रिलायंस-डिज़्नी विलय: CCI ने मंजूरी दी, सात चैनल बेचे जाएंगे - भारतीय मनोरंजन उद्योग में नई प्रतिस्पर्धा और संभावनाएं
CCI के 48-पृष्ठ के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पार्टियां स्वेच्छा से सहमत हुई हैं कि वे आईपीएल, ICC और BCCI क्रिकेट अधिकारों के लिए विज्ञापन स्लॉट को बंडल नहीं करेंगी। इसका मतलब है कि ये कंपनियां अपने विभिन्न क्रिकेट अधिकारों के तहत विज्ञापन बेचना एक साथ नहीं कर सकेंगी।
नई दिल्ली: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा समर्थित वायकॉम18 और वॉल्ट डिज़्नी के स्वामित्व वाले स्टार इंडिया के बीच मेगा मीडिया संपत्तियों के विलय को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ, CCI ने कई महत्वपूर्ण शर्तें भी लागू की हैं, जिनमें सात टीवी चैनलों का divestment शामिल है, जिसमें हंगामा और सुपर हंगामा शामिल हैं।
प्रमुख शर्तें
CCI के 48-पृष्ठ के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पार्टियां स्वेच्छा से सहमत हुई हैं कि वे आईपीएल, ICC और BCCI क्रिकेट अधिकारों के लिए विज्ञापन स्लॉट को बंडल नहीं करेंगी। इसका मतलब है कि ये कंपनियां अपने विभिन्न क्रिकेट अधिकारों के तहत विज्ञापन बेचना एक साथ नहीं कर सकेंगी। यह कदम प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
इसके अलावा, पार्टियों ने यह भी आश्वासन दिया है कि वे ICC और IPL इवेंट्स के लिए अपने टीवी और स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर विज्ञापन दरों को अनreasonably उच्च स्तर पर नहीं बढ़ाएंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि दर्शक उचित दरों पर विज्ञापन देख सकें, जो एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण बनाए रखने में मदद करेगा।
वित्तीय जानकारी
इस विलय के तहत, रिलायंस इंडस्ट्रीज merged entity में 56% हिस्सेदारी रखेगा, जबकि डिज़्नी के पास 37% और बॉधि ट्री सिस्टम्स के पास 7% हिस्सेदारी होगी। नए संयुक्त उपक्रम का कुल मूल्यांकन 70,352 करोड़ रुपये किया गया है।
रिलायंस ने इस विलय में 11,500 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया है, जो दर्शाता है कि अंबानी समूह ने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में 22,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। अप्रैल 2023 में, रिलायंस ने वायकॉम18 में 10,839 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी इस क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास की योजना बना रही है।
नेतृत्व की भूमिका
निता अंबानी और उदय शंकर इस नए संयुक्त उपक्रम के चेयरपर्सन और वाइस चेयरपर्सन होंगे। उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव इस merged entity को स्थिरता और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बाजार पर प्रभाव
यह विलय न केवल रिलायंस और डिज़्नी के लिए बल्कि भारतीय मीडिया बाजार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, एक शक्तिशाली मीडिया और मनोरंजन कंपनी का निर्माण किया जाएगा, जो दर्शकों को विविधता और गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करने के लिए सक्षम होगी।
रिलायंस और डिज़्नी के बीच का यह विलय भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की उम्मीद करता है। विशेष रूप से, OTT प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, यह विलय भारतीय दर्शकों के लिए सामग्री की उपलब्धता को बढ़ाने में सहायक होगा।
इस विलय के साथ, भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। CCI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उपभोक्ताओं को बेहतर और विविध कंटेंट उपलब्ध हो सके। आने वाले समय में, इस विलय का असर दर्शकों और उद्योग दोनों पर पड़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विलय न केवल मौजूदा खिलाड़ियों के लिए चुनौती पेश करेगा, बल्कि नए खिलाड़ियों को भी इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करेगा