वडोदरा कार हादसा: "नशे में नहीं था, एयरबैग खुलने से दिखना बंद हुआ, कार 50 KM प्रति घंटे की रफ्तार से थी" – वडोदरा में 5 लोगों को कुचलने वाले लॉ स्टूडेंट का बचाव
संक्षेप:-
वडोदरा में एक 20 वर्षीय लॉ स्टूडेंट, रक्षित चौरसिया, ने तेज़ रफ्तार कार से 5 लोगों को कुचल दिया, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और चार घायल हो गए। आरोपी ने नशे में होने और तेज़ गति से गाड़ी चलाने से इनकार किया, लेकिन CCTV फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान उसके दावे को झूठा साबित कर रहे हैं। हादसे के बाद वायरल वीडियो में वह “एक और राउंड” चिल्लाते हुए नशे में लड़खड़ाता दिखा, जिससे उसकी लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैया उजागर हो गया।

गुजरात के वडोदरा में गुरुवार देर रात हुए एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। इस घटना में एक 20 वर्षीय लॉ स्टूडेंट, रक्षित चौरसिया, ने अपनी तेज़ रफ्तार कार से सड़क किनारे खड़े पांच लोगों को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद रक्षित ने दावा किया कि वह नशे में नहीं था और उसकी कार केवल 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। लेकिन मौके से सामने आए CCTV फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इस दावे को पूरी तरह झूठा साबित कर रहे हैं।
यह हादसा रात करीब 12:30 बजे वडोदरा के करेलीबाग इलाके में हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रक्षित चौरसिया की कार बहुत तेज़ रफ्तार में थी और उसने पहले एक स्कूटी को टक्कर मारी। टक्कर इतनी ज़बरदस्त थी कि स्कूटी सवार हवा में उछलकर गिर गया। इसके बाद, कार अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे खड़े चार अन्य लोगों को कुचल दिया। दुर्घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़ पड़े।
रक्षित चौरसिया ने मीडिया से बातचीत में सफाई देते हुए कहा कि एक गड्ढे से बचने की कोशिश में उसकी कार स्कूटी से टकरा गई, जिससे झटका लगने के कारण एयरबैग खुल गया और आगे का दृश्य पूरी तरह से धुंधला हो गया। उसने यह भी दावा किया कि कार की गति केवल 50 किमी प्रति घंटे थी। लेकिन इस दावे को CCTV फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान खारिज कर रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कार बेहद तेज़ रफ्तार में थी और उसने पूरी ताकत से लोगों को टक्कर मारी।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हादसे के बाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें रक्षित चौरसिया कार से बाहर निकलते ही “एक और राउंड” चिल्लाते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि वह नशे में बुरी तरह धुत था और लड़खड़ा रहा था। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने जब उसे पकड़ने की कोशिश की, तब भी वह अजीब हरकतें करता नजर आया। इस दौरान सड़क पर घायल लोग तड़प रहे थे, लेकिन आरोपी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर रक्षित चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में दूसरा आरोपी, मीत चौहान, जो कार का असली मालिक था और हादसे के समय रक्षित के साथ मौजूद था, उसे भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
वडोदरा के पुलिस आयुक्त नरसिंह कोमार ने मीडिया को बताया कि इस दुर्घटना में कुल आठ लोग घायल हुए, जिनमें से एक महिला की मौत हो गई। पुलिस की टीम घटनास्थल पर मौजूद सभी सबूतों की गहन जांच कर रही है। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हादसे से पहले रक्षित और मीत कहां गए थे, क्या उन्होंने शराब पी थी और कार इतनी तेज़ क्यों चलाई जा रही थी।
फिलहाल पुलिस मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि रक्षित ने शराब पी थी या नहीं। अगर मेडिकल रिपोर्ट में शराब के सेवन की पुष्टि होती है, तो आरोपी पर गैर-इरादतन हत्या (IPC धारा 304), लापरवाही से वाहन चलाने (धारा 279), और गंभीर चोट पहुंचाने (धारा 337 और 338) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या नशे में गाड़ी चलाने वाले ऐसे लोगों को सख्त सजा दी जाएगी, या फिर प्रभावशाली परिवारों के रसूख के चलते मामला दबा दिया जाएगा? इस तरह के मामलों में अक्सर देखा गया है कि अपराधी कुछ समय बाद जमानत पर बाहर आ जाते हैं और पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिल पाता।
रक्षित चौरसिया खुद एक लॉ स्टूडेंट है, जो कानून को अच्छी तरह समझता है, लेकिन उसने ही सड़क नियमों को ताक पर रख दिया और एक निर्दोष महिला की जान ले ली। यह मामला केवल एक लापरवाह ड्राइवर का नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ते गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और कानून के प्रति उदासीनता का भी प्रतीक है।
अब पूरा मामला इस बात पर निर्भर करता है कि क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा या यह केस भी समय के साथ ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। पुलिस की जांच और अदालत के फैसले पर सभी की नज़रें टिकी हैं।

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