सिटी यूनियन बैंक Q2 FY25 के नतीजे: मामूली बढ़त, ICICI Securities ने ₹190 का लक्ष्य दिया, शेयर 15% उछला
City Union Bank ने Q2 FY25 में स्थिर वृद्धि दर्ज की। ICICI Securities ने ₹190 का लक्ष्य निर्धारित किया और शेयरों में 15% की वृद्धि देखी गई। बैंक की आय और एसेट क्वालिटी में सुधार।
मंगलवार को सिटी यूनियन बैंक (CUB) के शेयरों में जोरदार 15% की तेजी देखी गई, जो बैंक द्वारा घोषित किए गए Q2 FY25 के नतीजों और ICICI Securities की “बाय” रेटिंग से प्रेरित थी। ICICI Securities ने बैंक के शेयर का लक्ष्य मूल्य ₹190 निर्धारित किया है, जिससे निवेशकों में विश्वास बढ़ा है।
Q2 FY25 के वित्तीय नतीजों का विश्लेषण
सिटी यूनियन बैंक ने इस तिमाही(Q2 Result) में अपने प्रदर्शन में स्थिरता दिखाई है। बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII), जो मुख्य रूप से ब्याज दरों से अर्जित होती है, में 8% की वृद्धि दर्ज की गई है। Q2 FY24 में यह ₹538 करोड़ थी, जबकि Q2 FY25 में यह बढ़कर ₹582 करोड़ हो गई। यह वृद्धि बैंक की ऋण वितरण क्षमता और ग्राहकों से ब्याज आय में सुधार को दर्शाती है।
इसके साथ ही, बैंक की नॉन-इंटरेस्ट इनकम में भी शानदार 24% की बढ़ोतरी हुई है। यह ₹182 करोड़ से बढ़कर ₹226 करोड़ हो गई, जो बैंक की सेवा शुल्क, कमीशन और अन्य गैर-ब्याज आधारित गतिविधियों में मजबूती को दर्शाती है। इस आय में बढ़ोतरी से बैंक के विविध आय स्रोतों में मजबूती आई है, जिससे बैंक की वित्तीय सेहत और स्थिर हो गई है।
मुख्य वित्तीय आंकड़े और बैंक की स्थिति
- कुल आय: Q2 FY25 में बैंक की कुल आय ₹1,660 करोड़ रही, जो पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 12% अधिक है।
- ऑपरेटिंग प्रॉफिट: बैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 11% बढ़कर ₹428 करोड़ हो गया। यह पिछले छह तिमाहियों में पहली बार है जब बैंक ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। यह संकेत देता है कि बैंक अपने खर्चों और आय में बेहतर तालमेल बिठा रहा है।
- शुद्ध लाभ (PAT): बैंक का शुद्ध लाभ मामूली रूप से 2% बढ़कर ₹285 करोड़ हो गया, जो Q2 FY24 में ₹281 करोड़ था। हालांकि यह वृद्धि मामूली है, लेकिन यह बैंक की स्थिरता और लंबी अवधि में लाभप्रदता को दर्शाता है।
एसेट क्वालिटी और बैलेंस शीट की स्थिति
सिटी यूनियन बैंक ने अपनी एसेट क्वालिटी में भी सुधार किया है। ग्रॉस NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) Q2 FY25 में घटकर 3.54% हो गईं, जो पिछले साल Q2 FY24 में 4.66% थीं। यह बैंक के खराब ऋणों में कमी और सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। नेट NPA भी घटकर 1.62% हो गया, जो बैंक की ऋण वसूली क्षमता में सुधार को दर्शाता है।
बैलेंस शीट की स्थिति पर नजर डालें तो, बैंक के डिपॉजिट्स में 9% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो ₹57,369 करोड़ तक पहुंच गए। इसके अलावा, बैंक के ऋण वितरण (Advances) में भी 12% की बढ़ोतरी हुई है और यह ₹48,722 करोड़ हो गए हैं। यह वृद्धि दर्शाती है कि बैंक न सिर्फ नए कर्ज दे रहा है, बल्कि उसकी मौजूदा कर्ज नीति भी मजबूत है।
बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM), जो उसकी मुख्य आय और ब्याज लागत का अनुपात है, इस तिमाही में 3.67% रहा। हालांकि यह पिछले साल Q2 FY24 के 3.74% से थोड़ा कम है, लेकिन यह अभी भी संतोषजनक स्तर पर है।
ICICI Securities की सकारात्मक प्रतिक्रिया और निवेशकों की रुचि
ICICI Securities(Report) ने सिटी यूनियन बैंक के प्रदर्शन को देखते हुए उसे “बाय” रेटिंग दी है और उसका लक्ष्य मूल्य ₹190 निर्धारित किया है। उनका मानना है कि बैंक की निरंतर वृद्धि, बेहतर एसेट क्वालिटी, और वित्तीय सेहत आने वाले समय में बैंक के शेयर को मजबूत बनाएगी। यह सिफारिश निवेशकों के लिए उत्साहजनक रही, और इसका असर बैंक के शेयरों पर भी देखने को मिला।
विश्लेषकों का मानना है कि सिटी यूनियन बैंक की वृद्धि, खासकर गैर-ब्याज आधारित आय में, बैंक के भविष्य की संभावनाओं को और बेहतर करेगी। इसके साथ ही, बैंक का प्रावधान कवरेज अनुपात (Provision Coverage Ratio) भी 75% तक बढ़ गया है, जो कि बैंक की जोखिम प्रबंधन रणनीतियों में सुधार को दर्शाता है।
शेयर बाजार में उत्साह और भविष्य की संभावनाएं
सिटी यूनियन बैंक के शेयरों ने इन नतीजों और ICICI Securities की सिफारिश के बाद जबरदस्त तेजी दिखाई। मंगलवार को बैंक के शेयर 15% उछले, जिससे निवेशकों में उत्साह और भरोसा बढ़ा। यह तेजी बैंक की सकारात्मक वित्तीय स्थिति और विश्लेषकों की राय के परिणामस्वरूप आई है।
सिटी यूनियन बैंक के Q2 FY25 के नतीजे मामूली लेकिन स्थिर वृद्धि का संकेत देते हैं। आय में बढ़ोतरी, एसेट क्वालिटी में सुधार, और शुद्ध लाभ में वृद्धि से बैंक ने एक मजबूत वित्तीय आधार तैयार किया है। ICICI Securities जैसे प्रमुख विश्लेषकों के समर्थन के साथ, बैंक के शेयरों में निवेशकों की रुचि बढ़ी है, जो इसके भविष्य के प्रदर्शन को और ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद कर सकता है। आने वाले समय में, बैंक की प्रोविजन कवरेज और ऋण वसूली की रणनीतियों पर नजर रखी जाएगी, जो इसकी दीर्घकालिक वृद्धि और लाभप्रदता को प्रभावित कर सकती हैं।