भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट: 1,100 से अधिक स्टॉक्स 52-वीक लो पर, Tata Motors और RIL भी शामिल

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई, जिससे 1,100 से अधिक स्टॉक्स अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कमजोर कॉर्पोरेट नतीजे और वैश्विक व्यापार चिंताओं के कारण बाजार में भारी दबाव बना हुआ है।
इस गिरावट की चपेट में कई ब्लू-चिप स्टॉक्स भी आ गए। Tata Motors, Reliance Industries Ltd (RIL), State Bank of India, Asian Paints, Hindustan Unilever और Titan जैसे दिग्गज शेयरों ने 52-सप्ताह का निचला स्तर छू लिया। BSE 500 इंडेक्स में भी व्यापक कमजोरी देखी गई, जहाँ Bank of Baroda, Angel One, Bajaj Auto, Adani Green, BEML, BHEL, Canara Bank, DMart, Dr. Reddy’s, LIC, YES Bank और Britannia जैसे स्टॉक्स भी 52-सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए।
Asian Paints 2.3% गिरकर ₹2,128.05 पर पहुंच गया। Hindustan Unilever 1.5% गिरकर ₹2,158.55 पर बंद हुआ। Reliance Industries 3.6% गिरकर ₹1,156 पर पहुंचा। Tata Motors 2.3% की गिरावट के साथ ₹606.2 पर बंद हुआ। State Bank of India ₹679.65 और Titan ₹3,058.85 पर 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुँच गए।
Nifty 50 ने फरवरी के अंत तक लगातार आठवें दिन गिरावट दर्ज की, जिससे यह अपने ऑल-टाइम हाई 26,277 से करीब 16% नीचे आ गया। अब यह सिर्फ 1,103 पॉइंट दूर है उस स्तर से, जहाँ इसे ‘बेयर मार्केट’ घोषित किया जा सकता है। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स को सबसे अधिक नुकसान हुआ। BSE Smallcap इंडेक्स फरवरी में 14% लुढ़क गया, जबकि Nifty Midcap 100 में 10.8% की गिरावट आई।
Kotak Securities के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने पिछले पांच महीनों में भारतीय शेयरों से ₹3 लाख करोड़ से अधिक की बिकवाली की। अकेले फरवरी में उन्होंने ₹58,988 करोड़ के शेयर बेचे।
अमेरिका में संभावित नए टैरिफ और वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंताओं के चलते निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है। Kotak Securities के मुताबिक, “बाजार पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कमजोर कॉर्पोरेट नतीजों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का नकारात्मक प्रभाव दिख रहा है।”
FY25 की तीसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.2% रही, जो पिछली तिमाही के 5.6% से बेहतर है। जनवरी में खुदरा महंगाई दर (CPI) 4.3% रही, जो दिसंबर में 5.2% थी। RBI ने फरवरी में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे ब्याज दरों में नरमी आई।
भले ही बाजार में गिरावट जारी है, लेकिन भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी हुई है। Kotak Securities के अनुसार, FY26 में GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है। “इस तरह के बाजार परिदृश्य में निवेशकों को एक रणनीतिक और चयनात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और गिरावट में उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक्स को खरीदने पर ध्यान देना चाहिए,” ब्रोकरेज ने सलाह दी।
भारतीय शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट विदेशी बिकवाली, वैश्विक अनिश्चितताओं और कमजोर कॉर्पोरेट नतीजों के कारण हो रही है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह सही अवसर हो सकता है कि वे मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश करें और सही रणनीति अपनाएं।

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