सैम कॉन्स्टास से झड़प पर विराट कोहली पर जुर्माना, बैन से बाल-बाल बचे

Summary:-
विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया के 19 वर्षीय खिलाड़ी सैम कॉन्स्टास के साथ मैदान पर हुई झड़प के लिए 20% मैच फीस का जुर्माना और एक डिमेरिट पॉइंट मिला। आईसीसी ने इसे लेवल 1 अपराध मानते हुए सजा दी, जिससे कोहली सिडनी टेस्ट खेलने से नहीं चूकेंगे। सैम कॉन्स्टास ने इसे खेल के दौरान भावनाओं का असर बताते हुए सामान्य घटना कहा।

IND vs AUS 2024

चौथे टेस्ट के पहले दिन मेलबर्न में भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली और ऑस्ट्रेलिया के युवा खिलाड़ी सैम कॉन्स्टास के बीच हुए विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरीं। इस घटना के कारण विराट कोहली पर उनकी मैच फीस का 20% जुर्माना लगाया गया और उन्हें एक डिमेरिट पॉइंट दिया गया।

यह घटना मोहम्मद सिराज के 10वें ओवर के बाद हुई, जब सिराज और 19 वर्षीय कॉन्स्टास के बीच कुछ तीखी बातचीत हुई। इसके बाद, जब ओवर बदलते समय दोनों टीमें अपनी-अपनी जगह ले रही थीं, कोहली ने सैम कॉन्स्टास को कंधे से टक्कर मारी।

विशेषज्ञों की राय

इस घटना के बाद क्रिकेट जगत में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं। रिकी पोंटिंग ने कोहली को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह अनावश्यक था। वहीं, रवि शास्त्री ने भी कोहली की हरकत को अनुचित बताते हुए इसे टाला जा सकने वाला कृत्य कहा।

आईसीसी के नियमों का उल्लंघन

आईसीसी के नियमों के अनुसार, “किसी भी प्रकार का अनुचित शारीरिक संपर्क क्रिकेट में पूरी तरह से वर्जित है।” घटना की जांच करने वाले मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने इसे लेवल 1 अपराध माना, जिसके तहत कोहली पर जुर्माना लगाया गया।

हालांकि, यदि इसे लेवल 2 अपराध माना जाता, तो कोहली को 3 या 4 डिमेरिट पॉइंट्स मिल सकते थे। चार डिमेरिट पॉइंट्स होने पर खिलाड़ी अगले मैच से निलंबित हो जाता है। लेकिन इस सजा के बाद कोहली अगले सिडनी टेस्ट (3 जनवरी से शुरू) में खेलेंगे।

सैम कॉन्स्टास का बयान

अपनी पारी के दौरान 60 रन बनाकर जडेजा की गेंद पर LBW आउट हुए सैम कॉन्स्टास ने इस विवाद पर बात करते हुए कहा, “मैदान पर भावनाएं हावी हो जाती हैं। मैं अपने ग्लव्स ठीक कर रहा था, तभी मुझे हल्की टक्कर महसूस हुई। ये सब खेल का हिस्सा है।”

कॉन्स्टास का शानदार प्रदर्शन

डेब्यू मैच खेल रहे सैम कॉन्स्टास ने अपने साहसी खेल से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने जसप्रीत बुमराह के खिलाफ एक अनोखी रणनीति अपनाते हुए उनकी गेंदों को रैंप करने की कोशिश की। भले ही शुरुआत में उन्हें इसका फायदा न मिला हो, लेकिन बाद में उन्होंने बुमराह की गेंदों पर कई चौके लगाए।

उन्होंने उस्मान ख्वाजा के साथ पहले विकेट के लिए 89 रनों की साझेदारी की, जिससे ऑस्ट्रेलिया को मजबूत शुरुआत मिली।

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