TCS & Infosys Salary Hike: आईटी प्रमुख अप्रैल 2025 से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक वेतन में 8% तक की वृद्धि करने के लिए तैयार

TCS ने अप्रैल 2025 से अपने कर्मचारियों की सैलरी में 4-8 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की घोषणा की है, जो कर्मचारियों के ऑफिस लौटने की नीति से जुड़ी होगी, जबकि इंफोसिस भी अपनी सैलरी वृद्धि 5-8 प्रतिशत के बीच करने की योजना बना रहा है, बावजूद इसके आईटी इंडस्ट्री में वृद्धि दर धीमी पड़ चुकी है।
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TCS सैलरी हाइक: भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी Tata Consultancy Services (TCS) ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए 4 से 8 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की घोषणा की है। यह सैलरी हाइक अप्रैल 2025 से लागू होगी, और यह कंपनी के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा। इस वृद्धि को लेकर अधिकतर कर्मचारी उत्साहित हैं, लेकिन कुछ कर्मचारियों का मानना है कि यह वृद्धि अपेक्षाकृत कम होगी, खासकर पिछले कुछ वर्षों से लगातार कम होती जा रही सैलरी वृद्धि के कारण।

TCS ने इस सैलरी हाइक को अपनी कार्यस्थल नीति के साथ जोड़ दिया है, खासकर कर्मचारियों के ऑफिस लौटने के निर्देशों से। 2024 की शुरुआत में TCS ने सभी कर्मचारियों को ऑफिस लौटने का आदेश दिया था, और अब सैलरी वृद्धि तथा वेरिएबल पेमेन्ट (जिसे बोनस या प्रदर्शन आधारित पे भी कहा जाता है) को कर्मचारियों के इस आदेश का पालन करने से जोड़ा गया है। यानी, जो कर्मचारी ऑफिस लौटेंगे और जो नए वर्किंग नॉर्म्स का पालन करेंगे, उन्हें बेहतर सैलरी वृद्धि मिलेगी। हालांकि, जिन कर्मचारियों ने इस नीति का पालन नहीं किया, उनकी सैलरी वृद्धि में कमी हो सकती है।

TCS के एक कर्मचारी ने रिपोर्ट में बताया, “हमें बताया गया है कि सैलरी वृद्धि 4-8 प्रतिशत के बीच होगी। हालांकि, यह वृद्धि कुछ विशेष बिज़नेस वर्टिकल्स (व्यावसायिक शाखाओं) के प्रदर्शन के आधार पर भिन्न हो सकती है। जिन विभागों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें बेहतर वृद्धि मिलेगी, लेकिन कुल मिलाकर सैलरी वृद्धि उतनी अधिक नहीं होगी जितनी पहले हुआ करती थी।” उन्होंने यह भी बताया कि पिछले कुछ सालों से TCS में सैलरी वृद्धि की दर लगातार घट रही है, जिससे कर्मचारियों के मनोबल पर असर पड़ा है।

TCS ने इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, और न ही इस हाइक से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर दिया है। हालांकि, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सैलरी वृद्धि अक्टूबर से दिसंबर के बीच दिए जाने वाले क्वार्टरली वेरिएबल पे (QVP) के बाद होगी, जो केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा जो इसकी पात्रता पूरी करते हैं। उच्च पदों पर बैठे कर्मचारियों को कम वेरिएबल पेमेन्ट मिलेगा, जो 20 से 40 प्रतिशत के बीच हो सकता है, जबकि अन्य कर्मचारियों को यह पेमेन्ट अधिक मिल सकता है।

कंपनी में आठ साल से काम कर रहे एक अन्य कर्मचारी ने कहा, “पिछले तीन से पांच वर्षों में सैलरी वृद्धि बेहद कम रही है। कंपनी की सैलरी पॉलिसी में बदलाव के बाद से ही वृद्धि का स्तर गिरा है। यह तब और स्पष्ट हुआ जब N Chandrasekaran ने CEO का पद छोड़ दिया, और उसके बाद से सैलरी वृद्धि में और भी कमी आ गई।”

भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी Infosys ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। इंफोसिस ने घोषणा की है कि वह अपने कर्मचारियों के लिए सैलरी हाइक पर काम कर रहा है और मार्च 2025 के अंत तक कर्मचारी सैलरी पुनरीक्षण पत्र प्राप्त करेंगे। इस पुनरीक्षण के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी में 5 से 8 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, इंफोसिस सैलरी वृद्धि को डिलीवरी यूनिट्स की सिफारिशों के आधार पर करेगा, जो विभागों और टीमों के प्रदर्शन पर आधारित होगी।

भारत की आईटी इंडस्ट्री, जिसकी कुल मूल्य $254 बिलियन है, पिछले कुछ वर्षों से धीमी वृद्धि का सामना कर रही है। कोविड-19 के दौरान जब डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और रिमोट वर्किंग की मांग बढ़ी थी, तब इंडस्ट्री ने तेज़ विकास देखा था, लेकिन अब वह वृद्धि रुक गई है। कोविड के बाद आई आर्थिक मंदी और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण अब इंडस्ट्री में वृद्धि दर एकल अंकों में सिमट गई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की आईटी कंपनियों को अब अपनी रणनीतियों को फिर से बनाना होगा और नए कारोबारी मॉडल अपनाने होंगे।

इस धीमी वृद्धि के बावजूद, भारत के आईटी दिग्गज जैसे TCS और Infosys अपनी कार्यस्थल नीतियों और कर्मचारियों की सैलरी वृद्धि को लेकर सावधानी से कदम उठा रहे हैं, ताकि वे कर्मचारियों को प्रेरित कर सकें और कंपनी की वृद्धि को बनाए रख सकें। हालांकि, आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये कंपनियां कर्मचारियों के मनोबल और प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए कौन-कौन से उपाय करती हैं।

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