नवंबर ऑटो सेल्स: नहीं बिक रही कारें! ऑटो सेल्स में भारी गिरावट, Hyundai और Tata Motors के शेयरों में तूफान!
नवंबर के खुदरा बिक्री आंकड़ों के जारी होने के बाद ऑटो शेयरों में गिरावट आई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने बताया कि नवंबर में यात्री वाहन पंजीकरण में 13.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.22 लाख यूनिट्स के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा, वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में भी 6.1 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 81,967 यूनिट्स तक पहुंची। यह गिरावट ऑटो उद्योग में मांग की कमजोर स्थिति को दिखाती है और इसने प्रमुख ऑटो कंपनियों के शेयरों में दबाव डाला।
Hyundai और Tata Motors के शेयरों में गिरावट
सोमवार को ऑटो शेयरों में व्यापक गिरावट देखी गई, जिसमें Hyundai Motor और Tata Motors के शेयरों में महत्वपूर्ण नुकसान हुआ। Hyundai Motor के शेयर 1.2 प्रतिशत गिरकर 1,838 रुपये पर आ गए, जबकि Tata Motors के शेयरों में 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह 811 रुपये पर बंद हुए। इसके साथ ही, Maruti Suzuki और Mahindra & Mahindra (M&M) के शेयरों में भी क्रमशः 0.4 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई। इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट का मुख्य कारण कमजोर यात्री वाहन बिक्री और उच्च इन्वेंटरी स्तरों का बना रहना था।
नवंबर ऑटो सेल्स
OEM | NOV'24 Sales | Market Share (%) NOV'24 | NOV'23 Sales | Market Share (%) NOV'23 |
---|---|---|---|---|
MARUTI SUZUKI INDIA LTD | 1,28,521 | 39.92% | 1,53,103 | 41.03% |
HYUNDAI MOTOR INDIA LTD | 43,996 | 13.67% | 51,288 | 13.74% |
MAHINDRA & MAHINDRA LIMITED | 42,305 | 13.14% | 41,544 | 11.13% |
TATA MOTORS LTD | 42,176 | 13.10% | 54,923 | 14.72% |
TOYOTA KIRLOSKAR MOTOR PVT LTD | 20,261 | 6.29% | 17,936 | 4.81% |
KIA INDIA PRIVATE LIMITED | 18,502 | 5.75% | 20,786 | 5.57% |
SKODA AUTO VOLKSWAGEN GROUP | 5,671 | 1.76% | 8,003 | 2.14% |
SKODA AUTO VOLKSWAGEN INDIA PVT LTD | 5,606 | 1.74% | 7,948 | 2.13% |
VOLKSWAGEN AG/INDIA PVT. LTD. | 3 | 0.00% | 3 | 0.00% |
AUDI AG | 20 | 0.01% | 49 | 0.01% |
SKODA AUTO INDIA/AS PVT LTD | 42 | 0.01% | 3 | 0.00% |
MG MOTOR INDIA PVT LTD | 5,002 | 1.55% | 4,260 | 1.14% |
HONDA CARS INDIA LTD | 4,485 | 1.39% | 8,541 | 2.29% |
RENAULT INDIA PVT LTD | 2,953 | 0.92% | 3,942 | 1.06% |
NISSAN MOTOR INDIA PVT LTD | 2,354 | 0.73% | 2,521 | 0.68% |
MERCEDES -BENZ GROUP | 1,396 | 0.43% | 1,380 | 0.37% |
MERCEDES-BENZ INDIA PVT LTD | 1,248 | 0.39% | 1,232 | 0.33% |
MERCEDES -BENZ AG | 120 | 0.04% | 140 | 0.04% |
DAIMLER AG | 28 | 0.01% | 8 | 0.00% |
BMW INDIA PVT LTD | 993 | 0.31% | 1,227 | 0.33% |
FORCE MOTORS LIMITED | 579 | 0.18% | 520 | 0.14% |
PCA AUTOMOBILES INDIA PVT LTD | 467 | 0.15% | 830 | 0.22% |
FCA INDIA AUTOMOBILES PRIVATE LIMITED | 347 | 0.11% | 524 | 0.14% |
BYD INDIA PRIVATE LIMITED | 329 | 0.10% | 140 | 0.04% |
JAGUAR LAND ROVER INDIA LIMITED | 311 | 0.10% | 368 | 0.10% |
VOLVO AUTO INDIA PVT LTD | 142 | 0.04% | 232 | 0.06% |
Others | 1,153 | 0.36% | 1,072 | 0.29% |
Total | 3,21,943 | 100% | 3,73,140 | 100% |
नवंबर 2024 में, भारतीय यात्री वाहन (PV) बिक्री में प्रमुख वाहन निर्माताओं के बीच बाजार हिस्सेदारी में कुछ बदलाव देखने को मिले हैं। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल बिक्री 3,21,943 यूनिट्स रही, जो पिछले वर्ष (नवंबर 2023) के 3,73,140 यूनिट्स से कम थी। इस गिरावट का मुख्य कारण कमजोर बिक्री और कुछ कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी में कमी है।
Maruti Suzuki India Ltd ने नवंबर 2024 में 39.92% बाजार हिस्सेदारी के साथ अपनी स्थिति मजबूत रखी, हालांकि इसमें पिछले साल की तुलना में 1.11% की गिरावट आई है। नवंबर 2023 में इसकी हिस्सेदारी 41.03% थी। इसके बाद Hyundai Motor India Ltd का स्थान है, जिसकी हिस्सेदारी 13.67% रही, जो पिछले साल 13.74% थी।
