Mainline IPO

MainlineIPO Watchlist 2025
चांदी की आज की कीमतें
Company Open Close Listing Date Issue Size (Cr) Issue Price (INR) Lot Size Exchange Listing Price Overall Subscription
Jul 30, 2025 Aug 1, 2025 Aug 6, 2025 ₹792.00 Cr ₹140 to ₹150 100 NSE/BSE
Jul 30, 2025 Aug 1, 2025 Aug 6, 2025 ₹366 to ₹385 ₹650.00 Cr 38 NSE/BSE 0.03
MAIN OPEN
NSDL IPO
Jul 30, 2025 Aug 1, 2025 Aug 6, 2025 ₹4,011.60 Cr ₹760 to ₹800 18 NSE/BSE 0.06x
Jul 29, 2025 Jul 31, 2025 Jul 5, 2025 ₹254.26 Cr ₹150 to ₹158 94 NSE/BSE 0.14x
Jul 29, 2025 Jul 31, 2025 Aug 5, 2025 ₹1,300.00 Cr ₹640 to ₹675 22 NSE/BSE 0.6x
Jul 25, 2025 Jul 29, 2025 Aug 1, 2025 ₹360.11 Cr ₹189 to ₹199 75 NSE/BSE 14.42x
MAIN OPEN

Sri Lotus Developers IPO

Close Date Aug 1, 2025
Subscription
Open Date: Jul 30, 2025
Close Date: Aug 1, 2025
Listing Date: Aug 6, 2025
Issue Price: ₹140 to ₹150
Listing Price:
Lot Size: 100
Exchange: NSE/BSE
Subscription:
MAIN OPEN

M&B Engineering IPO

Close Date Aug 1, 2025
Subscription 0.03
Open Date: Jul 30, 2025
Close Date: Aug 1, 2025
Listing Date: Aug 6, 2025
Issue Price: ₹650.00 Cr
Listing Price:
Lot Size: 38
Exchange: NSE/BSE
Subscription: 0.03
MAIN OPEN

NSDL IPO

Close Date Aug 1, 2025
Subscription 0.06x
Open Date: Jul 30, 2025
Close Date: Aug 1, 2025
Listing Date: Aug 6, 2025
Issue Price: ₹760 to ₹800
Listing Price:
Lot Size: 18
Exchange: NSE/BSE
Subscription: 0.06x
MAIN OPEN

Laxmi India Finance IPO

Close Date Jul 31, 2025
Subscription 0.14x
Open Date: Jul 29, 2025
Close Date: Jul 31, 2025
Listing Date: Jul 5, 2025
Issue Price: ₹150 to ₹158
Listing Price:
Lot Size: 94
Exchange: NSE/BSE
Subscription: 0.14x
MAIN OPEN

Aditya Infotech IPO

Close Date Jul 31, 2025
Subscription 0.6x
Open Date: Jul 29, 2025
Close Date: Jul 31, 2025
Listing Date: Aug 5, 2025
Issue Price: ₹640 to ₹675
Listing Price:
Lot Size: 22
Exchange: NSE/BSE
Subscription: 0.6x
MAIN OPEN

