भारत में सोने की कीमत

gold price in india

18K सोना /ग्राम

7,319/ग्राम
+ ₹20 ↑ + 0.27%

22K सोना /ग्राम

8,945/ग्राम
+ ₹25 ↑ + 0.28%

24K सोना /ग्राम

9,758/ग्राम
+ ₹27 ↑ + 0.28%

भारत में आज सोने की कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई है। 24K सोने की कीमत ₹9,758 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने की ₹8,945 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने की ₹7,319 प्रति ग्राम है।

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सोने का प्रकारआजकलबदलावबदलाव (%)
18K7,3197,299+ ₹20 + 0.27% ↑
22K8,9458,920+ ₹25 + 0.28% ↑
24K9,7589,731+ ₹27 + 0.28% ↑

आज भारत में 18K सोने की कीमत प्रति ग्राम (₹ रुपये)

वजनआज की कीमतकल की कीमतबदलाव
1 ग्राम₹7,319₹7,299+ ₹20 ↑
8 ग्राम₹58,552₹58,392+ ₹160 ↑
10 ग्राम₹73,190₹72,990+ ₹200 ↑
100 ग्राम₹731,900₹729,900+ ₹2,000 ↑
1 किलो₹7,319,000₹7,299,000+ ₹20,000 ↑

आज भारत में 22K सोने की कीमत प्रति ग्राम (₹ रुपये)

वजनआज की कीमतकल की कीमतबदलाव
1 ग्राम₹8,945₹8,920+ ₹25 ↑
8 ग्राम₹71,560₹71,360+ ₹200 ↑
10 ग्राम₹89,450₹89,200+ ₹250 ↑
100 ग्राम₹894,500₹892,000+ ₹2,500 ↑
1 किलो₹8,945,000₹8,920,000+ ₹25,000 ↑

आज भारत में 24K सोने की कीमत प्रति ग्राम (₹ रुपये)

वजनआज की कीमतकल की कीमतबदलाव
1 ग्राम₹9,758₹9,731+ ₹27 ↑
8 ग्राम₹78,064₹77,848+ ₹216 ↑
10 ग्राम₹97,580₹97,310+ ₹270 ↑
100 ग्राम₹975,800₹973,100+ ₹2,700 ↑
1 किलो₹9,758,000₹9,731,000+ ₹27,000 ↑

पिछले 30 दिनों में भारत में सोने का भाव (1 ग्राम)

तारीख22K (₹/ग्राम)24K (₹/ग्राम)

भारत के प्रमुख शहरों में आज सोने के भाव (1 ग्राम)

शहर22K आज24K आज18K आज

भारत में हॉलमार्क गोल्ड रेट कैसे तय होता है?

1.हॉलमार्क गोल्ड क्या है?

भारत में हॉलमार्क गोल्ड का रेट रोज़ाना बदलता है और इसे कई बातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है। सबसे पहले समझें कि हॉलमार्क गोल्ड क्या होता है। जब आप किसी गहने या सोने की चीज़ पर हॉलमार्क का निशान देखते हैं, तो इसका मतलब है कि वह सोना BIS (Bureau of Indian Standards) से प्रमाणित है और उसकी शुद्धता जांची गई है। उदाहरण के लिए, 22 कैरेट हॉलमार्क गोल्ड में 91.6% शुद्ध सोना होता है।

2.सोने की कीमत इंटरनेशनल मार्केट से कैसे जुड़ी है?

भारत में सोने की कीमत मुख्य रूप से इंटरनेशनल मार्केट पर निर्भर करती है। लंदन बुलियन मार्केट जैसे ग्लोबल बाजारों में जब सोने के दाम बढ़ते हैं, तो भारत में भी उसका असर दिखता है। इसके साथ-साथ डॉलर और भारतीय रुपये की विनिमय दर (exchange rate) भी एक अहम भूमिका निभाती है। चूंकि भारत में ज्यादातर सोना आयात होता है, इसलिए अगर डॉलर महंगा होता है तो सोना भी महंगा हो जाता है।

3. सरकारी टैक्स और इम्पोर्ट ड्यूटी का असर

सरकार द्वारा लगाए गए इम्पोर्ट ड्यूटी, जीएसटी (3%) और अन्य टैक्स भी सोने की कीमत को प्रभावित करते हैं। यानी जितना ज़्यादा टैक्स लगेगा, उतना ही ज्यादा सोना महंगा पड़ेगा। ये चार्ज सीधे-सीधे आपके द्वारा खरीदे गए सोने की कीमत में जुड़ जाते हैं।

