Suzlon Energy की बड़ी उपलब्धि: दुनिया की शीर्ष 10 टर्बाइन कंपनियों में शामिल
Suzlon Energy ने दुनिया की शीर्ष 10 टर्बाइन कंपनियों में स्थान पाया है, जिसके चलते इसके शेयर की कीमत में पिछले तीन वर्षों में लगभग 1,000% की वृद्धि हुई है। जानें, कैसे कंपनी ने पवन ऊर्जा क्षेत्र में अपनी ताकत को साबित किया।
Suzlon Energy की शानदार वापसी
पिछले कुछ वर्षों में Suzlon Energy ने अपने व्यापार और शेयर प्रदर्शन के माध्यम से निवेशकों के बीच एक नई पहचान बनाई है। मार्च 2020 में इसका शेयर अपने न्यूनतम स्तर ₹1.51 पर था, जिससे कंपनी की स्थिति चुनौतीपूर्ण लग रही थी। पवन ऊर्जा क्षेत्र में कई मुश्किलों का सामना करने और कमजोर वित्तीय स्थिति के बावजूद, Suzlon ने रणनीतिक फैसले लिए, नए प्रोजेक्ट्स हासिल किए और तकनीकी सुधार किए। इसके परिणामस्वरूप, कंपनी का शेयर ₹67 के स्तर तक पहुँच गया है।हालिया बाजार उतार-चढ़ाव के कारण यह 52-वीक हाई ₹86 से गिरकर ₹67 तक आ गया है, लेकिन कंपनी की स्थिति मजबूत बनी हुई है। वैश्विक पवन ऊर्जा उद्योग में चीनी कंपनियों के दबदबे के बावजूद, Suzlon ने प्रभावी उपस्थिति दर्ज की है।
ग्लोबल विंड एनर्जी इंडस्ट्री में Suzlon की बढ़ती ताकत
विंड एनर्जी सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद Suzlon का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। वुड मैकेंजी की रिपोर्ट के अनुसार, Suzlon का ‘S144 मॉडल’ दुनिया के सबसे अधिक डिमांड वाले टर्बाइन मॉडलों में से एक है। इसकी उच्च कार्यकुशलता और कम हवा में भी बेहतरीन प्रदर्शन के कारण इसे व्यापक लोकप्रियता मिली है।खास बात यह है कि टॉप-10 ग्लोबल टर्बाइन कंपनियों की सूची में Suzlon एकमात्र गैर-चीनी कंपनी है, जिसने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में S144 मॉडल के कई बड़े ऑर्डर हासिल किए हैं।
भारतीय बाजार में Suzlon की सफलता
वैश्विक स्तर पर चीनी कंपनियों के दबदबे के बावजूद, Suzlon ने भारतीय बाजार में ठोस ऑर्डर्स के चलते अपनी खास जगह बनाई है। NTPC ग्रीन एनर्जी और जिंदल रिन्यूएबल्स जैसी कंपनियों ने Suzlon को बड़े प्रोजेक्ट्स के ऑर्डर दिए हैं, जिनमें से अधिकांश इसके S144 मॉडल के लिए हैं। यह टर्बाइन कम हवा में भी बेहतर प्रदर्शन के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे भारतीय बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।S144 मॉडल की क्षमता 3.15 मेगावाट है, जो इसे भारतीय बाजार में एक प्रतिस्पर्धी विकल्प बनाती है।