trafiksol SME IPO: निवेशकों के लिए बड़ा झटका, सेबी ने किया आईपीओ रद्द

ट्रैफिकसोल आईटीएस टेक्नोलॉजीज के SME IPO को सेबी ने रद्द कर दिया। 345 गुना सब्सक्रिप्शन पाने वाले इस IPO में निवेशकों को पैसा लौटाने का आदेश
Trafiksol SME IPO sebi

trafiksol ITS Technologies का SME आईपीओ, जिसे बाजार में ऐतिहासिक सब्सक्रिप्शन मिला था, अब विवादों में घिर गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस आईपीओ को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही, सेबी ने कंपनी को निर्देश दिया है कि जिन निवेशकों को शेयर आवंटित किए गए थे, उनका पैसा एक सप्ताह के भीतर वापस किया जाए। इस मामले ने न केवल निवेशकों को बल्कि पूरे बाजार को हिला दिया है।

सेबी का सख्त कदम

सेबी ने अपने 16 पन्नों के आदेश में स्पष्ट किया कि trafiksol को उन सभी निवेशकों की रकम लौटानी होगी, जिन्होंने इस आईपीओ में पैसा लगाया था। इसके अलावा, सेबी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को भी निर्देशित किया है कि वह बैंकर्स के साथ मिलकर रिफंड प्रक्रिया पर नजर रखे और सुनिश्चित करे कि यह कार्य समय पर पूरा हो।

सेबी के आदेश में कहा गया है कि रिफंड प्रक्रिया किसी भी हाल में सात दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए। यह कदम निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने और बाजार की पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

कंपनी पर लगे गंभीर आरोप

इस मामले की जड़ें अक्टूबर 2024 में शुरू हुई थीं, जब सेबी ने trafiksol ITS Technologies के आईपीओ दस्तावेजों की गहन जांच का फैसला किया था। कंपनी पर आरोप था कि उसने फर्जी कंपनियों के माध्यम से आईपीओ से प्राप्त राशि में हेराफेरी करने की योजना बनाई थी। इसके बाद, बीएसई ने भी निवेशकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए trafiksol की SME प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्धता प्रक्रिया को रोक दिया था।

शिकायतों के अनुसार, कंपनी ने निवेशकों को गुमराह करने के लिए गलत दावे किए और आईपीओ की रकम का दुरुपयोग करने की योजना बनाई थी। इन शिकायतों के आधार पर सेबी ने कार्रवाई करते हुए इस आईपीओ को रद्द कर दिया।

आईपीओ को मिला था जबरदस्त सब्सक्रिप्शन

trafiksol ITS Technologies का ₹45 करोड़ का आईपीओ निवेशकों के बीच बेहद लोकप्रिय रहा था। इसे 345 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ, जो कि SME सेगमेंट में एक दुर्लभ उपलब्धि है। इस आईपीओ का प्राइस बैंड ₹66 से ₹70 के बीच तय किया गया था। इसे 10 सितंबर 2024 से 12 सितंबर 2024 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खोला गया था।

एकादृष्ट कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड ने इस इश्यू के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर की भूमिका निभाई थी। हालांकि, इतनी बड़ी सफलता के बावजूद, कंपनी के खिलाफ शिकायतों और सेबी की जांच ने इस आईपीओ की साख को पूरी तरह खत्म कर दिया।

निवेशकों के लिए सबक

इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि IPO में निवेश करने से पहले गहन शोध और सावधानी बरतना कितना महत्वपूर्ण है। निवेशकों को कंपनी की वित्तीय स्थिति, पारदर्शिता और बैकग्राउंड की जांच करनी चाहिए।

trafiksol जैसे मामलों में, जहां बड़े सब्सक्रिप्शन और आकर्षक प्राइस बैंड के बावजूद कंपनी की मंशा पर सवाल उठे, यह घटना निवेशकों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जानी चाहिए। सेबी का यह कदम बाजार की पारदर्शिता और निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम पहल है।

निवेशकों के लिए सबक

trafiksol ITS Technologies का मामला न केवल कंपनी के लिए बल्कि बाजार नियामकों और निवेशकों के लिए भी एक बड़ा सबक है। सेबी ने इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह बाजार में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगा।

इस घटना के बाद, निवेशकों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे किसी भी कंपनी के आईपीओ में पैसा लगाने से पहले उसके बैकग्राउंड और खुलासों की गहराई से जांच करें। केवल आकर्षक सब्सक्रिप्शन डेटा और प्राइस बैंड देखकर निवेश करना लंबे समय में हानिकारक हो सकता है।

trafiksol ITS Technologies का IPO मामला भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता को उजागर करता है। सेबी का यह कदम न केवल निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि बाजार में धोखाधड़ी करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी

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