डॉ. रेड्डीज़ ने 3 लाख से ज्यादा दवा की बोतलें की रिकॉल! क्या इससे शेयर बाजार में मचेगा हड़कंप? जानिए निवेशकों के लिए

डॉ. रेड्डीज़ लैब्स ने अमेरिका में 3.3 लाख से अधिक Cinacalcet दवा की बोतलों को रिकॉल किया है। उच्च कैल्शियम और हाइपरपैराथायराइडिज्म के इलाज में उपयोगी इस दवा में FDA ने CGMP मानकों में गड़बड़ी पाई है, जिससे N-nitroso Cinacalcet अशुद्धि की अधिक मात्रा के कारण इसे वापस बुलाया गया है। जानिए भारतीय फार्मा उद्योग के लिए इसके क्या मायने हैं।

डॉ. रेड्डीज़ लैब्स के Cinacalcet दवा की बोतलों का चित्र, जिसमें विभिन्न आकार की 30 mg, 60 mg, और 90 mg की स्ट्रेंथ के लेबल लगे हुए हैं। इन दवाओं को अमेरिका में उच्च कैल्शियम स्तर और हाइपरपैराथायराइडिज्म के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। FDA द्वारा जारी रिकॉल के निर्देशों के कारण, इन्हें वापस मंगाया जा रहा है। छवि में अमेरिका में वापस बुलाए जाने वाले दवाओं के पैकेजिंग और लेबलिंग का स्पष्ट विवरण है, जो CGMP नियमों का पालन न करने की वजह से प्रभावित हैं।

हैदराबाद स्थित फार्मास्यूटिकल दिग्गज डॉ. रेड्डीज़ लैबोरेट्रीज़ ने अमेरिकी बाजार में 3.3 लाख से अधिक बोतलों की महत्वपूर्ण दवा को वापस बुलाने का फैसला किया है। यह दवा, “Cinacalcet,” मुख्य रूप से रक्त में अत्यधिक कैल्शियम के स्तर और हाइपरपैराथायरायडिज्म जैसी बीमारियों के इलाज के लिए दी जाती है। लेकिन इस बार कंपनी को CGMP (current good manufacturing practice) मानकों में गड़बड़ी का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण FDA (अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन) ने इसे वापस मंगाने का आदेश दिया है।

क्या है दवा में पाई गई गड़बड़ी? FDA की रिपोर्ट के अनुसार, Dr Reddy’s की इस दवा में “N-nitroso Cinacalcet” नामक अशुद्धि का स्तर FDA की अनुशंसित सीमा से अधिक पाया गया है। इस तत्व का अधिक मात्रा में होना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसी वजह से कंपनी ने अमेरिका में इसकी 3,31,590 बोतलों को रिकॉल करना शुरू किया है। इन दवाओं को भारत में निर्मित किया गया था और Dr Reddy’s की न्यू जर्सी स्थित इकाई द्वारा अमेरिकी बाजार में बेचा जा रहा था।

किस स्ट्रेंथ की बोतलें वापस बुलाई जा रही हैं? इस रिकॉल में मुख्य रूप से 30 mg की स्ट्रेंथ में 2,85,126 बोतलें, 60 mg की स्ट्रेंथ में 35,880 बोतलें और 90 mg की स्ट्रेंथ में 10,584 बोतलें शामिल हैं। यह एक “Class II” श्रेणी का रिकॉल है, जिसका मतलब है कि इस उत्पाद का उपयोग अस्थायी या चिकित्सा से ठीक हो सकने वाले दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, जबकि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना बहुत कम है।

अमेरिका में भारतीय दवाओं का बढ़ता प्रभुत्व, फिर भी चुनौतियां बरकरार भारतीय फार्मा उद्योग दुनिया में अपने विशाल उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है, जो मात्रा के हिसाब से विश्व में तीसरा और मूल्य के हिसाब से 14वां स्थान रखता है। भारतीय कंपनियां दुनिया के विभिन्न देशों, खासकर अमेरिका के जेनेरिक दवा बाजार में अहम योगदान देती हैं। 2019 में अमेरिकी जेनेरिक दवा बाजार का आकार करीब 115.2 बिलियन डॉलर था। इस बाजार में भारतीय कंपनियों का बड़ा हिस्सा है, लेकिन गुणवत्ता नियंत्रण के मामले में छोटी सी चूक भी बड़ी चुनौती बन जाती है।

क्या भारत की फार्मा इंडस्ट्री के लिए चेतावनी है ये मामला? डॉ. रेड्डीज़ के इस बड़े रिकॉल से भारतीय दवा कंपनियों को गुणवत्ता और मानक पालन के प्रति सतर्कता का संदेश मिलता है। अमेरिका जैसे बड़े और संवेदनशील बाजार में किसी भी तरह की अशुद्धि भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन सकती है। भारतीय फार्मा उद्योग को इन मुद्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के मामलों से बचा जा सके और अमेरिकी बाजार में अपने विश्वास को बरकरार रखा जा सके।

भविष्य के लिए संकेत: कैसे बरकरार रखें गुणवत्ता और विश्वास? यह घटना स्पष्ट रूप से संकेत देती है कि अमेरिकी बाजार में गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्रदान करने की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। भारतीय फार्मा उद्योग के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य हो गया है कि उनकी दवाइयों में किसी प्रकार की अशुद्धि ना हो और सभी CGMP मानकों का सख्ती से पालन हो। यह न केवल उनके ब्रांड की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा, बल्कि अमेरिका जैसे महत्वपूर्ण बाजार में उनकी स्थिर उपस्थिति को भी सुनिश्चित करेगा।

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