ZEEL AGM: ZEEL के AGM में उथल-पुथल! पुनीत गोयनका की पुनर्नियुक्ति और वित्तीय रिपोर्ट पर छाए सवाल

ZEEL के आगामी AGM में पुनीत गोयनका की पुनर्नियुक्ति और कंपनी के वित्तीय विवरणों पर गंभीर सवाल उठे हैं। प्रॉक्सी एडवाइजरों की सिफारिशें और शेयरधारकों का अहम निर्णय कंपनी के भविष्य के लिए निर्णायक हो सकता है।

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ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के CEO पुनीत गोयनका को कंपनी के शेयरधारकों से अपनी पुनर्नियुक्ति के लिए पर्याप्त समर्थन जुटाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, और कंपनी को आगामी वार्षिक आम बैठक (AGM) में एक और बड़ी चुनौती का सामना हो सकता है। इस बार एक प्रॉक्सी एडवाइजर ने ZEEL के शेयरधारकों से कंपनी के ऑडिटेड वित्तीय विवरणों को मंजूरी न देने की सिफारिश की है, जिससे कंपनी के निवेशकों और भविष्य के निर्णयों पर अहम प्रभाव पड़ सकता है।

प्रॉक्सी एडवाइजरों ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न मुद्दों को उठाया है, जिनमें सबसे प्रमुख पुनीत गोयनका की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ सिफारिश शामिल है। इनगवर्न और IiAS जैसे प्रमुख प्रॉक्सी एडवाइजरों ने ZEEL के शेयरधारकों से गोयनका की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान करने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, इनगवर्न ने कंपनी के वित्तीय विवरणों को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनमें कंपनी द्वारा कुछ संभावित देनदारियों के लिए अपर्याप्त प्रावधान, ऑडिट संबंधित मुद्दे, और गोयनका को दी गई अत्यधिक वेतन राशि शामिल हैं।

इन सभी घटनाओं को देखते हुए, ZEEL के लिए आगामी AGM में शेयरधारकों का समर्थन हासिल करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी केवल 4 प्रतिशत है। ऐसे में, सार्वजनिक शेयरधारकों, विशेषकर विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों की भूमिका बहुत अहम हो जाती है।

गोयनका की पुनर्नियुक्ति और वित्तीय विवरणों को मंजूरी देना: कंपनी कानून और AGM की प्रक्रिया

ZEEL के आगामी AGM में गोयनका की पुनर्नियुक्ति और कंपनी के वित्तीय विवरणों को मंजूरी देने के प्रस्ताव दोनों सामान्य प्रस्ताव हैं, जिनके पारित होने के लिए 51 प्रतिशत वोट का समर्थन आवश्यक होता है। यह प्रस्ताव भारतीय कंपनी कानून के तहत पास किए जाने चाहिए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अगर गोयनका की पुनर्नियुक्ति और वित्तीय विवरणों के अनुमोदन के प्रस्ताव को पर्याप्त समर्थन नहीं मिलता है, तो इसे दोबारा पेश किया जा सकता है।

प्रॉक्सी एडवाइजर की वित्तीय विवरणों को मंजूरी देने पर सिफारिश और उसके कारण

प्रॉक्सी एडवाइजर इनगवर्न ने ZEEL के AGM मतदान सिफारिशों पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी के स्टैंडअलोन वित्तीय विवरणों में कोई ऑडिट क्वालिफिकेशन नहीं है, जो सामान्यत: कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य को दर्शाता है। हालांकि, इस रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण बात यह उठाई गई है कि कंपनी के ऑडिटर्स ने पुट ऑप्शन समझौतों के संदर्भ में कुछ “एम्फेसिस ऑफ मैटर” की ओर इशारा किया है, जो पिछले साल भी उठाए गए थे।