Mahindra & Mahindra Ltd ने 13.14% हिस्सेदारी के साथ अपनी स्थिति में सुधार किया है, जबकि Tata Motors Ltd की हिस्सेदारी 13.10% रही, जो नवंबर 2023 में 14.72% थी। Toyota Kirloskar Motor Pvt Ltd और Kia India Private Ltd की हिस्सेदारी में भी थोड़ा सा बदलाव देखा गया है। Toyota की हिस्सेदारी 4.81% से बढ़कर 6.29% हो गई है, जबकि Kia India की हिस्सेदारी मामूली रूप से बढ़कर 5.75% हो गई है।
Skoda Auto Volkswagen Group और Skoda Auto Volkswagen India Pvt Ltd ने अपनी हिस्सेदारी में कमी देखी, जबकि MG Motor India Pvt Ltd की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई, जो 1.55% तक पहुंच गई है। वहीं, Honda Cars India Ltd की हिस्सेदारी में महत्वपूर्ण गिरावट आई है, जो 2.29% से घटकर 1.39% हो गई है।
यह डेटा दर्शाता है कि कुछ कंपनियों ने अपनी स्थिति में सुधार किया है, जबकि अन्य को बिक्री में गिरावट का सामना करना पड़ा है, खासकर पिछले साल की तुलना में। इस आंकड़े का विश्लेषण उद्योग की बदलती परिस्थितियों और उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं को भी उजागर करता है।
कमजोर बिक्री के कारणों का विश्लेषण
नवंबर के आंकड़ों के अनुसार, यात्री वाहनों की बिक्री में आई गिरावट से निवेशकों का आत्मविश्वास प्रभावित हुआ है। FADA ने रिपोर्ट में बताया कि यह गिरावट मुख्य रूप से तीन प्रमुख कारणों से आई – शादी सीजन की मंदी, दिवाली के देर से पड़ने का असर और ग्रामीण इलाकों में कमजोर मांग। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में, जबकि दोपहिया वाहनों की बिक्री में कुछ हद तक समर्थन मिला, वहीं विवाह संबंधित वाहन खरीदारी की उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही। इस कारण से, पूरे नवम्बर महीने की बिक्री कमजोर रही।
इन्वेंटरी स्तरों में कमी, लेकिन मांग में सुधार की आवश्यकता
इस गिरावट के बावजूद, FADA के अध्यक्ष CS विग्नेश्वर ने कहा कि यात्री वाहन खंड में इन्वेंटरी स्तरों में हल्की कमी आई है, हालांकि यह अभी भी 65-68 दिन के आसपास है। उच्च इन्वेंटरी स्तर डीलरों के लिए एक अतिरिक्त चुनौती है, क्योंकि इससे उन्हें वाहन बेचने में समस्या हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इन्वेंटरी में गिरावट की तुलना में, मांग में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ है।
नए उत्पादों और लॉन्च की कमी का असर
नवंबर में बिक्री में कमी के मुख्य कारणों में से एक यह भी था कि त्योहारी मांग अक्टूबर महीने में ही पूरी हो गई थी, जिसका असर नवंबर के आंकड़ों पर पड़ा। शादी सीजन में भी अपेक्षाकृत कम बिक्री रही, जो आमतौर पर ऑटो उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण बिक्री अवधि होती है।
इसके अतिरिक्त, नए मॉडल्स और लॉन्च की कमी भी नवंबर के आंकड़ों पर असर डाल रही थी। वाहन निर्माता कंपनियों के पास नए उत्पादों के सीमित विकल्प थे, जो खरीदारों को आकर्षित करने में सक्षम नहीं थे।
मैक्रोइकॉनॉमिक समस्याओं का असर
ऑटो उद्योग को मौजूदा आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। उच्च ब्याज दरें, महंगाई, और उपभोक्ता खर्च में कमी जैसी आर्थिक समस्याएं वाहन खरीदारी को प्रभावित कर रही हैं। FADA ने यह भी कहा कि ये मैक्रोइकॉनॉमिक चुनौतियां भविष्य में ऑटो उद्योग के लिए एक बड़ा सिरदर्द साबित हो सकती हैं।
ग्रामीण मांग में कमजोरी और नए उत्पादों की आवश्यकता
दूसरी ओर, ग्रामीण इलाकों में कमजोर मांग का असर वाहन कंपनियों की बिक्री पर पड़ा है। कई कंपनियों ने नए उत्पाद लॉन्च किए थे, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत ठंडी रही।
FADA ने यह भी बताया कि अगर ऑटो क्षेत्र को पुनः गति प्राप्त करनी है, तो भविष्य में नए उत्पादों की पेशकश और ग्रामीण इलाकों में मजबूत मांग की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, अगले कुछ महीनों में कंपनियों को अपनी इन्वेंटरी प्रबंधन रणनीतियों पर भी ध्यान देना होगा, ताकि डीलरों के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हो सकें और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास लौट सके।
निवेशकों के लिए दिशा-निर्देश
इन परिस्थितियों में निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि ऑटो उद्योग को मजबूत करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे, जैसे नए मॉडल की पेशकश, ग्रामीण बाजारों में सक्रियता और मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति में सुधार। इन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने से ही ऑटो कंपनियों को अपने प्रदर्शन में सुधार लाने में मदद मिल सकती है।