नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट: इंडिगो ने भरी पहली उड़ान, 7 करोड़ यात्री संभालने की तैयारी!
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहली परीक्षण लैंडिंग सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस ऐतिहासिक लैंडिंग में इंडिगो एयरलाइंस के ए320 नियो विमान ने भाग लिया। यह उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस परीक्षण लैंडिंग ने हवाई अड्डे के निर्माण और संचालन में हो रही प्रगति को दर्शाया, जिसे अप्रैल 2025 में वाणिज्यिक संचालन के लिए खोले जाने की योजना है।
पहली परीक्षण लैंडिंग और उसकी सफलता
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने सोमवार को यह परीक्षण लैंडिंग की। परीक्षण लैंडिंग को ‘फ्लाइट वैलिडेशन टेस्ट’ का नाम दिया गया। इस प्रक्रिया में विमान की लैंडिंग, रनवे की क्षमता, सुरक्षा और हवाई अड्डे की अन्य सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इसे एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि यह परियोजना न केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
“आज का दिन गर्व का दिन है। हमने हवाई अड्डे का काम रिकॉर्ड समय में पूरा किया है। सरकार इस परियोजना को सफल बनाने के लिए हर संभव सहायता देगी,” नायडू ने परीक्षण के बाद संवाददाताओं से कहा।
DGCA से लाइसेंस के लिए अगला कदम
परीक्षण के बाद अब हवाई अड्डा नियामक संस्था, महानिदेशालय नागरिक उड्डयन (DGCA), से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन करेगा। लाइसेंस मिलने के बाद हवाई अड्डा वाणिज्यिक उड़ानों के लिए तैयार हो जाएगा। इससे पहले, अक्टूबर में ‘बीच किंग एयर 360 ईआर’ विमान ने हवाई अड्डे पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
उत्तर प्रदेश का वाणिज्यिक और कनेक्टिविटी हब बनने की ओर
नायडू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संचालित हवाई अड्डे हैं। उन्होंने कहा, “यह सब डबल इंजन सरकार के समर्थन से संभव हुआ है। जेवर हवाई अड्डा पश्चिमी यूपी का वाणिज्यिक केंद्र बनेगा। यहां से बड़ी संख्या में कार्गो विमानों का संचालन होगा, जो राज्य के व्यापार और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में कई अन्य हवाई अड्डों का संचालन शुरू होगा, जिससे उत्तर प्रदेश एक वैश्विक विमानन हब के रूप में उभरेगा।
हवाई अड्डे की चरणबद्ध विकास योजना
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल होगा, जिसकी क्षमता प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी। सभी चार चरणों के पूरा होने के बाद, हवाई अड्डे की वार्षिक यात्री क्षमता 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
वैश्विक और घरेलू रुचि
हवाई अड्डे के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने सितंबर में कहा था कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों की इस हवाई अड्डे में काफी रुचि है। यह हवाई अड्डा भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक बड़ा केंद्र साबित होगा।
वैश्विक और घरेलू रुचि
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, जो ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, इस परियोजना का विकास कर रही है। इस परियोजना की नींव नवंबर 2021 में रखी गई थी। यह हवाई अड्डा उत्तर भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का यह परीक्षण लैंडिंग चरण भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इसका संचालन उत्तर प्रदेश और पूरे देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का वादा करता है।