सोना हुआ सस्ता, लेकिन चांदी की कीमत में उछाल! जानें आज के ताजा भाव और बाजार का हाल
सोने की कीमत लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ 87,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जबकि चांदी 600 रुपये बढ़कर 97,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियां सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों की सतर्कता बढ़ गई है।

सोने की कीमत में गिरावट, लेकिन चांदी की चमक बरकरार!
लगातार दूसरे दिन सस्ता हुआ सोना
कमजोर वैश्विक रुझानों के चलते सोने की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 340 रुपये गिरकर 87,960 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। वहीं, 99.5% शुद्धता वाला सोना भी इसी अनुपात में गिरावट के साथ 87,560 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अमेरिकी आर्थिक नीतियों और वैश्विक बाजार की अनिश्चितता के कारण हो रही है।
चांदी की कीमत में जबरदस्त उछाल
जहां एक तरफ सोने के दाम में गिरावट देखने को मिली, वहीं चांदी की कीमतों में 600 रुपये की तेजी दर्ज की गई। चांदी अब 97,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जिससे निवेशकों में नई उम्मीदें जागी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, औद्योगिक मांग में इजाफे के कारण चांदी की कीमतों में यह उछाल आया है।
एमसीएक्स पर भी गिरावट, सोने का वायदा हुआ कमजोर
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर भी सोने के वायदा सौदों में गिरावट देखी गई। अप्रैल डिलीवरी वाले सोने का अनुबंध 659 रुपये या 0.77% गिरकर 84,864 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। यह संकेत देता है कि बाजार में फिलहाल दबाव बना हुआ है और निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
एक्सपर्ट्स की राय: सोने की चाल पर नजर रखना जरूरी
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी वाइस प्रेसिडेंट जतीन त्रिवेदी के मुताबिक, कॉमेक्स और एमसीएक्स दोनों बाजारों में गिरावट के बावजूद यह सोने के लिए एक राहत की स्थिति हो सकती है। उनका कहना है कि अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़े इस बात का संकेत देंगे कि ब्याज दरों में आगे कटौती होगी या नहीं, जिससे सोने की दिशा तय होगी।
फेडरल रिजर्व की नीति का असर
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने बताया कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणी के बाद सोने में गिरावट आई है। पॉवेल ने साफ कर दिया है कि ब्याज दरों में जल्द कटौती की कोई संभावना नहीं है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। इससे अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में इजाफा हुआ, जिसका सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना कमजोर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने में गिरावट देखने को मिली है। कॉमेक्स गोल्ड वायदा 26 डॉलर गिरकर 2,906.60 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। वहीं, चांदी का भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 0.56% की गिरावट के साथ 32.14 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार हुआ। इसका मतलब यह है कि वैश्विक स्तर पर भी निवेशक फिलहाल सतर्कता बरत रहे हैं।
क्या आगे बढ़ेगी सोने की कीमत?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत मिलते हैं या ट्रेड वॉर जैसी कोई बड़ी घटना होती है, तो सोने की कीमतों में दोबारा उछाल देखने को मिल सकता है। फिलहाल, निवेशकों को सतर्क रहने और बाजार के रुझानों पर पैनी नजर रखने की सलाह दी जा रही है।
👉 निष्कर्ष: सोने की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है, लेकिन चांदी ने मजबूती दिखाई है। बाजार की अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक हालात के कारण निवेशकों को सोच-समझकर फैसले लेने की जरूरत है।
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