Zomato का 8500 करोड़ का बड़ा दांव! जानें कैसे बदल जाएगी फूड डिलीवरी की दुनिया

Zomato जल्द ही QIP के जरिए 8500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इस फंडरेजिंग से Zomato अपने फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा में बने रहने के साथ-साथ अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने की योजना बना रहा है। जानें Swiggy IPO के बाद Zomato का यह बड़ा कदम क्यों अहम है!

Zomato QIP

Zomato QIP: भारतीय फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स में अग्रणी Zomato Ltd ने अपने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 8500 करोड़ रुपये (लगभग 1 बिलियन डॉलर) तक की पूंजी जुटाने का फैसला किया है। इसके लिए Zomato ने प्रमुख निवेश बैंक मॉर्गन स्टैनली को चुना है और इस QIP को दिसंबर में लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है, हालांकि इसका समय बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा। जानकारी के मुताबिक, एक या दो और बैंकों को इस फंडरेजिंग में शामिल किया जा सकता है ताकि इस सौदे को और मजबूत बनाया जा सके।

Swiggy IPO के बाद Zomato QIP का निर्णय

Zomato QIP की योजना उसकी मुख्य प्रतिस्पर्धी Swiggy Ltd के मेगा IPO के ठीक बाद सामने आई है। Swiggy का IPO 11,327 करोड़ रुपये का रहा और 13 नवंबर को इसने NSE पर 7.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ 420 रुपये प्रति शेयर की लिस्टिंग की, जबकि इसका इश्यू प्राइस 390 रुपये था। यह लिस्टिंग Swiggy को बाजार में मजबूत स्थान दिलाती है और इसने Zomato पर भी पूंजी जुटाने के लिए दबाव डाला है, ताकि वह अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत कर सके। दूसरी ओर, Zomato का स्टॉक इस साल अब तक लगभग 118 प्रतिशत बढ़ चुका है, हालांकि यह अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 298.2 रुपये (24 सितंबर) से अब भी 9.6 प्रतिशत कम है। Zomato का शेयर 14 नवंबर को BSE पर 269.6 रुपये पर बंद हुआ, जिसमें 4.27 प्रतिशत की बढ़त देखी गई।

Zomato QIP का उद्देश्य और शेयरधारकों की भूमिका

Zomato QIP के माध्यम से जुटाई गई पूंजी का उद्देश्य Zomato की बैलेंस शीट को मजबूत करना है, ताकि कंपनी अपने बढ़े हुए व्यवसाय के आकार और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर एक मजबूत वित्तीय स्थिति में रह सके। Zomato ने अपने शेयरधारकों को एक सूचना के माध्यम से बताया कि इस फंडरेजिंग का उपयोग किसी भी माइनॉरिटी निवेश या अधिग्रहण के लिए नहीं किया जाएगा। इस समय, कंपनी अपने शेयरधारकों की मंजूरी का इंतजार कर रही है, जिनके पास 22 नवंबर तक अपने वोट डालने का समय है।

Zomato की वित्तीय स्थिति और फंडरेजिंग की आवश्यकता

Zomato ने इस फंडरेजिंग की जरूरत को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका समेकित वार्षिक समायोजित राजस्व तीन वर्षों में चार गुना बढ़ा है – जुलाई 2021 में आईपीओ के समय 4,640 करोड़ रुपये से अब Q2FY25 के आधार पर 20,508 करोड़ रुपये तक। इसी अवधि के दौरान, Zomato का कैश बैलेंस भी घटा है, जो पहले 14,400 करोड़ रुपये था और अब लगभग 10,800 करोड़ रुपये रह गया है। इस नकद संतुलन में गिरावट का मुख्य कारण क्विक कॉमर्स से हुए नुकसान और कुछ इक्विटी निवेश व अधिग्रहण रहे हैं।

हालांकि Zomato अब मुनाफा कमा रही है, कंपनी का मानना है कि बढ़ते प्रतिस्पर्धात्मक परिदृश्य में बने रहने के लिए इसे अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाए रखने की जरूरत है। Zomato ने बताया, “हमारा मानना है कि सिर्फ पूंजी जुटाना सफलता की गारंटी नहीं देता, बल्कि सेवा की गुणवत्ता ही असली मापदंड है। फिर भी, हमारे प्रतिस्पर्धी लगातार पूंजी जुटा रहे हैं, और ऐसे में हम भी उनके साथ एक समान स्थिति में रहना चाहते हैं।”

Zomato QIP का दीर्घकालिक प्रभाव

Zomato QIP का उद्देश्य कंपनी को दीर्घकालिक सफलता की ओर ले जाना और एक मजबूत वित्तीय स्थिति बनाना है, ताकि वह भविष्य में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना बेहतर तरीके से कर सके। इस फंडरेजिंग के जरिए Zomato अपने व्यवसाय का विस्तार, सेवा की गुणवत्ता को बढ़ावा और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को मजबूत बनाने की योजना बना रही है।

1 thought on “Zomato QIP: Zomato का 8500 करोड़ का बड़ा दांव! जानें कैसे बदल जाएगी फूड डिलीवरी की दुनिया”

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Scroll to Top