1,179 रुपये से टूट कर 825.70 पर आया Tata Motors का शेयर, ब्रोकर्स ने बेचनें की सलाह दी थी,जानें क्यों टूट रहा है शेयर
आज के बाजार में Tata Motors के गिरते शेयर का चार्ट, जिसमें भारी गिरावट के साथ प्रमुख आंकड़े, विदेशी निवेशक और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स का ब्यौरा शामिल है।
आज Tata Motors के शेयरों में 4% की गिरावट देखने को मिली, जिससे इसका भाव पिछले बंद ₹878 से घटकर ₹825 पर आ गया। इस भारी गिरावट ने निवेशकों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। पिछले एक महीने से Tata Motors के शेयरों में दबाव देखा जा रहा है, जिसमें यह लगभग 15% तक टूट चुका है। एक हफ्ते में भी कंपनी के शेयर में करीब 7% की गिरावट आई है। बाजार में मची हलचल और बदलते परिदृश्य को देखते हुए निवेशक इस समय दुविधा में हैं कि क्या इस गिरावट का फायदा उठाया जाए या फिर अधिक सतर्कता बरती जाए।
बड़े निवेशकों का रुख और शेयर में वॉल्यूम का खेल
आज के कारोबार में दोपहर 1 बजे तक Tata Motors के शेयर में 1.71 करोड़ शेयर का वॉल्यूम हो चुका था, जो बड़ी बिकवाली का संकेत दे रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि 11 सितंबर को यूएसबी द्वारा जारी एक रिपोर्ट का भी असर इस गिरावट में देखने को मिल सकता है। यूएसबी ने Tata Motors के लिए ₹825 का डाउनसाइड टारगेट जारी करते हुए इसे ‘सेल’ रेटिंग दी थी, और आज का निचला स्तर इस टारगेट के करीब पहुंच गया है। बाजार में इस रिपोर्ट का प्रभाव आज के प्रदर्शन में दिखाई दे रहा है, जो निवेशकों की बेचैनी को और बढ़ा रहा है।
Tata Motors के मजबूत बुनियादी संकेतक
हालांकि, कंपनी के मौलिक विश्लेषण से इसे मजबूत स्थिति में आंका जा सकता है। Tata Motors का ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी) 48.22% है, जो कंपनी की कमाई की उच्च क्षमता को दर्शाता है। ROE का ऊँचा स्तर आमतौर पर निवेशकों के लिए आकर्षक होता है, क्योंकि यह बताता है कि कंपनी शेयरधारकों के निवेश पर कितनी लाभप्रदता ला रही है। इसके अलावा, Tata Motors का वर्तमान P/E (प्राइस टू अर्निंग्स रेश्यो) 7.57 पर है, जो इसे इसके प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कम मूल्यांकित दिखाता है। एक लो P/E रेश्यो इंगित करता है कि शेयर को अभी बाजार में सस्ता आंका जा रहा है, जिससे इसमें संभावित वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है।
निवेशकों के लिए Tata Motors की भविष्य की संभावना
बाजार के विशेषज्ञों की राय है कि Tata Motors में लंबी अवधि में सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है। एक साल के दृष्टिकोण से कंपनी के शेयर में 36.47% की वृद्धि की संभावना बताई जा रही है, और इसके लिए ₹1147 का टारगेट प्राइस निर्धारित किया गया है। मौजूदा मंदी के बावजूद, निवेशकों का भरोसा इस कंपनी में कायम है। म्यूचुअल फंड और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का निवेश भी इस बात का प्रमाण है। सितंबर तिमाही के अनुसार, प्रमोटरों की हिस्सेदारी 0.00% है, लेकिन म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी बढ़कर 4.76% और एफआईआई की हिस्सेदारी बढ़कर 20.54% तक पहुंच गई है। जून तिमाही में म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 4.52% और एफआईआई की हिस्सेदारी 18.12% थी, जो दर्शाता है कि बड़े निवेशक इस शेयर में अपनी रुचि बढ़ा रहे हैं।
अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों का प्रदर्शन और बाजार की स्थिति
Tata Motors के शेयर के गिरने के साथ ही इसके कई प्रतिद्वंद्वी भी आज गिरावट के शिकार हुए हैं। प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों जैसे मारुति सुजुकी इंडिया, अशोक लीलैंड, जुपिटर वैगन्स और फोर्स मोटर्स के शेयरों में भी गिरावट देखी जा रही है। हालाँकि, इनके अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों में कुछ सकारात्मक रुझान भी देखे जा रहे हैं। इस गिरावट के बीच, प्रमुख सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स में भी क्रमशः -0.65% और -0.55% की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट से साफ है कि केवल Tata Motors ही नहीं बल्कि समूचा बाजार दबाव में है, जो निवेशकों के लिए सतर्कता का संकेत है।
निवेशकों के लिए संभावित रणनीति
वर्तमान गिरावट के बावजूद, Tata Motors के भविष्य के लिए विशेषज्ञ सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। हालांकि, छोटे और मध्यम अवधि के निवेशकों को मौजूदा दबाव में जल्दबाजी से बचना चाहिए और अपने निर्णय में धैर्य रखना चाहिए। जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह गिरावट एक अवसर बन सकता है। निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशक्ति के आधार पर विवेकपूर्ण निर्णय लेना चाहिए और बाजार के बदलते रुझानों पर नज़र रखनी चाहिए।