NIFTY 23,900 के नीचे फिसला! जानिए शेयर मार्केट में इतनी बड़ी गिरावट के पीछे के 10 अहम कारण
तकनीकी विश्लेषक का मानना है कि निफ्टी को 25,100 के स्तर से ऊपर बंद होने की आवश्यकता है ताकि मंदी के रुझान को पलट सके। वहीं, अगर निफ्टी 24,150 के नीचे चला जाता है तो 23,300 तक गिरावट की संभावना बन सकती है।
आज भारतीय शेयर मार्केट में बड़ी बिकवाली देखने को मिली, जिससे निफ्टी 50 सूचकांक 1.8% की भारी गिरावट के साथ 23,900 के नीचे आ गया। यह स्तर जून 2024 के बाद पहली बार देखा गया है। प्रमुख शेयरों के साथ-साथ मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट का रुख रहा, और सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में दिखे। जानिए आज के शेयर मार्केट में बिकवाली के पीछे के प्रमुख कारण और आगे के लिए क्या संकेत मिल रहे हैं:
आज के शेयर मार्केट में बिकवाली के 10 बड़े कारण:
अमेरिकी चुनाव से पहले निवेशकों की सतर्कता
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को लेकर शेयर मार्केट में अनिश्चितता का माहौल है। यह चुनावी परिणाम न केवल अमेरिकी बल्कि वैश्विक शेयर बाजारों में भी अस्थिरता पैदा कर सकते हैं। इसलिए निवेशक सतर्क हैं और बिकवाली कर रहे हैं, ताकि चुनाव के परिणामों के बाद संभावित जोखिम से बचा जा सके।फेडरल रिजर्व की ब्याज दर बैठक
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति बैठक इसी हफ्ते, नवंबर 6-7 को आयोजित हो रही है। निवेशक चिंतित हैं कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ब्याज दरों में वृद्धि का फैसला ले सकती है, जिससे शेयर मार्केट पर और दबाव बढ़ सकता है। ब्याज दरों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी से मार्केट में अस्थिरता बढ़ेगी और निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।चीन का प्रोत्साहन पैकेज
चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस (NPC) की बैठक भी इसी सप्ताह हो रही है, जिसमें चीनी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़े आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की उम्मीद की जा रही है। वैश्विक निवेशक इस बैठक पर नज़र रखे हुए हैं, क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था में किसी भी तरह की नीति बदलाव का असर भारतीय शेयर मार्केट पर भी पड़ सकता है।दूसरी तिमाही के कमजोर परिणाम
भारतीय कंपनियों के Q2 नतीजे अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे, खासकर FMCG और अन्य उपभोक्ता क्षेत्र में मांग की कमी देखी गई है। घरेलू बाजार में इस समय आय में वृद्धि की गति धीमी है, जिससे शेयर मार्केट में निवेशकों का मनोबल कमजोर हो रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि FY25 में निफ्टी का EPS (Earnings per Share) 10% से नीचे जा सकता है, जिससे वर्तमान उच्च मूल्यांकन टिकाना मुश्किल हो सकता है।मुनाफावसूली का दौर
बड़े निवेशकों द्वारा लाभ उठाने की मंशा से शेयर मार्केट में मुनाफावसूली का दौर देखने को मिला। इस सप्ताह के महत्वपूर्ण आर्थिक घटनाक्रमों को देखते हुए निवेशक किसी भी छोटे उछाल पर अपनी होल्डिंग बेच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह रुख जारी रह सकता है।ऑटो सेक्टर में गिरावट
ऑटो सेक्टर में भी बिकवाली का दबाव देखा गया, जिसमें बजाज ऑटो सबसे ज्यादा 5% तक गिर गया। यह गिरावट कंपनी के अक्टूबर महीने के कमजोर बिक्री आंकड़ों के कारण आई है। मारुति सुजुकी और हुंडई जैसी अन्य कंपनियों के शेयरों में भी कमजोरी रही, जो ऑटोमोबाइल सेक्टर की मौजूदा चुनौतियों को दर्शाता है।बिटकॉइन में उतार-चढ़ाव
अमेरिकी चुनावों के परिणामों के मद्देनजर बिटकॉइन में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है। अक्तूबर में बिटकॉइन ने लगभग 12% की तेजी दर्ज की थी, जिसका श्रेय अमेरिकी चुनावों में संभावित रिपब्लिकन जीत की अटकलों को दिया जा रहा है। निवेशक अब बिटकॉइन और उससे जुड़े एसेट्स में पैसा लगा रहे हैं, जिससे इसकी अस्थिरता बढ़ सकती है।तेल विपणन कंपनियों (OMCs) में गिरावट
तेल विपणन कंपनियों के शेयरों में भी 5% तक की गिरावट दर्ज की गई, जिसका कारण गोल्डमैन सैक्स द्वारा जारी एक नकारात्मक रिपोर्ट है। गोल्डमैन सैक्स ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) के लिए ‘सेल’ रेटिंग बरकरार रखी और इसका टारगेट प्राइस 105 रुपये दिया, जो मौजूदा कीमत से 27.5% कम है। इसके पीछे IOC के कमजोर Q2 नतीजे और मार्जिन में गिरावट प्रमुख कारण रहे।विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली
हाल के दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर मार्केट में भारी बिकवाली की है। FIIs ने अक्टूबर महीने में कैश सेगमेंट में जोरदार बिकवाली की, साथ ही नवंबर सीरीज में शॉर्ट पोजिशन को भी रोल किया। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर आय वृद्धि के माहौल में FIIs की बिकवाली जारी रह सकती है, जिससे मार्केट में तेजी का दौर सीमित हो जाएगा।इंडिया VIX में उछाल
मार्केट में बढ़ती अस्थिरता के चलते ‘इंडिया VIX’, जो अस्थिरता का सूचक है, 8% बढ़कर 17.19 पर पहुंच गया है। VIX में यह वृद्धि निवेशकों के बीच डर और घबराहट को दर्शाती है, जिससे मार्केट में और गिरावट की संभावना बनी रहती है।
इस सप्ताह के लिए शेयर मार्केट का रुख
तकनीकी विश्लेषक आनंद जेम्स, चीफ मार्केट स्ट्रेटेजिस्ट, जिओजित फाइनेंशियल सर्विसेज का मानना है कि निफ्टी को 25,100 के स्तर से ऊपर बंद होने की आवश्यकता है ताकि मंदी के रुझान को पलट सके। वहीं, अगर निफ्टी 24,150 के नीचे चला जाता है तो 23,300 तक गिरावट की संभावना बन सकती है।
एसकेआई कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर नरिंदर वाधवा का मानना है कि अगर अमेरिकी चुनाव में ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत के लिए अवसर बढ़ सकते हैं, क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध और व्यापार के पक्ष में सकारात्मक दृष्टिकोण है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। निवेशकों को अपने निर्णय खुद लेने चाहिए और निवेश विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए।