बैंक ऑफ इंडिया(Boi) का शुद्ध लाभ 63% बढ़कर 2,374 करोड़ रुपये; पिछली तिमाही की तुलना में बड़ा सुधार

वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ 63% बढ़कर 2,374 करोड़ रुपये हो गया। पिछली तिमाही से तुलना में यह बैंक की आय, एनपीए अनुपात और पूंजी पर्याप्तता में सुधार का प्रतीक है।

BANK OF INDIA

बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2024) में अपनी वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार किया है। इस तिमाही में बैंक का समेकित शुद्ध लाभ (Consolidated Net Profit) 63% की वृद्धि के साथ 2,374 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछली तिमाही के 1,428 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। इस मजबूत प्रदर्शन का मुख्य कारण ब्याज और गैर-ब्याज आय में वृद्धि और बेहतर लागत प्रबंधन को माना जा रहा है।

तिमाही-दर-तिमाही तुलनात्मक प्रदर्शन:

  1. कुल आय (Total Income):

    • दूसरी तिमाही में बैंक की कुल आय 19,872 करोड़ रुपये रही, जो पहली तिमाही की 18,238 करोड़ रुपये से अधिक है। यह 9% की वृद्धि को दर्शाता है, जो बैंक की बढ़ती आय और स्थिर वृद्धि की ओर इशारा करता है।
  2. शुद्ध लाभ (Net Profit):

    • पिछली तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 1,428 करोड़ रुपये था, जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 2,374 करोड़ रुपये हो गया है। यह लाभ में लगभग 946 करोड़ रुपये की वृद्धि है, जिससे बैंक की आय में स्थिरता और लाभप्रदता में सुधार देखा जा सकता है।
  3. पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio):

    • बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात पिछली तिमाही में 16.18% था, जो इस तिमाही में बढ़कर 16.63% हो गया। यह बैंक की वित्तीय मजबूती और जोखिम प्रबंधन क्षमता को दर्शाता है।
  4. गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (Non-Performing Assets, NPA):

    • पिछली तिमाही में बैंक का सकल एनपीए अनुपात (Gross NPA Ratio) 4.62% था, जो इस तिमाही में घटकर 4.41% हो गया। इसी प्रकार, शुद्ध एनपीए अनुपात (Net NPA Ratio) भी 0.99% से घटकर 0.94% पर आ गया है, जो परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में सुधार को दर्शाता है।

परिचालन क्षेत्रों में तुलनात्मक प्रदर्शन:

  • ट्रेजरी ऑपरेशंस (Treasury Operations): पिछली तिमाही में ट्रेजरी ऑपरेशंस से बैंक को 5,022 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो इस तिमाही में बढ़कर 5,922 करोड़ रुपये हो गई। यह 18% की वृद्धि है।

  • होलसेल बैंकिंग (Wholesale Banking): होलसेल बैंकिंग से प्राप्त आय पिछली तिमाही के 6,741 करोड़ रुपये से घटकर 6,387 करोड़ रुपये पर आ गई है। हालांकि इसमें कमी देखी गई है, लेकिन बैंक का कुल प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है।

  • रिटेल बैंकिंग (Retail Banking): पिछली तिमाही में रिटेल बैंकिंग से बैंक को 6,621 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी, जो इस तिमाही में बढ़कर 7,704 करोड़ रुपये हो गई, जो एक बड़ी वृद्धि है।

अन्य प्रमुख वित्तीय हाइलाइट्स:

  • ब्याज आय (Interest Income): पिछली तिमाही की 17,046 करोड़ रुपये की तुलना में इस तिमाही में बैंक की ब्याज आय 17,466 करोड़ रुपये रही।
  • निवेश और उधारी प्रबंधन (Investment and Borrowing Management): बैंक ने अपनी स्थिरता और विकास के लिए नई निवेश रणनीतियों का अनुसरण किया और उधारी में भी बेहतरीन सुधार किया है।

निष्कर्ष:

बैंक ऑफ इंडिया का दूसरी तिमाही में प्रदर्शन पिछले तिमाही से बेहतर रहा है। शुद्ध लाभ में 63% की वृद्धि, एनपीए में कमी और पूंजी पर्याप्तता में सुधार, सभी संकेत देते हैं कि बैंक की रणनीति और प्रबंधन कुशलता से लागू किए गए हैं। यह निवेशकों और बैंक के ग्राहकों दोनों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

यह विवरण बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी आधिकारिक तिमाही रिपोर्ट से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है।

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