Shanti Gold International IPO

Close Date Jul 29, 2025
Subscription 14.42x
Open Date: Jul 25, 2025
Close Date: Jul 29, 2025
Listing Date: Aug 1, 2025
Issue Price: ₹189 to ₹199
Listing Price:
Lot Size: 75
Exchange: NSE/BSE
Subscription: 14.42x
Mainline IPO (Initial Public Offering) क्या है?
Mainline IPO (Initial Public Offering) वह प्रक्रिया है, जिसमें कोई कंपनी पहली बार अपनी हिस्सेदारी (शेयर) आम निवेशकों के लिए स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध कराती है। इस प्रक्रिया में, कंपनी के शेयर आम जनता द्वारा खरीदे जाते हैं और कंपनी को इससे पूंजी जुटाने का अवसर मिलता है। यह एक प्रकार का फंड रेजिंग तरीका है, जिसका उद्देश्य कंपनी के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाना, व्यवसाय का विस्तार करना और सार्वजनिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना है। IPO प्रक्रिया कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसके द्वारा वे निवेशकों से धन जुटाते हैं, जो उन्हें अपने बिजनेस को और बढ़ाने, ऋण चुकाने, नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करने, और अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल करने में मदद करता है। वहीं, यह निवेशकों को भी अपने पैसों को निवेश करने का एक नया अवसर प्रदान करता है। IPO का महत्व और इसके फायदे: IPO एक महत्वपूर्ण कदम है जो किसी भी कंपनी को सार्वजनिक बनाता है। एक बार जब कंपनी अपना IPO जारी करती है, तो उसे एक विशाल निवेशक समुदाय से फंड प्राप्त होता है, जो कंपनी के लिए अपनी कार्यों को आगे बढ़ाने में सहायक होता है।

IPO के मुख्य फायदे:

  1. पूंजी जुटाना (Capital Raising): IPO के माध्यम से कंपनी बड़ी मात्रा में पूंजी जुटा सकती है, जो उसे व्यापार का विस्तार करने, नई परियोजनाओं पर निवेश करने, ऋण चुकाने या अन्य आवश्यक कार्यों के लिए उपयोग करने की अनुमति देती है।
  2. ब्रांड प्रतिष्ठा और पहचान (Brand Reputation and Recognition): जब कोई कंपनी सार्वजनिक होती है, तो उसका नाम प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हो जाता है। इससे कंपनी को वैश्विक पहचान और ब्रांड वैल्यू मिलती है। इसके अलावा, IPO से निवेशकों और ग्राहकों के बीच कंपनी की विश्वसनीयता बढ़ती है।
  3. लिक्विडिटी (Liquidity): IPO के बाद, कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर बिकने लगते हैं। इसका मतलब है कि निवेशक जब चाहें, कंपनी के शेयरों को बेच सकते हैं। इस तरह, उन्हें अपनी निवेश की लिक्विडिटी (Liquidity) मिलती है, और वे जब चाहें, अपने निवेश को नकदी में बदल सकते हैं।
  4. प्रेरणा और विस्तार (Expansion and Growth): जब कंपनी को पूंजी मिलती है, तो वह न केवल अपने वर्तमान व्यापार को बढ़ा सकती है बल्कि नए बाजारों में भी प्रवेश कर सकती है। इससे कंपनी को अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज़ का विस्तार करने का अवसर मिलता है।
  5. रिस्क डाइवर्सिफिकेशन (Risk Diversification): एक कंपनी की निजी पूंजी से सार्वजनिक पूंजी में बदलाव से कंपनी के लिए जोखिम की डाइवर्सिफिकेशन होती है। इससे कंपनी पर दबाव कम होता है और वह अपने निवेशकों के साथ साझा कर सकती है।
Mainline IPO के दौरान की जाने वाली प्रक्रिया:
  1. पंजीकरण और नियामक अनुमोदन (Registration and Regulatory Approval): IPO लॉन्च करने से पहले, कंपनी को SEBI (Securities and Exchange Board of India) से अनुमोदन प्राप्त करना होता है। SEBI कंपनी के दस्तावेज़ों, वित्तीय रिपोर्ट्स और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी की जाँच करता है। इसके बाद ही कंपनी को IPO लॉन्च करने की अनुमति मिलती है।
  2. ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP): IPO के पहले, कंपनी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) नामक एक दस्तावेज़ जारी करती है। इसमें कंपनी की व्यापार स्थिति, वित्तीय जानकारी, जोखिम, और भविष्य की योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। DRHP निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि वे क्यों निवेश करें और कंपनी में क्या जोखिम हो सकते हैं।
  3. प्राइस बैंड (Price Band): कंपनी एक प्राइस बैंड निर्धारित करती है, जिसके तहत निवेशक IPO में हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। प्राइस बैंड यह तय करता है कि निवेशक प्रति शेयर कितनी कीमत चुकाएंगे। उदाहरण के लिए, यदि प्राइस बैंड ₹500-₹550 है, तो निवेशक ₹500 से ₹550 के बीच किसी भी कीमत पर शेयर खरीद सकते हैं।
  4. निवेशकों का चयन और आवंटन (Investor Selection and Allotment): जब IPO के लिए आवेदन बंद हो जाता है, तो शेयरों का आवंटन किया जाता है। अगर अधिक आवेदन होते हैं तो शेयरों का आवंटन “लॉटरी” के आधार पर होता है, जिससे निवेशक तय कर सकते हैं कि उन्हें कितने शेयर आवंटित होंगे।
  5. लिस्टिंग और ट्रेडिंग (Listing and Trading): एक बार शेयरों का आवंटन हो जाने के बाद, कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज (जैसे BSE और NSE) पर लिस्ट होते हैं। अब निवेशक इन शेयरों को खुले बाजार में खरीद और बेच सकते हैं। पहले दिन के ट्रेडिंग में शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिसे लिस्टिंग डे गेन (Listing Day Gain) या लिस्टिंग डे लॉस (Listing Day Loss) कहा जाता है।
Mainline IPO के लिए तैयारियाँ:
  1. कंपनी का वित्तीय स्वास्थ्य (Company’s Financial Health): एक कंपनी का वित्तीय स्वास्थ्य IPO के लिए तैयार होने के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। इसे सेबी और निवेशकों को संतुष्ट करने के लिए स्थिर और मजबूत होना चाहिए। इसके लिए कंपनी को अपने पिछले 3-5 वर्षों का वित्तीय विवरण साझा करना पड़ता है।
  2. कंपनी की रणनीति और भविष्य की योजना (Company’s Strategy and Future Plan): IPO लॉन्च करते समय कंपनी को अपने व्यापार मॉडल, भविष्य की योजनाओं और विकास की रणनीतियों के बारे में स्पष्ट रूप से बताना होता है, ताकि निवेशक यह समझ सकें कि कंपनी के पास आगे बढ़ने की सटीक योजना है।
  3. लॉन्च का समय (Timing of the Launch): IPO का सही समय चुनना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर बाजार स्थितियां अच्छी होती हैं, तो IPO अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। कंपनी को इस समय का सही आकलन करने की आवश्यकता होती है, ताकि उसे उच्चतम कीमत मिल सके।
Mainline IPO के फायदे और जोखिम:

