HDB Financial Services का 12,500 करोड़ रुपये का IPO जल्द होगा लॉन्च, HDFC Bank बेचेगा 10,000 करोड़ के शेयर

HDB Financial Services का 12,500 करोड़ रुपये का IPO जल्द लॉन्च होगा। HDFC Bank 10,000 करोड़ के शेयर OFS के जरिए बेचेगा। लिस्टिंग से कंपनी को 7-8 बिलियन डॉलर का मूल्यांकन मिल सकता है।

HDB के 12,500 करोड़ रुपये के IPO की तैयारी से निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल है।

HDB Financial Services के 12,500 करोड़ रुपये के IPO की तैयारी से निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल है। इस IPO में HDFC Bank द्वारा 10,000 करोड़ रुपये के शेयर Offer for Sale (OFS) के तहत बेचे जाएंगे। यह IPO न केवल HDB Financial Services के लिए, बल्कि HDFC Bank के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

HDB Financial Services एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है, जो व्यक्तिगत ऋण, वाहन ऋण, और व्यवसायिक वित्तपोषण जैसी सेवाएं प्रदान करती है। IPO के माध्यम से, कंपनी का कुल मूल्यांकन 7-8 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जो इसे हाल के वर्षों में सबसे बड़े IPO में से एक बना देगा। इस लिस्टिंग से कंपनी को न केवल निवेशकों का भरोसा जीतने का मौका मिलेगा, बल्कि यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित विनियामक दिशा-निर्देशों का पालन करने में भी मददगार साबित होगा।

कंपनी ने अपनी लिस्टिंग के लिए कई प्रमुख निवेश बैंकों को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है, जो IPO की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संचालित करने में मदद करेंगे। इसके अलावा, HDB Financial Services की लिस्टिंग से HDFC Bank की संपत्तियों का मूल्य भी बढ़ सकता है, जिससे उसके निवेशकों को अतिरिक्त लाभ होगा।

RBI के नियमों का पालन करेगी HDB Financial Services

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर 2022 में ‘ऊपरी परत’ की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए अनिवार्य लिस्टिंग की समय सीमा निर्धारित की थी। इस परिपत्र के तहत, इन कंपनियों को सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्ट होना आवश्यक है। HDB Financial Services इसी श्रेणी में आती है और यह IPO इस नियामक दिशा-निर्देश का पालन करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है।

मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और IPO से बड़ा मूल्यांकन

HDB Financial Services ने हाल के वर्षों में बेहतरीन वित्तीय प्रदर्शन दिखाया है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी की लोन बुक साल-दर-साल 17% की वृद्धि के साथ 66,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो व्यक्तिगत ऋण, वाहन ऋण और छोटे व्यवसायों के ऋणों की बढ़ती मांग का परिणाम है। निवेशक और बाजार विश्लेषक उम्मीद कर रहे हैं कि इस IPO के बाद कंपनी का कुल मूल्यांकन 7-8 बिलियन डॉलर (लगभग 67,000 करोड़ रुपये) तक हो सकता है। यह इसे हाल के वर्षों में सबसे बड़े IPO में से एक बना देगा, जो निवेशकों के लिए बहुत ही आकर्षक हो सकता है।

HDFC Bank को बोर्ड की मंजूरी और आगे की रणनीति

HDFC Bank ने सबसे पहले 20 जुलाई, 2024 को अपने बोर्ड के साथ HDB Financial Services को सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध करने की योजना पर चर्चा की थी। इसके बाद 20 सितंबर, 2024 को, बैंक के बोर्ड ने IPO को अंतिम मंजूरी दी। इस IPO में 2,500 करोड़ रुपये का नया इश्यू और शेष हिस्सेदारी को मौजूदा शेयरधारकों के OFS के जरिए बेचा जाएगा। इस IPO को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए HDB Financial Services ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेश बैंकों को अपने सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। इसमें Jefferies, Morgan Stanley, Nomura जैसी नामी फर्मों के साथ-साथ Axis Capital, ICICI Securities, IIFL जैसी भारतीय कंपनियां शामिल हैं, जो इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

OFS के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना

HDFC Bank ने स्पष्ट किया है कि वह Offer for Sale (OFS) के तहत 10,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगा। हालांकि, IPO के बाद भी HDB Financial Services HDFC Bank की सहायक कंपनी बनी रहेगी। IPO के सटीक मूल्य निर्धारण और अन्य विवरणों की जानकारी उचित समय पर दी जाएगी, क्योंकि ये बाजार की स्थितियों और विनियामक अनुमोदनों पर निर्भर करेंगे

वित्त वर्ष के अंत तक होगी लिस्टिंग

सूत्रों के अनुसार, HDB Financial Services के IPO की लिस्टिंग दिसंबर 2024 तक या चालू वित्त वर्ष के अंत तक हो सकती है। इस IPO के साथ कंपनी भारतीय शेयर बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करेगी, जो कंपनी के भविष्य के विकास में एक नया अध्याय शुरू करेगा।

निवेशकों के लिए शानदार अवसर

HDB Financial Services की लिस्टिंग भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकती है। मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, बढ़ती लोन बुक और बाजार में बढ़ते मूल्यांकन के चलते यह IPO निवेशकों के लिए एक लाभकारी निवेश विकल्प बन सकता है। HDB Financial Services की सफलता से HDFC Bank के निवेशकों को भी फायदा मिलेगा, क्योंकि इससे बैंक की संपत्तियों का भी मूल्यांकन बढ़ सकता है।

RBI के व्यापक नियामक ढांचे के तहत लिस्टिंगनिवेशकों के लिए शानदार अवसर

इस IPO की लिस्टिंग RBI के व्यापक नियामक ढांचे का हिस्सा है, जिसमें सभी ‘अपर लेयर’ NBFC कंपनियों को 2025 तक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होना अनिवार्य है। HDB Financial Services, Bajaj Housing Finance जैसी अन्य प्रमुख वित्तीय कंपनियों के साथ इस श्रेणी में आती है। हाल ही में, Bajaj Housing Finance को 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के मूल्यांकन के साथ लिस्ट किया गया था, और HDB Financial Services भी इसी प्रकार के विकास के रास्ते पर है।

Scroll to Top