Zomato Q3: राजस्व में 64% की वृद्धि, चुनौतियों के बावजूद शुद्ध लाभ में गिरावट

1. राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि
Zomato ने दिसंबर 2024 की तिमाही के लिए ₹5,405 करोड़ का कुल राजस्व अर्जित किया, जो दिसंबर 2023 के ₹3,288 करोड़ के मुकाबले 64.4% अधिक है। यह वृद्धि कंपनी की मुख्य सेवाओं जैसे कि भारत में फूड डिलीवरी, हाइपरप्योर सप्लाई (B2B बिजनेस), और क्विक कॉमर्स सेगमेंट के विस्तार के कारण हुई है। भारत के फूड डिलीवरी सेगमेंट ने अकेले ₹2,072 करोड़ का योगदान दिया, जो पिछले साल की तुलना में 21.6% अधिक है। इसके अलावा, हाइपरप्योर बिजनेस, जो रेस्तरां को सीधे फार्म-टू-फोर्क सामग्री की आपूर्ति करता है, ने ₹1,671 करोड़ की आय अर्जित की, जो 94.5% की बढ़ोतरी को दर्शाता है।
2. खर्च में वृद्धि और नई चुनौतियां
Zomato का कुल खर्च ₹5,533 करोड़ रहा, जो दिसंबर 2023 के ₹3,383 करोड़ की तुलना में 63.5% अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से कर्मचारियों की संख्या में इजाफा, मार्केटिंग और डिलीवरी खर्च में बढ़ोतरी के कारण हुई है। “क्विक कॉमर्स” सेगमेंट में निवेश और ऑपरेशन के विस्तार ने लागत को बढ़ाया। डिलीवरी और संबंधित खर्च ₹1,450 करोड़ रहा, जो पिछले साल ₹1,068 करोड़ था। हालांकि, इन बढ़ते खर्चों के बावजूद, कंपनी ने अपने बिजनेस मॉडल को और मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।
3. शुद्ध लाभ में गिरावट के पीछे कारण
दिसंबर 2024 में Zomato का शुद्ध लाभ ₹59 करोड़ रहा, जो दिसंबर 2023 के ₹138 करोड़ की तुलना में कम है। यह गिरावट कंपनी की बढ़ी हुई ऑपरेशनल लागत और कर विवादों के कारण है। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जीएसटी प्राधिकरण द्वारा लगाए गए कर दावों ने कंपनी के मुनाफे पर असर डाला। हालांकि, कंपनी ने कानूनी विशेषज्ञों की सलाह पर इन विवादों को चुनौती दी है और इसे सुलझाने के प्रयास कर रही है।
4. कर्मचारियों पर बढ़ता निवेश
Zomato ने अपने कर्मचारियों पर भी बड़े पैमाने पर निवेश किया है। कर्मचारी लाभ खर्च ₹423 करोड़ (दिसंबर 2023) से बढ़कर ₹689 करोड़ (दिसंबर 2024) हो गया, जिसमें लगभग 63% की वृद्धि देखी गई। यह वृद्धि नई प्रतिभाओं को जोड़ने, स्टाफ प्रशिक्षण और विशेष लाभ प्रदान करने पर खर्च को दिखाती है। कंपनी का मानना है कि मजबूत कर्मचारी आधार ही लंबे समय में व्यवसाय की रीढ़ है।
5. प्रति शेयर आय और निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत
Zomato की बेसिक प्रति शेयर आय (ईपीएस) दिसंबर 2024 में ₹0.56 रही, जबकि दिसंबर 2023 में यह ₹0.16 थी। इस वृद्धि ने निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं। कंपनी ने अपनी क्विक कॉमर्स सेवाओं और नए उपक्रमों से भविष्य में आय में और सुधार की उम्मीद जताई है। इसके अलावा, कंपनी ने योग्य संस्थागत निवेशकों (QIB) के माध्यम से ₹8,500 करोड़ जुटाए, जो भविष्य के विस्तार में मदद करेगा।
6. विस्तार और नए बिजनेस वेंचर्स का प्रदर्शन
Zomato ने “क्विक कॉमर्स” और “गोइंग आउट” जैसे नए बिजनेस वेंचर्स में निवेश किया है। क्विक कॉमर्स सेगमेंट, जो ग्राहकों को मिनटों में डिलीवरी प्रदान करता है, ने ₹1,399 करोड़ का राजस्व अर्जित किया। “गोइंग आउट” सेगमेंट ने ₹259 करोड़ का योगदान दिया, जो पिछले साल के ₹73 करोड़ से तीन गुना अधिक है। यह वृद्धि उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों को समझने और उनकी पूर्ति के लिए नई सेवाएं शुरू करने की कंपनी की क्षमता को दर्शाती है।
7. चुनौतियां और सुधार के अवसर
Zomato को बढ़ती लागत, जीएसटी विवादों और क्विक कॉमर्स सेगमेंट में नुकसान जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, नए अधिग्रहणों और निवेशों के माध्यम से, जोमैटो ने अपनी दीर्घकालिक रणनीति को मजबूत किया है। कंपनी ने ऑर्बजेन टेक्नोलॉजीज और वेस्टलैंड एंटरटेनमेंट का अधिग्रहण किया, जिससे “मूवी टिकटिंग” और “इवेंट्स” व्यवसाय में नई संभावनाएं खुली हैं।
निष्कर्ष: भविष्य की संभावनाएं
Zomato का दिसंबर 2024 का प्रदर्शन इसके विकास और विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है। राजस्व में वृद्धि और नए वेंचर्स के प्रदर्शन ने इसे प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने में मदद की है। हालांकि, कंपनी को बढ़ती लागत और विवादों का समाधान खोजने की आवश्यकता है। अगर यह इन चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकालती है, तो भविष्य में इसका प्रदर्शन और भी बेहतर हो सकता है।
सम्बंधित ख़बरें

Quality Power Electrical IPO: 14 फरवरी से निवेश का मौका, ₹400-430 प्राइस बैंड के साथ ₹900 करोड़ का बड़ा इश्यू

PS Raj Steels IPO: 28 करोड़ का इश्यू 12 फरवरी से खुलेगा, जानें प्राइस बैंड, GMP और 10 अहम बातें

अगले हफ्ते धमाका! 9 नए IPO और 6 बड़ी लिस्टिंग

BSNL और MTNL को सरकार का बड़ा तोहफा! 4G विस्तार के लिए 6,000 करोड़ रुपये मंजूर

OYO Q3: OYO के Q3 नतीजों ने दिखाया मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, PAT में छह गुना उछाल
