शेयर बाजार में भारी गिरावट, 283 कंपनियों के शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर

संक्षेप:-
भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट दर्ज की गई, जहां 283 कंपनियों के शेयर अपने 52 हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गए, जिनमें एडानी ग्रीन, टाटा मोटर्स और एसबीआई जैसे बड़े नाम शामिल हैं। वैश्विक बाजारों की कमजोरी, विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी और व्यापारिक तनाव इस गिरावट के प्रमुख कारण रहे। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यदि नकारात्मक माहौल जारी रहा तो बाजार में अस्थिरता और गिरावट आगे भी बनी रह सकती है।

शेयरबाजार
आज के शेयर बाजार में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली है। एडानी ग्रीन एनर्जी से लेकर टाटा मोटर्स तक, कुल 283 कंपनियों के शेयरों ने अपने 52 हफ्तों के निचले स्तर को छू लिया है। यानी, पिछले एक साल में इन शेयरों की कीमत इतनी नीचे नहीं आई थी, जितनी आज आ गई है। सवाल यह है कि क्या आपके पोर्टफोलियो में इनमें से कोई शेयर है? अगर है, तो आपको इस गिरावट का सीधा असर देखने को मिल सकता है।

क्यों गिरा बाजार?

इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं। पहला, वैश्विक बाजारों में कमजोरी का माहौल है। अमेरिकी बाजार में भी कमजोरी देखी जा रही है, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ रहा है। दूसरा, विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। यह पूंजी की निकासी बाजार के लिए अच्छा संकेत नहीं है। तीसरा, अमेरिका और अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है। अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ (आयात शुल्क) को लेकर चिंता बढ़ी है, जिसका असर निर्यात पर निर्भर कंपनियों पर पड़ रहा है।

किन कंपनियों के शेयर गिरे?

आज कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। इनमें एडानी ग्रीन एनर्जी, अपोलो टायर्स, भारत फोर्ज, डिश टीवी, जीएमएम पफाउडलर, जमना ऑटो इंडस्ट्रीज, लेटेंटव्यू, नैटको फार्मा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा मोटर्स, वाक्रेंजी और व्हर्लपूल जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन सभी के शेयरों ने आज अपने 52 हफ्तों के निचले स्तर को छू लिया।

इसके अलावा, बजाज इलेक्ट्रिकल्स, सीरा सैनिटेरीवेयर, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक, जेके पेपर, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स, एनसीसी, रत्नमणि मेटल्स एंड ट्यूब्स, रिलैक्सो फुटवियर्स, सन टीवी, टाटा एल्क्सी और टिमकेन इंडिया जैसी कंपनियों के शेयर भी पिछले एक साल में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए।

सेंसेक्स में भारी गिरावट

भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक, सेंसेक्स, लगातार पांचवें सत्र में गिरावट के साथ 800 अंक से अधिक नीचे आ गया है। यह गिरावट वैश्विक बाजारों में चल रही नकारात्मकता और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार पूंजी निकाले जाने के कारण हुई है। सेंसेक्स की यह गिरावट बाजार में चल रही अस्थिरता और निवेशकों के बीच बढ़ती चिंता को दर्शाती है।

निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा?

इस गिरावट का सीधा असर निवेशकों पर पड़ेगा। जिन निवेशकों के पोर्टफोलियो में इन कंपनियों के शेयर हैं, उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। खासकर, जो क्षेत्र निर्यात पर निर्भर हैं, जैसे ऑटोमोबाइल, टायर, फार्मा और बैंकिंग, उन पर इसका ज्यादा असर देखने को मिल सकता है।

आगे क्या होगा?

अगर वैश्विक बाजारों में यह नकारात्मकता जारी रहती है और विदेशी निवेशक पैसा निकालना जारी रखते हैं, तो भारतीय बाजार में यह अस्थिरता और गिरावट आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है और अपने पोर्टफोलियो को समय-समय पर रिव्यू करते रहना चाहिए।

इस समय बाजार में जोखिम ज्यादा है, इसलिए निवेशकों को कोई भी निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह से विश्लेषण करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।

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