Mainline IPO के लाभ:

  • पूंजी का संग्रह (Capital Raising): IPO से कंपनी को एक बड़े निवेशक समुदाय से पूंजी प्राप्त होती है, जिससे उसे नए अवसरों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलता है।
  • ग्लोबल पहचान (Global Recognition): जब एक कंपनी सार्वजनिक होती है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिलती है।
  • लिक्विडिटी की उपलब्धता (Liquidity Availability): शेयरों को खुले बाजार में बेचा जा सकता है, जिससे निवेशक अपनी पूंजी को आसानी से निकाल सकते हैं।

Mainline IPO के जोखिम:

  • मूल्य निर्धारण का जोखिम (Pricing Risk): अगर कंपनी अधिक कीमत पर शेयर जारी करती है, तो वह निवेशकों के लिए हानिकारक हो सकता है। शेयरों की कीमत कम हो सकती है, जिससे निवेशकों को नुकसान हो।
  • स्टॉक की अस्थिरता (Stock Volatility): IPO के बाद, स्टॉक की कीमत में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है, जो निवेशकों को दुविधा में डाल सकता है।
  • नियामकीय अनुपालन (Regulatory Compliance): सार्वजनिक होने के बाद कंपनी को अनेक नियमों का पालन करना पड़ता है, जो अतिरिक्त वित्तीय दबाव उत्पन्न कर सकते हैं।
Scroll to Top