ज़ी एंटरटेनमेंट को मिलेगा प्रमोटर से ₹2,237 करोड़ का समर्थन, बिना कर्ज़ और गिरवी के होगा निवेश

ZEEL के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने स्पष्ट किया कि ₹2,237 करोड़ की फंडिंग बिना किसी कर्ज़ या शेयर गिरवी के की जाएगी। यह निवेश प्रमोटर संस्थाओं से मिली रिकवरी से होगा, जिससे उनकी हिस्सेदारी बढ़ेगी और कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
ज़ी में 2,237 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी, कर्ज़ या शेयर गिरवी नहीं रखेंगे: सुभाष चंद्रा
ZEEL में प्रमोटर द्वारा पूंजी निवेश की घोषणा

ZEEL प्रमोटर समूह कंपनी में ₹2,237 करोड़ की पूंजी डालेगा, न कर्ज़ लिया जाएगा, न शेयर गिरवी रखे जाएंगे

zeel में 2,237 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी, कर्ज़ या शेयर गिरवी नहीं रखेंगे: सुभाष चंद्रा

नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025

Zee Entertainment Enterprises Limited (ZEEL) के चेयरमैन एमेरिटस सुभाष चंद्रा ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि प्रमोटर समूह कंपनी में ₹2,237 करोड़ की पूंजी डालने के लिए न तो किसी प्रकार का कर्ज़ ले रहा है और न ही अपने शेयर गिरवी रख रहा है। उन्होंने कहा कि यह धनराशि पूरी तरह से प्रमोटर से जुड़ी संस्थाओं से मिली रिकवरी के माध्यम से जुटाई गई है।

यह बयान ZEEL द्वारा आयोजित एक 90 मिनट से अधिक लंबी एनालिस्ट और निवेशक कॉल के दौरान आया, जिसे कंपनी ने कॉरपोरेट गवर्नेंस सुधार और शेयरधारकों के साथ संवाद बढ़ाने की रणनीति के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया।

वारंट के माध्यम से निवेश का रास्ता

प्रमोटर समूह कंपनी में निवेश वारंट्स के जरिए करेगा, जिससे उन्हें 18.39% हिस्सेदारी मिलेगी, जो फिलहाल 3.99% है। वारंट के तहत 25% राशि अग्रिम दी जाएगी और शेष 75% 18 महीनों के भीतर लाई जा सकती है। हालांकि, सुभाष चंद्रा ने भरोसा दिलाया कि वे पूरी राशि जल्द से जल्द कंपनी में लाने की कोशिश करेंगे, 18 महीने का इंतज़ार नहीं किया जाएगा।

शेयरधारकों की चिंताओं का समाधान

ZEEL के चेयरमैन आर. गोपालन ने कहा कि प्रमोटर्स की मौजूदा 4% हिस्सेदारी को लेकर निवेशकों में यह धारणा थी कि उनका कंपनी में "स्किन इन द गेम" कम है। उन्होंने कहा कि यह निवेश सिर्फ पूंजी जुटाने का माध्यम नहीं है, बल्कि इससे प्रमोटर्स की हिस्सेदारी और जिम्मेदारी दोनों बढ़ेगी, जिससे दीर्घकालीन योजनाओं को बेहतर समर्थन मिलेगा।

राइट्स इश्यू या QIP क्यों नहीं?

ZEEL के स्ट्रैटेजी प्रमुख विकास सोमानी ने बताया कि कंपनी ने जेपी मॉर्गन की सलाह पर कई फंडिंग विकल्पों पर विचार किया था, जिनमें राइट्स इश्यू और क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) शामिल थे। हालांकि, राइट्स इश्यू में शेयर आमतौर पर डिस्काउंट पर दिए जाते हैं और बाज़ार की प्रतिक्रिया भी अनिश्चित होती है। इसी वजह से उन्होंने ₹132 प्रति शेयर की कीमत पर प्रमोटर्स को वारंट्स जारी करने का निर्णय लिया, जो उस समय के बाजार मूल्य ₹106 से कहीं अधिक था।

प्रतिस्पर्धा के बीच पूंजी की आवश्यकता

सुभाष चंद्रा ने यह भी कहा कि ZEEL की बैलेंस शीट पहले से ही मजबूत है, जिसमें लगभग ₹2,400 करोड़ की नकद राशि है। फिर भी, वर्तमान प्रतिस्पर्धी माहौल को देखते हुए और नई पहलों को गति देने के लिए पूंजी की आवश्यकता है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि मीडिया क्षेत्र में ज़ी के प्रतिस्पर्धियों के पास पूंजी भंडार कहीं अधिक हैं, और ZEEL को भी उसी स्तर की तैयारी की जरूरत है।

शेयर मूल्य में उछाल

ZEEL के शेयरों में इस घोषणा के बाद मजबूती देखी गई है। 3 जुलाई को बीएसई पर कंपनी के शेयर ₹143.8 पर बंद हुए, जो इस कैलेंडर वर्ष की शुरुआत से अब तक 18% से अधिक की बढ़त दर्शाते हैं।

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