हिंडनबर्ग के नैट एंडरसन विवादों में, हेज फंड के साथ मिलीभगत के आरोप

पिछले हफ्ते, नैट एंडरसन ने अपनी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की घोषणा की। यह वही फर्म है, जिसने 2023 में गौतम अडानी के समूह पर एक विवादास्पद रिपोर्ट जारी कर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था। लेकिन अब एंडरसन खुद सवालों के घेरे में हैं। कनाडा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन पर आरोप है कि उन्होंने हेज फंड्स के साथ मिलकर कंपनियों को निशाना बनाने वाली रिपोर्ट्स तैयार कीं।
ओंटारियो सुपीरियर कोर्ट में दायर दस्तावेजों के मुताबिक, कनाडा के एन्सन हेज फंड के प्रमुख मोइज़ कसम ने कहा कि उनकी फर्म ने हिंडनबर्ग के साथ रिसर्च साझा की थी। कोर्ट में पेश किए गए ईमेल से पता चलता है कि एंडरसन ने एन्सन के लिए रिपोर्ट तैयार की और हेज फंड से रिपोर्ट के हर पहलू पर मंजूरी मांगी।
क्या है आरोप?
मार्केट फ्रॉड्स नामक एक पोर्टल ने दावा किया है कि कोर्ट में मौजूद दस्तावेजों से यह साफ है कि एंडरसन और एन्सन फंड्स के बीच नजदीकी संबंध थे। एंडरसन पर आरोप है कि उन्होंने एन्सन के निर्देश पर रिपोर्ट में जानबूझकर ऐसी बातें डालीं, जो कंपनियों के शेयरों की कीमत नीचे गिरा सकें।
शॉर्ट सेलिंग के दौरान, निवेशक शेयरों को उधार लेकर उन्हें ऊंचे दाम पर बेचते हैं और फिर गिरावट के बाद उन्हें कम दाम पर खरीदकर मुनाफा कमाते हैं। लेकिन जब इसमें हेज फंड जैसे बड़े खिलाड़ी शामिल हो जाते हैं, तो यह प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ जाती है।
ईमेल से मिली कथित मिलीभगत की पुष्टि
मार्केट फ्रॉड्स ने दावा किया कि उन्हें कोर्ट के दस्तावेजों से हिंडनबर्ग और एन्सन फंड्स के बीच ईमेल की प्रतियां मिली हैं। इन ईमेल्स में एंडरसन लगातार एन्सन से पूछ रहे थे कि रिपोर्ट में क्या शामिल करना है और क्या नहीं। यहां तक कि उन्होंने यह भी पूछा कि क्या एन्सन को और डेटा चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, “ईमेल में साफ दिख रहा है कि एंडरसन के पास रिपोर्ट की सामग्री को लेकर कोई स्वतंत्रता नहीं थी। सबकुछ एन्सन के कहे अनुसार हो रहा था।”
हिंडनबर्ग का बचाव
इन आरोपों पर जब सवाल उठे, तो हिंडनबर्ग ने कहा था कि उनकी रिसर्च फर्म को हर साल अलग-अलग स्रोतों से सैकड़ों लीड मिलती हैं। उन्होंने दावा किया कि हर लीड को कड़ी जांच के बाद ही रिपोर्ट में शामिल किया जाता है और उनका अपनी रिपोर्ट पर पूरा संपादकीय नियंत्रण रहता है।
एन्सन फंड्स पर पहले भी लगे हैं आरोप
यह पहली बार नहीं है कि एन्सन फंड्स विवादों में है। 2023 में, अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने एन्सन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने ग्राहकों को यह नहीं बताया कि उन्होंने नकारात्मक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए बाहरी लेखकों को भुगतान किया था। इस मामले को निपटाने के लिए एन्सन ने $2.25 मिलियन का जुर्माना भरा था।
हिंडनबर्ग के बंद होने की घोषणा
नैट एंडरसन ने पिछले हफ्ते हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का ऐलान करते हुए कहा कि अब वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने इसे बंद करने की कोई ठोस वजह नहीं बताई।
एंडरसन ने कहा, “हमने ऐसे साम्राज्यों को झकझोरा, जिन्हें झकझोरने की जरूरत थी। हमारी रिसर्च की वजह से कई बड़े नामों को जवाब देना पड़ा। लेकिन अब मैं अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान देना चाहता हूं।”
आगे क्या होगा?
अभी यह देखना बाकी है कि इन नए खुलासों पर अमेरिकी नियामक क्या कदम उठाते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर हिंडनबर्ग और एन्सन के बीच मिलीभगत साबित हुई, तो एंडरसन और एन्सन दोनों पर प्रतिभूति धोखाधड़ी का मामला चल सकता है।
सम्बंधित ख़बरें

RBI के 4% लक्ष्य से नीचे आई महंगाई दर, फरवरी में मुद्रास्फीति 3.61% दर्ज

शेयरों में गिरावट से भारतीय अरबपतियों की नेटवर्थ में भारी नुकसान, सबसे आगे रवि जयपुरिया

SpaceX के साथ डील के बाद Reliance Jio और Bharti Airtel के शेयर उछले, Bharti Airtel 3.37% और RIL 1.13% बढ़ा

TCS ने ₹2,250 करोड़ में Darshita Southern India Happy Homes का अधिग्रहण किया, नए डिलीवरी सेंटर की होगी स्थापना

Bharti Airtel ने भारत में Starlink के हाई-स्पीड इंटरनेट लाने के लिए SpaceX के साथ समझौता किया
