SME IPO में निवेश से पहले सावधान रहें, SEBI चेयरमैन तुहिन कांता पांडे की सख्त चेतावनी

नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025: देश में SME (छोटे और मध्यम उद्यम) IPOs की बाढ़ के बीच भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने निवेशकों को सतर्कता बरतने की सख्त सलाह दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि SME IPOs में दिखने वाले उच्च रिटर्न वास्तविकता से दूर हो सकते हैं और निवेशकों को बिना पूरी जानकारी के निवेश नहीं करना चाहिए।
तुहिन कांता पांडे, जो 1987 बैच के ओडिशा कैडर के IAS अधिकारी हैं और हाल ही में SEBI प्रमुख के रूप में नियुक्त हुए हैं, ने Moneycontrol को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि निवेशकों को केवल तात्कालिक पूंजी लाभ (Capital Gains) की उम्मीद में SME IPOs की ओर आकर्षित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि खुलासे (Disclosures) बेहद अहम हैं। निवेशकों को यह समझना चाहिए कि जो आंकड़े और जानकारी उनके सामने हैं, वो उनके निवेश के निर्णय में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। कई बार जो रिटर्न दिखते हैं, वो स्थायी नहीं होते, बल्कि भ्रम पैदा करते हैं।”
SME IPOs का रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन
भारत में SME IPO बाज़ार पिछले दो वर्षों में तेजी से बढ़ा है। 2023 में 181 SME कंपनियों ने IPO लाकर कुल ₹4,664 करोड़ की राशि जुटाई थी। यह अब तक का रिकॉर्ड था, लेकिन 2024 में इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 240 SME IPOs बाज़ार में आए और ₹8,761 करोड़ जुटाए गए। यह लगभग 88% की साल-दर-साल वृद्धि को दर्शाता है।
वर्तमान वर्ष 2025 की बात करें तो जनवरी से मार्च तक केवल तीन महीनों में ही 55 SME IPOs आ चुके हैं और इनके माध्यम से ₹2,370 करोड़ से अधिक की राशि जुटाई गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि मार्च 2025 में जब एक भी मेनबोर्ड IPO नहीं आया, तब SME सेगमेंट में 15 IPO लॉन्च हुए। इससे SME सेक्टर की मौजूदा गतिशीलता और लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
निवेशकों के लिए बढ़ते जोखिम
हालांकि, इतनी तेज़ी से हो रही फंड जुटाने की गतिविधियों ने SEBI को सतर्क कर दिया है। चेयरमैन पांडे ने कहा कि कुछ SME IPOs में अस्वाभाविक रूप से अधिक सब्सक्रिप्शन और लॉजिक से परे लिस्टिंग गेन देखने को मिले हैं। ऐसे मामलों में “Pump and Dump” रणनीति की आशंका है, जहां किसी शेयर को कृत्रिम रूप से चढ़ाया जाता है और फिर उसे ऊँचे दाम पर बेच दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि कई निवेशक फिनफ्लुएंसर्स (Finfluencers) के प्रभाव में आकर ग़लत सलाह पर निवेश कर रहे हैं। ये फिनफ्लुएंसर्स बिना किसी वैध योग्यता या लाइसेंस के स्टॉक्स की सिफारिश कर रहे हैं। पांडे ने दो टूक कहा, “हमने ऐसे मामलों की पहचान की है, जहां ‘पंप एंड डंप’ रणनीति अपनाई गई। जो लोग ग़लत सलाह देकर निवेशकों को गुमराह कर रहे हैं, उन पर हम सख्ती से कार्रवाई करेंगे।”
नियामकीय समीक्षा और अगला कदम
SEBI ने SME IPO सेगमेंट के लिए हाल ही में कुछ नियमों को सख्त किया है। मुख्यबोर्ड के विपरीत, SME IPO दस्तावेजों की समीक्षा अब सीधे SEBI नहीं, बल्कि स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा की जाती है, जिससे एक्सचेंजों की भूमिका भी अब पहले से ज्यादा ज़िम्मेदार बन गई है।
तुहिन कांता पांडे ने कहा कि यदि SME IPO बाजार में गड़बड़ियां जारी रहती हैं, तो SEBI उद्योग से परामर्श करके नियामकीय ढांचे की पुन: समीक्षा करेगा और ज़रूरत पड़ी तो नए सख्त नियम लागू किए जाएंगे।