोपी रश्मि गवई, जो एक निजी बैंक में काम करती है, के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से माहुरे को जाल में फंसाया।

दस्तावेजों का दुरुपयोग

पुलिस के मुताबिक, सेजल और रश्मि ने माहुरे से आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य निजी जानकारी ली और इनका दुरुपयोग कर 17 लाख रुपये से अधिक का लोन लिया।

शुरुआत में सेजल ने माहुरे से 1 लाख रुपये निवेश करवाए और वादा किया कि यह रकम जल्दी दोगुनी हो जाएगी। इसके बाद उन्होंने 20 लाख रुपये वापस करने का झांसा दिया।

माहुरे को कैसे पता चला?

धोखाधड़ी का पता तब चला जब बैंक और लोन एजेंसियों ने माहुरे से संपर्क कर लोन चुकाने की मांग की। यह सुनकर माहुरे हैरान रह गए क्योंकि उन्होंने कभी लोन लिया ही नहीं था। जब उन्होंने जांच की, तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर धोखे से लोन लिया गया है।

पुलिस का बयान

बेलतरोडी पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया, “आरोपी महिलाओं ने बड़ी चालाकी से पीड़ित के विश्वास का फायदा उठाया। वे उनकी व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल कर लोन लेने में सफल रहीं। फिलहाल दोनों आरोपी फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए कोशिशें जारी हैं।”


बढ़ते वित्तीय अपराध: विशेषज्ञों की राय

नागपुर में इन दोनों मामलों ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि कैसे लालच और अज्ञानता लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना सकती है।

कैसे बचें ऐसी ठगी से?

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश से पहले किसी भी योजना की गहराई से जांच-पड़ताल करना बेहद जरूरी है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  1. सावधानी से दस्तावेज साझा करें: कभी भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे आधार और पैन कार्ड, अपरिचित व्यक्तियों या संस्थानों के साथ साझा न करें।
  2. लालच से बचें: अत्यधिक आकर्षक रिटर्न का वादा करने वाली योजनाओं से बचना चाहिए।
  3. पृष्ठभूमि जांच: निवेश से पहले संबंधित व्यक्ति या कंपनी की पृष्ठभूमि की जांच जरूर करें।
  4. कानूनी सलाह लें: किसी भी बड़े निवेश से पहले कानूनी सलाहकार या वित्तीय विशेषज्ञ से परामर्श करें।

धोखाधड़ी के ये दोनों मामले एक स्पष्ट संकेत हैं कि लोगों को निवेश के नाम पर सतर्क रहने की जरूरत है। चाहे वह हाई रिटर्न का लालच हो या व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग, सावधानी ही सुरक्षा है।

जैसे-जैसे वित्तीय अपराध बढ़ रहे हैं, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ-साथ जनता की जागरूकता भी इनसे निपटने में अहम भूमिका निभाएगी।

सावधान रहें, सतर्क रहें! वित्तीय मामलों में छोटी सी लापरवाही बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।

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