रिलायंस इंडस्ट्रीज Q1FY26 रिजल्ट: शुद्ध मुनाफा ₹30,783 करोड़ के पार, डिजिटल और रिटेल सेगमेंट की चमक कायम

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने Q1FY26 में ₹30,783 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जो सालाना 76% की वृद्धि है। डिजिटल और रिटेल सेगमेंट्स ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। कुल आय ₹2.63 लाख करोड़ रही। EPS ₹19.95 रहा और कंपनी की नेट प्रॉफिट मार्जिन 11.3% पहुंची, जो वित्तीय मजबूती को दर्शाता है

रिलायंस इंडस्ट्रीज के Q1FY26 नतीजे: मुनाफा ₹30,783 करोड़, हर सेगमेंट से आई मजबूती
रिलायंस इंडस्ट्रीज Q1FY26 के नतीजे

हर सेगमेंट से आयी मजबूती से रिलायंस का मुनाफा ₹30,783 करोड़ पर पहुंचा – 76% की सालाना बढ़त।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के Q1FY26 नतीजे: मुनाफा ₹30,783 करोड़, हर सेगमेंट से आई मजबूती

मुंबई, 18 जुलाई 2025 – रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल–जून 2025) के नतीजे जारी कर दिए हैं और कंपनी ने एक बार फिर से अपनी बहु-सेगमेंट रणनीति के दम पर शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा ₹30,783 करोड़ रहा जो पिछले साल की समान तिमाही ₹17,445 करोड़ के मुकाबले 76% अधिक है। वहीं पिछली तिमाही (Q4FY25) में यह मुनाफा ₹22,611 करोड़ था, जिससे तुलना करें तो 36% की तिमाही वृद्धि दर्ज की गई है।

कंपनी की कुल आय ₹2,63,779 करोड़ रही, जो Q1FY25 में ₹2,40,200 करोड़ थी – यानि सालाना आधार पर 9.8% की वृद्धि। हालांकि पिछली तिमाही Q4FY25 में यह ₹2,69,478 करोड़ थी, जिससे थोड़ी गिरावट दर्शाती है जो सीजनल हो सकती है। ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹2,48,660 करोड़ रहा, जो Q1FY25 के ₹2,36,217 करोड़ से 5.3% अधिक है।

शुद्ध लाभ में बड़ी छलांग का एक कारण ₹8,924 करोड़ की "अन्य आय" है, जो लिस्टेड निवेशों की बिक्री से प्राप्त हुई। इसके अलावा, प्रत्येक सेगमेंट की प्रदर्शन क्षमता ने इस कमाई को और मज़बूती दी।

डिजिटल सेवाएं (Jio Platforms) का EBITDA ₹18,312 करोड़ रहा, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹14,944 करोड़ था। यह 22.6% की सालाना ग्रोथ दिखाता है। यूज़र बेस की मजबूती, डेटा कंजंप्शन में बढ़ोतरी और औसत रेवेन्यू प्रति यूज़र (ARPU) की स्थिरता ने इसमें सहयोग किया।

रिटेल बिज़नेस ने भी निराश नहीं किया। इस सेगमेंट का EBITDA ₹6,381 करोड़ रहा, जबकि Q1FY25 में यह ₹5,672 करोड़ था — यानि सालाना आधार पर लगभग 12.5% की वृद्धि। डिजिटल रिटेल और ऑन-ग्राउंड स्टोर फुटफॉल दोनों में सकारात्मक ट्रेंड देखा गया।

ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) सेगमेंट ने ₹14,511 करोड़ का EBITDA दिया। यह पिछले साल के ₹13,093 करोड़ की तुलना में बेहतर है। हालांकि पिछली तिमाही Q4FY25 के मुकाबले थोड़ा नीचे है, फिर भी ग्लोबल क्रूड और क्रैक मार्जिन के दबाव के बावजूद कंपनी की रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल दक्षता ने अच्छा सहारा दिया।

ऑयल एंड गैस सेगमेंट में ₹4,996 करोड़ का EBITDA रहा, जो Q1FY25 के ₹5,210 करोड़ से थोड़ा कम है, लेकिन KG-D6 जैसी परियोजनाओं के चलते उत्पादन में स्थिरता बनी रही।

रिलायंस की Net Profit Margin Q1FY26 में 11.3% रही, जो कि Q1FY25 में 6.8% थी और Q4FY25 में 7.8% थी। Operating Margin 10.6% रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 9.8% था।

वित्तीय स्थिति भी मजबूत दिखाई दी। कंपनी का Debt-to-Equity Ratio 0.39 रहा, जो कर्ज नियंत्रण की स्थिति को दर्शाता है। Interest Service Coverage Ratio 6.28 और Debt Service Coverage Ratio 2.71 रही – दोनों ही पिछले साल से बेहतर हैं।

EPS यानी प्रति शेयर आय ₹19.95 रही, जो Q1FY25 के ₹11.19 (बोनस शेयर समायोजन के बाद) और Q4FY25 के ₹14.34 से बेहतर है। यह शेयरधारकों के लिए भरोसे का संकेत है।

प्रबंधन ने कहा कि यह प्रदर्शन कंपनी के विविधीकृत कारोबार मॉडल और डिजिटल + कंज्यूमर फोकस्ड अप्रोच का नतीजा है। रिफाइनिंग और O2C जैसे पारंपरिक बिज़नेस के साथ-साथ डिजिटल और रिटेल जैसे न्यू-एज बिज़नेस सेगमेंट कंपनी के भविष्य को आगे बढ़ा रहे हैं।

कुल मिलाकर, Q1FY26 के नतीजे दर्शाते हैं कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अब सिर्फ एक तेल कंपनी नहीं, बल्कि भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली मल्टी-बिज़नेस, मल्टी-सेगमेंट संस्था बन चुकी है। डिजिटल, रिटेल, एनर्जी और पेट्रोकेमिकल – सभी में कंपनी का बैलेंस्ड और मजबूती भरा प्रदर्शन निवेशकों और विश्लेषकों के लिए सकारात्मक संकेत देता है।

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