NSE ने रचा इतिहास: IPO से जुटाए 1.67 लाख करोड़, ग्लोबल मार्केट में बढ़ी धाक

2024 में दुनियाभर में 1,145 आईपीओ लॉन्च हुए, जो 2023 के 1,271 आईपीओ की तुलना में कम हैं। भारत ने इस गिरावट के बीच अपनी दमदार मौजूदगी से चार्ट में टॉप पोजिशन हासिल की। (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का कहना है कि भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और निवेशकों के भरोसे ने यह उपलब्धि संभव बनाई।

NSE ने रचा इतिहास: IPO से जुटाए 1.67 लाख करोड़, ग्लोबल मार्केट में बढ़ी धाक

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 2024 में एशिया में सबसे ज्यादा आईपीओ और वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक इक्विटी पूंजी जुटाने का नया कीर्तिमान स्थापित किया। एनएसई की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल कुल 268 आईपीओ लॉन्च हुए, जिनमें मेनबोर्ड पर 90 और एसएमई सेगमेंट में 178 आईपीओ शामिल थे।

इन सभी आईपीओ के माध्यम से कुल ₹1.67 लाख करोड़ की पूंजी जुटाई गई, जिसने भारत को वैश्विक निवेश मानचित्र पर एक मजबूत पहचान दिलाई। NSE ने इस सफलता को भारतीय बाजार की मजबूती और निवेशकों के भरोसे का प्रतीक बताया है।

2024 में लॉन्च हुए 1,145 IPO

2024 ने वैश्विक बाजारों में आईपीओ की नई कहानी लिखी, जहां कुल 1,145 आईपीओ लॉन्च हुए। हालांकि यह संख्या 2023 के 1,271 आईपीओ से कम रही, लेकिन भारत ने अपनी मजबूती से सबको पीछे छोड़ते हुए चार्ट में टॉप स्थान हासिल किया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 268 कंपनियों को आईपीओ लाने में मदद की, जिसमें भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ और हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड का 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आईपीओ शामिल है, जो वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा रहा। ये आँकड़े भारत के कैपिटल बाजार में बढ़ते निवेशकों के भरोसे और संभावनाओं की झलक दिखाते हैं।

SME सेगमेंट की चमक: जुटाए करोड़ों का निवेश

एसएमई सेगमेंट ने 2024 में सामूहिक रूप से लगभग ₹7,349 करोड़ (0.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर) जुटाकर अपनी ताकत और संभावनाओं का परिचय दिया। एनएसई के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था की लचीलापन और विकास क्षमता का प्रतीक बताया।

उन्होंने कहा कि इस साल आईपीओ की रिकॉर्ड संख्या ने न केवल भारत को, बल्कि एनएसई को भी एशिया के अन्य बड़े एक्सचेंजों जैसे जापान एक्सचेंज ग्रुप, हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज, और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज से आगे खड़ा किया है। यह उपलब्धि भारतीय बाजारों के प्रति वैश्विक निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।

NSE का बयान: भारतीय बाजार की मजबूती है कारण

2025 में, एनएसई ने अपनी प्रतिबद्धता को फिर से जाहिर करते हुए कहा कि वह अधिक पूंजी जुटाने और व्यवसायों को सपोर्ट करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म को और मजबूत करेगा। भारत के तेजी से बढ़ते शेयर बाजार में जो अवसर मौजूद हैं, उन्हें देखते हुए कई कंपनियां अब अपने शेयर सूचीबद्ध करने की योजना बना रही हैं, और इनमें से कई ने शानदार मुनाफा भी कमाया है। आईपीओ इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा है, जहां कंपनियां निवेशकों से इक्विटी पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयर जनता को बेचती हैं, जिससे उन्हें अपने विस्तार और विकास के लिए जरूरी पूंजी मिलती है।

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