4. त्योहार, शादियाँ और डिमांड-सप्लाई का रोल

जब त्योहारी सीजन या शादी का समय होता है, तो लोगों में गहने खरीदने की होड़ लग जाती है। इससे सोने की डिमांड बढ़ जाती है, जबकि सप्लाई उतनी तेज़ नहीं होती। इसी कारण रेट में उछाल आता है। यानी मौसम और मौके भी सोने की कीमत तय करने में बड़ा रोल निभाते हैं।

5. हॉलमार्क गोल्ड रेट में क्या-क्या जुड़ता है?

हॉलमार्क गोल्ड की कीमत तय करते समय कई चीज़ें जुड़ती हैं:

  • स्टैंडर्ड गोल्ड प्राइस (जो उस दिन का बेस रेट होता है)

  • मेकिंग चार्ज

  • GST (3%)

  • ज्वेलर का मार्जिन

इसलिए जो रेट आप अखबार या वेबसाइट पर देखते हैं, दुकान पर उससे थोड़ा ज़्यादा हो सकता है।

गोल्ड: एक सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश

जब भी हम निवेश की बात करते हैं, तो सबसे पहले हमारे दिमाग में जो चीज़ आती है, वो है “सोना”। सोना यानी गोल्ड, ना सिर्फ़ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में एक बहुमूल्य और भरोसेमंद संपत्ति (Asset) माना जाता है। चाहे शादी-ब्याह हो, तीज-त्योहार या फिर आर्थिक अस्थिरता – गोल्ड हर स्थिति में लोगों की पहली पसंद बना रहता है। लेकिन सवाल ये है कि सोना एक अच्छा निवेश क्यों माना जाता है?

1. मूल्य की स्थिरता (Stability in Value)

गोल्ड की सबसे खास बात ये है कि इसका मूल्य लंबे समय तक स्थिर रहता है। जब बाजार में मंदी आती है या शेयर मार्केट गिरता है, तब भी सोने की कीमत ज़्यादा प्रभावित नहीं होती। यही कारण है कि लोग इसे “Safe Haven” यानी सुरक्षित शरण मानते हैं।

2. महंगाई से सुरक्षा (Hedge against Inflation)

जब रुपये की वैल्यू गिरती है या महंगाई बढ़ती है, तब आपकी नकद पूंजी की कीमत घट जाती है। लेकिन सोना ऐसे समय में अपनी चमक बनाए रखता है और अक्सर इसकी कीमत बढ़ जाती है। इसीलिए लोग गोल्ड में निवेश को महंगाई के खिलाफ एक सुरक्षा कवच मानते हैं।

3. तरलता (Liquidity)

गोल्ड एक ऐसी संपत्ति है जिसे आप जब चाहें, बेच सकते हैं। ज़रूरत पड़ने पर इसे तुरंत कैश में बदला जा सकता है। और तो और, अब तो डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETFs और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्प भी मौजूद हैं, जिनसे सोने में निवेश और आसान हो गया है।

4. सांस्कृतिक और भावनात्मक मूल्य

भारत में सोना सिर्फ़ निवेश नहीं, एक भावना भी है। इसे शुभ माना जाता है और पीढ़ियों तक संभाल कर रखा जाता है। यही वजह है कि कई बार लोग इसे बेचने के बजाय इसे अगली पीढ़ी को सौंपना पसंद करते हैं।

5. विविधीकरण (Diversification)

अगर आप अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता (diversification) लाना चाहते हैं, तो गोल्ड एक बेहतरीन विकल्प है। यह दूसरे एसेट क्लासेस जैसे कि इक्विटी या रियल एस्टेट के मुकाबले अलग तरह से व्यवहार करता है, जिससे जोखिम कम होता है।

सोने की शुद्धता क्या होती है?

