कभी भारत का नंबर 1 स्मार्टफोन ब्रांड, आज बाजार में टिके रहने के लिए जूझ रही Xiaomi
संक्षेप:-
Xiaomi, जो कभी भारत की नंबर 1 स्मार्टफोन कंपनी थी, अब सातवें स्थान पर खिसक गई है, Vivo, Samsung, Oppo, Apple, Realme और Motorola से पीछे। ऑफलाइन बाज़ार में कमजोर पकड़, प्रीमियम सेगमेंट में असफलता, और मैनेजमेंट में बदलाव इसकी गिरावट के बड़े कारण हैं। कंपनी अब “Smartphone + IoT” रणनीति के साथ वापसी की कोशिश कर रही है, लेकिन कानूनी विवाद और कड़ी प्रतिस्पर्धा इसकी राह मुश्किल बना रहे हैं।

1. ऑफलाइन बाज़ार में हार, ऑनलाइन में टक्कर
Xiaomi की कामयाबी का राज था ऑनलाइन सेल्स मॉडल। लेकिन जैसे ही भारत में Vivo और Oppo ने अपने ऑफलाइन रिटेल नेटवर्क को मजबूत किया, Xiaomi पिछड़ने लगी। आज भी भारत में ज्यादातर ग्राहक फोन खरीदने से पहले उसे हाथ में पकड़कर देखना चाहते हैं। Samsung और Oppo जैसी कंपनियां इसी का फायदा उठा रही हैं, जबकि Xiaomi इस मोर्चे पर संघर्ष कर रही है।
Motorola जैसे ब्रांड ने ऑनलाइन स्पेस में Xiaomi को कड़ी टक्कर दी है। Flipkart और Amazon पर भी अब Xiaomi का जलवा पहले जैसा नहीं रहा।
2. प्रीमियम सेगमेंट में ‘इमेज क्राइसिस’
Xiaomi ने हाल ही में प्रीमियम स्मार्टफोन बाज़ार में एंट्री लेने की कोशिश की, लेकिन ग्राहक कन्फ्यूज़ हो गए। पहले ये ब्रांड 7,000 से 15,000 रुपये की रेंज में मास-मार्केट फोन बेचता था, अब अचानक 50,000-1,00,000 रुपये के फोन्स लेकर आ गया। इस सेगमेंट में Apple और Samsung पहले से मजबूत थे, और Xiaomi को ग्राहक एक ‘प्रीमियम’ ब्रांड के रूप में देखने को तैयार नहीं थे।
“कोई भी ब्रांड ₹7,000 से लेकर ₹1 लाख तक की रेंज में सब कुछ नहीं बेच सकता, सिवाय Samsung के,” इंडस्ट्री एक्सपर्ट अजय शर्मा ने कहा।
3. स्टॉक इश्यू और लेट लॉन्चिंग
Xiaomi को पुराने स्टॉक से भी परेशानी हुई। कुछ महीनों से कंपनी के पास एक्स्ट्रा इन्वेंटरी थी, जिससे नए फोन्स की सेल प्रभावित हुई। जनवरी 2025 में बहुत कम नए फोन लॉन्च हुए, जिससे बाजार में कंपनी की पकड़ और ढीली हो गई।
4. मैनेजमेंट में उठापटक
Xiaomi के अंदर भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। नवंबर 2024 में प्रेसिडेंट मुरलीकृष्णन बी ने इस्तीफा दे दिया। COO के तौर पर Motorola इंडिया के पूर्व हेड सुधिन माथुर को लाया गया। फरवरी 2025 में कंपनी ने संदीप सिंह अरोड़ा को नया चीफ बिजनेस ऑफिसर बनाया। इस बदलाव के बावजूद, Xiaomi अभी तक ठोस वापसी नहीं कर पाई है।
5. कानूनी विवाद और सरकारी जांच
Xiaomi पर विदेशी मुद्रा उल्लंघन और टैक्स चोरी के आरोप लगे हैं। इसे प्रवर्तन निदेशालय (ED), इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और कस्टम्स जैसी एजेंसियों की जांच का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में Xiaomi के सब-ब्रांड POCO पर भी ऑफलाइन रिटेलर्स ने प्रतिस्पर्धा-विरोधी नीतियों का आरोप लगाया है, जिससे ब्रांड की छवि और प्रभावित हुई है।
अब आगे क्या?
Xiaomi ने 2025 के लिए एक नई रणनीति बनाई है – “Smartphone + IoT”. यानी अब यह सिर्फ स्मार्टफोन नहीं, बल्कि स्मार्ट होम डिवाइसेज़ और IoT प्रोडक्ट्स पर भी फोकस करेगी। साथ ही, कंपनी प्रीमियम सेगमेंट में दोबारा कोशिश कर रही है।
लेकिन सवाल ये है – क्या ग्राहक अब भी Xiaomi पर भरोसा करेंगे? या फिर यह ब्रांड भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में सिर्फ एक भूली-बिसरी कहानी बनकर रह जाएगा?
आपका क्या मानना है? Xiaomi दोबारा वापसी कर पाएगी या नहीं? नीचे कमेंट में बताइए! 🚀

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