इनगवर्न ने अपनी रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया है कि शेयरधारकों को कंपनी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहना चाहिए कि पुट ऑप्शन के लिए प्रावधानों को IND AS के अनुसार फिर से पेश किया जाए और पुनः वित्तीय विवरणों को शेयरधारकों के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाए। पुट ऑप्शन वह लेन-देन है जिसमें ATL मीडिया लिमिटेड (ATL), जो ZEEL की एक विदेशी सहायक कंपनी है, ने 2016 में लिविंग एंटरटेनमेंट लिमिटेड (LEL) के साथ एक समझौता किया था, जिसमें LEL को $105 मिलियन में शेयर बेचने का अधिकार दिया गया था।

वित्तीय प्रावधानों और ऑडिट के मुद्दे

इनगवर्न ने यह भी इंगीत किया कि कंपनी के वित्तीय विवरणों में कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों की कमी है, विशेष रूप से उन मामलों में जिनमें लंबित मुकदमे और आरोप शामिल हैं। इन मामलों में से कई का कंपनी की वित्तीय स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। यदि अदालत में कंपनी के खिलाफ कोई नकारात्मक फैसला आता है और कंपनी ने इन संभावित जोखिमों के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं किया है, तो यह कंपनी की वित्तीय स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

प्रॉक्सी एडवाइजर ने यह भी टिप्पणी की है कि कंपनी को गोयनका को दिए गए अत्यधिक वेतन के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए, जो कंपनी के विनियमों के तहत निर्धारित सीमा से अधिक था। इसके अलावा, कंपनी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि गोयनका ने जून 2024 में कितनी राशि वापस की थी।

अगर प्रस्ताव पारित नहीं होता है तो क्या होगा?

यदि AGM में यह प्रस्ताव पारित नहीं होता है, तो यह एक दुर्लभ स्थिति होगी, जहां एक सूचीबद्ध कंपनी के शेयरधारक उसके ऑडिटेड वित्तीय विवरणों को अस्वीकृत कर देते हैं। ऐसे मामलों में, कंपनी को अपने वित्तीय विवरणों को फिर से प्रस्तुत करने के लिए एक अतिरिक्त AGM बुलानी पड़ सकती है, जिससे कंपनी को कुछ समय के लिए लाभांश वितरण और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कंपनी के सामान्य कार्य संचालन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन एक बार फिर से वित्तीय विवरणों को अनुमोदित करना अनिवार्य होगा।

कंपनी कानून के तहत, यदि AGM में यह प्रस्ताव पारित नहीं होता है, तो कंपनी को एक नई AGM बुलानी पड़ेगी, जहां इन वित्तीय विवरणों को फिर से पेश किया जाएगा। अगर इस स्थिति में समय सीमा से पहले AGM नहीं होती है या विस्तारित AGM का आयोजन नहीं किया जाता है, तो यह कंपनी के लिए एक गंभीर समस्या बन सकती है।

विशेषज्ञों की राय

कंपनी कानून के विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शेयरधारक ऑडिटेड वित्तीय विवरणों को अस्वीकार करते हैं, तो कंपनी को अगले AGM तक अपने खातों को फिर से पेश करना होगा। हालांकि, इसके परिणामस्वरूप कंपनी के सामान्य कार्यों में कोई गंभीर बदलाव नहीं होगा, लेकिन लाभांश वितरण जैसी अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। ऐसे में यह ZEEL के लिए एक बड़ा वित्तीय और प्रबंधन संबंधी संकट हो सकता है।

कुल मिलाकर, ZEEL की आगामी AGM में शेयरधारकों के निर्णय से कंपनी के भविष्य की दिशा तय होगी, और इस बैठक में निवेशकों और अन्य पक्षों की प्रतिक्रियाएँ महत्वपूर्ण साबित होंगी।

डिस्क्लेमर: यह लेख दीपक यादव द्वारा Bazaar Gyaan के लिए लिखा गया है। इस लेख में दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य मार्गदर्शन के उद्देश्य से है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। निवेश से संबंधित निर्णय लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। Bazaar Gyaan और लेखक किसी भी प्रकार के निवेश जोखिम के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

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