जब हम सोना खरीदने की सोचते हैं, तो सबसे पहला सवाल हमारे मन में यही आता है – “क्या यह सोना शुद्ध है?” सोने की शुद्धता का मतलब होता है कि उसमें सोने की मात्रा कितनी है और उसमें कितनी मिलावट है। आम भाषा में कहें तो अगर कोई चीज़ 100% सोने से बनी हो, तो वह सबसे शुद्ध मानी जाएगी। लेकिन रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाले गहनों में इतना शुद्ध सोना बहुत कम देखने को मिलता है, क्योंकि पूरी तरह शुद्ध सोना बहुत नरम होता है और उससे बने गहने जल्दी टूट सकते हैं। इसलिए गहनों में थोड़ा-बहुत दूसरा धातु मिलाया जाता है ताकि वो मज़बूत और टिकाऊ बन सकें।

1. कैरेट क्या होता है और इसका क्या मतलब है?

“कैरेट” एक ऐसी माप है जिससे सोने की शुद्धता को नापा जाता है। पूरा शुद्ध सोना, यानी 100% प्योर सोना, 24 कैरेट कहलाता है। इसका मतलब है कि उस सोने में कोई दूसरी धातु नहीं मिलाई गई है। लेकिन 24 कैरेट सोना बहुत मुलायम होता है और इसलिए इससे गहने बनाना थोड़ा मुश्किल होता है।
इसलिए ज्वैलरी के लिए ज़्यादातर लोग 22 कैरेट या 18 कैरेट सोने का इस्तेमाल करते हैं।

  • 22 कैरेट सोना: इसमें करीब 91.6% शुद्ध सोना होता है और बाकी में तांबा, चांदी या जिंक जैसे धातु मिले होते हैं। यह गहनों के लिए सबसे ज़्यादा पसंद किया जाता है।

  • 18 कैरेट सोना: इसमें 75% शुद्ध सोना होता है और 25% दूसरी धातुएं मिलाई जाती हैं। इससे गहने और भी ज्यादा मजबूत बनते हैं।

2. गहनों के लिए 24 कैरेट सोना क्यों नहीं इस्तेमाल होता?

बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है तो फिर गहने उसी से क्यों नहीं बनते। इसका सीधा सा जवाब यह है कि 24 कैरेट सोना बहुत ज्यादा नरम होता है। इसकी मुलायमियत की वजह से इससे बनाए गए गहने जल्दी मुड़ सकते हैं, टूट सकते हैं या अपनी शेप खो सकते हैं। इसलिए गहनों को मजबूत और लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के लिए उसमें दूसरी धातुएं मिलाई जाती हैं और उसे 22 कैरेट या 18 कैरेट में ढाला जाता है। इससे गहने पहनने और संभालने में ज्यादा आरामदायक होते हैं।

3. कैसे पता चले कि सोना असली और शुद्ध है या नहीं?

आजकल बाजार में नकली या मिलावटी सोने की भी बहुत संभावना होती है, इसलिए हमें खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए। भारत सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए BIS हॉलमार्क व्यवस्था शुरू की है।
BIS (Bureau of Indian Standards) एक सरकारी संस्था है जो सोने की शुद्धता को जांचती और प्रमाणित करती है। अगर आपके खरीदे गए गहने या सोने पर BIS हॉलमार्क है, तो आप निश्चिंत रह सकते हैं कि वह असली और शुद्ध है।

हॉलमार्क पर आमतौर पर ये चार निशान होते हैं:

  1. BIS का लोगो – यह बताता है कि सोना सरकारी मानकों पर खरा उतरा है।

  2. कैरेट की जानकारी – जैसे कि 22K या 18K

  3. ज्वैलर की पहचान का यूनिक कोड – जिससे पता चलता है कि किसने वह गहना बनाया

  4. जांच केंद्र की पहचान – जहां सोने की जांच हुई है।

4. निवेश और उपयोग – किसके लिए कौन सा सोना?

अगर आप सोने को एक निवेश के रूप में खरीद रहे हैं – जैसे कि सोने के सिक्के, बार्स या डिजिटल गोल्ड – तो 24 कैरेट सोना सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि वह पूरी तरह से शुद्ध होता है। लेकिन अगर आप सोना गहनों के लिए खरीद रहे हैं, जैसे कि हार, अंगूठी या कड़ा, तो 22 कैरेट या 18 कैरेट सोना ज़्यादा बढ़िया रहता है क्योंकि वो मजबूत होता है और रोज़मर्रा में इस्तेमाल के लिए बेहतर है।

भारत के प्रमुख शहरों में सोने के भाव

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