PAN 2.0: सरकार ने जारी किया PAN 2.0, जानें क्या है खास बात?
केंद्र सरकार ने PAN 2.0 परियोजना को मंजूरी दी है, जिसकी लागत ₹1,435 करोड़ है। इस परियोजना का उद्देश्य प्रौद्योगिकी की मदद से टैक्सपेयर्स के पंजीकरण सेवाओं को तेज, सरल और पारदर्शी बनाना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 25 नवंबर को कैबिनेट बैठक के बाद घोषणा की कि यह एक ई-गवर्नेंस परियोजना है, जो पैन और टैक्सपेयर्स की मौजूदा प्रणाली को अपग्रेड करेगी। इसके तहत, टैक्सपेयर्स को एक नया पैन कार्ड मिलेगा जिसमें क्यूआर कोड शामिल होगा, जिससे उनकी पहचान और सत्यापन प्रक्रिया तेज और सुरक्षित हो जाएगी।
यह परियोजना टैक्सपेयर्स को पंजीकरण सेवाओं का बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करेगी और पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। PAN 2.0 के माध्यम से सेवाओं की गति और गुणवत्ता में सुधार होगा, डेटा की सटीकता सुनिश्चित होगी, और पर्यावरण के अनुकूल कागजरहित प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह लागत को कम करने और सुरक्षा को मजबूत करने में भी मदद करेगा। परियोजना ब्लॉकचेन तकनीक और आधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर टैक्स डेटा को अधिक सुरक्षित बनाएगी। इसके अलावा, PAN/TAN सेवाओं का पुन:संरचन और समेकन कर उन्हें अधिक संगठित और पारदर्शी बनाया जाएगा।
यह नई प्रणाली न केवल टैक्सपेयर्स को सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि सरकार के कर संग्रह और पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगी। PAN 2.0 का लक्ष्य एकीकृत, सटीक और पारदर्शी सेवाओं के माध्यम से टैक्सपेयर्स के अनुभव को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है। यह परियोजना डिजिटल इंडिया को सशक्त बनाने और देश की वित्तीय प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
The PAN 2.0 initiative approved by the Union Cabinet today anchors our taxpayer registration system with state-of-the-art technology to make filing of IT returns a hassle-free experience. It will enthuse more taxpayers to join the journey of building a great nation initiated by… pic.twitter.com/PZWD98ATXt
— Amit Shah (@AmitShah) November 25, 2024
PAN 2.0 में क्या है खास बात
PAN 2.0 परियोजना टैक्सपेयर्स के लिए कई बेहतरीन सुविधाएं लेकर आ रही है। इसमें टैक्सपेयर्स को एक नया पैन कार्ड मिलेगा, जिसमें एक क्यूआर कोड होगा। यह क्यूआर कोड पैन के सत्यापन और उपयोग को तेज़ और अधिक सुरक्षित बनाएगा। खास बात यह है कि इस अपग्रेड के लिए टैक्सपेयर्स को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क होगी और इसे पूरी तरह डिजिटल बनाया गया है।
इस परियोजना में ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग होगा, जिससे डेटा में छेड़छाड़ की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी और टैक्सपेयर्स का डेटा सुरक्षित रहेगा। इसके साथ ही, PAN/TAN सेवाओं को अधिक संगठित और एकीकृत किया जाएगा, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता में सुधार होगा। यह प्रणाली पंजीकरण प्रक्रिया को तेज़ करेगी, कागजी कार्यों को कम करेगी, और पर्यावरण के अनुकूल कामकाज को बढ़ावा देगी। यह परियोजना टैक्सपेयर्स के अनुभव को सरल और कुशल बनाने के लिए एक बड़ा कदम है।
PAN 2.0 आने के बाद क्या होगा
PAN 2.0 परियोजना का प्रभाव टैक्सपेयर्स और सरकार दोनों के लिए व्यापक और सकारात्मक होगा। इससे टैक्सपेयर्स के लिए पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया सरल, तेज़ और अधिक पारदर्शी हो जाएगी। डिजिटल प्रणाली के माध्यम से सेवाओं तक आसानी से पहुंच होगी और समय की बचत होगी। पर्यावरण के अनुकूल कागजरहित प्रक्रिया अपनाने से कागज की खपत कम होगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। ब्लॉकचेन जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग डेटा की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करेगा, जिससे फर्जीवाड़े की संभावनाएं खत्म होंगी।
सरकार के लिए यह परियोजना कर संग्रह और प्रबंधन को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएगी। पंजीकरण सेवाओं का डिजिटलीकरण न केवल प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा, बल्कि टैक्सपेयर्स के अनुभव को भी बेहतर करेगा। यह परियोजना डिजिटल इंडिया के विज़न को साकार करने और वित्तीय प्रणाली को आधुनिक और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।