₹190 GMP पर पहुंचा यह IPO, अचानक बोली वापस लेने वालों की लगी कतार – जानिए क्यों!
C2C Advanced Systems के ₹99 करोड़ के IPO को जोरदार झटका लगा है। रेगुलेटरी मसलों के चलते कंपनी की लिस्टिंग टाल दी गई, जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया। खबरों के मुताबिक, 3.72 लाख से ज्यादा आवेदन वापस ले लिए गए हैं, जिनकी कुल रकम करीब ₹27 करोड़ है। इस घटनाक्रम ने IPO बाजार में हलचल मचा दी है। क्या यह मामला जल्द सुलझेगा या निवेशकों का भरोसा और डगमगाएगा?
C2C Advanced Systems IPO: के ₹99 करोड़ के IPO को जोरदार झटका लगा है। रेगुलेटरी टेंशन के चलते कंपनी की लिस्टिंग टाल दी गई, जिससे निवेशकों में खलबली मच गई। कंपनी ने गुरुवार को दोपहर तीन बजे तक निवेशकों को अपने आवेदन वापस लेने की छूट दी थी। इस दौरान 3.72 लाख से ज्यादा आवेदन वापस ले लिए गए, जिनमें से अकेले 3.57 लाख आवेदन व्यक्तिगत निवेशकों के थे। ये घटनाक्रम निवेशकों के भरोसे पर सवाल खड़ा कर रहा है, खासकर ऐसे समय में जब इश्यू को करीब 126 गुना सब्सक्राइब किया गया था।
इस बीच, IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) शुक्रवार को ₹190 तक पहुंच गया, जो 85% तक के मुनाफे का इशारा कर रहा है। भले ही GMP मजबूत है, लेकिन आवेदन वापस लेने की यह होड़ भविष्य के लिए चिंताजनक संकेत देती है। अब सवाल यह उठता है कि क्या कंपनी जल्द ही अपनी लिस्टिंग प्रक्रिया को सही दिशा में ले जा पाएगी या निवेशकों के लिए यह अवसर अधूरा रह जाएगा।
क्या है डिटेल
C2C Advanced Systems के IPO में जहां शुरुआती दौर में निवेशकों की भारी दिलचस्पी देखने को मिली थी, वहीं अब स्थिति पूरी तरह पलट गई है। अमीर निवेशकों (HNI) ने भी सतर्क रुख अपनाते हुए 15,000 से ज्यादा आवेदन वापस ले लिए। यहां तक कि संस्थागत निवेशकों ने भी दूरी बनानी शुरू कर दी, जिनमें से आठ ने अपने आवेदन वापस ले लिए हैं। यह बदलाव उस समय हुआ है जब कंपनी के इश्यू को 126 गुना सब्सक्राइब किया गया था, जिसमें 36.56 करोड़ शेयर के लिए बोलियां लगाई गई थीं, जबकि उपलब्ध शेयरों की संख्या सिर्फ 29.15 लाख थी।
214-226 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड के साथ लॉन्च हुए इस IPO में डिफेंस और स्पेस सॉल्यूशंस में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनी ने बड़े सपने दिखाए थे। लेकिन अब रेगुलेटरी टेंशन और आवेदन वापस लेने की होड़ ने निवेशकों को हिला कर रख दिया है। मजबूत GMP के बावजूद, यह स्थिति निवेशकों के बीच डर और अनिश्चितता पैदा कर रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कंपनी इस चुनौती से उभर पाएगी या यह घटनाक्रम उसके भविष्य को प्रभावित करेगा।
क्या है मामला
C2C Advanced Systems IPO में सेबी का हस्तक्षेप निवेशकों के लिए बड़ा मोड़ साबित हुआ। नियामक ने कंपनी को अपने वित्तीय खातों का पुनर्मूल्यांकन कराने के लिए एक स्वतंत्र लेखा परीक्षक नियुक्त करने का निर्देश दिया, जिससे कंपनी की पारदर्शिता पर सवाल उठ खड़े हुए। इसके अलावा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को भी IPO से जुटाए गए फंड के उपयोग पर नजर रखने के लिए एक निगरानी एजेंसी स्थापित करने को कहा गया। इन कड़े निर्देशों के बाद, सभी श्रेणियों के निवेशकों को अपनी बोलियां वापस लेने का विकल्प दिया गया, जो गुरुवार को समाप्त हो गया।
यह मामला भारतीय IPO बाजार में पारदर्शिता और गुणवत्ता की चिंताओं को उजागर करता है। यह दूसरी बार है जब सेबी ने SME IPO में इस तरह हस्तक्षेप किया है, जिससे निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ गई है। हालांकि कंपनी का GMP अब भी मजबूत है, लेकिन रेगुलेटरी टेंशन ने निवेशकों का भरोसा कमजोर कर दिया है। यह घटनाक्रम बाजार में पारदर्शिता की बढ़ती आवश्यकता और निवेशकों के हितों की सुरक्षा की ओर सेबी की सक्रियता को भी दर्शाता है।