25 लाख में टेस्ला कार, इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में तूफान लाएगी टेस्ला

टेस्ला भारत में एंट्री के लिए स्थानीय निर्माण और 25-30 लाख रुपये से कम कीमत की कारों पर फोकस करेगी। CLSA के मुताबिक, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का कम पैठ दर और ऊंचे आयात शुल्क के कारण टेस्ला को घरेलू निर्माताओं से बड़ी चुनौती नहीं मिलेगी। हालांकि, टेस्ला का प्रवेश इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा देगा।
tesla in india
एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने हाल ही में भारत में अपनी एंट्री का संकेत दिया है। मुंबई और दिल्ली में सेल्स और सर्विस के लिए 13 नौकरियों की लिस्टिंग करके टेस्ला ने अपनी भारत योजनाओं पर मुहर लगा दी है। लेकिन, CLSA की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में टेस्ला को सफल होने के लिए दो बड़े कदम उठाने होंगे: पहला, स्थानीय निर्माण शुरू करना, और दूसरा, अपनी कारों की कीमत 25-30 लाख रुपये से कम रखना।

भारत का बाजार: चुनौतियां और अवसर

भारत में कारों की औसत कीमत 12-13 लाख रुपये है, जबकि अमेरिका में टेस्ला की सबसे सस्ती कार की कीमत 30 लाख रुपये से ऊपर है। यही नहीं, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का पैठ दर महज 2.4% है, जो चीन (30%) और अमेरिका (9.5%) के मुकाबले काफी कम है। इसके अलावा, भारत में कारों पर लगने वाला आयात शुल्क भी टेस्ला के लिए एक बड़ी बाधा है। 40,000 डॉलर से कम की कारों पर 60% और इससे ऊपर की कारों पर 110% तक का शुल्क लगता है।

CLSA का कहना है कि अगर टेस्ला भारत में अपनी कारों की कीमत 35-40 लाख रुपये से कम रखना चाहती है, तो उसे यहां स्थानीय निर्माण शुरू करना होगा। यहां तक कि अगर आयात शुल्क को 20% से कम कर दिया जाए, तो भी टेस्ला को सस्ती कारें बनाने के लिए भारत में ही फैक्ट्री लगानी होगी।

2025 में भारत में दस्तक दे सकती है टेस्ला

ऐसी खबरें हैं कि टेस्ला 2025 के दूसरे हिस्से में भारत में अपनी मॉडल Y लॉन्च कर सकती है। लेकिन, सवाल यह है कि क्या टेस्ला भारतीय बाजार में अपनी पकड़ बना पाएगी?

क्या टेस्ला से घबराएं भारतीय कार निर्माता?

CLSA का मानना है कि टेस्ला का भारत में आना मारुति सुजुकी, हुंडई और टाटा जैसी कंपनियों के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का पैठ दर अभी बहुत कम है, और घरेलू निर्माता पहले से ही सस्ती और फीचर-पैक्ड कारें पेश कर रहे हैं।

अगर टेस्ला अपनी मॉडल 3 को महिंद्रा XUV 9e, हुंडई e-Creta और मारुति e-Vitara जैसी कारों से 20-50% महंगी कीमत पर लॉन्च करती है, तो इससे घरेलू ब्रांड्स को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।

क्या 21 लाख रुपये में मिलेगी टेस्ला कार?

अगर टेस्ला 25,000 डॉलर (लगभग 21 लाख रुपये) की कीमत पर कोई कार लॉन्च करती है, तो CLSA के मुताबिक, उसके फीचर्स और स्पेसिफिकेशन्स में काफी कटौती करनी पड़ेगी। यानी, भारतीय ग्राहकों को टेस्ला की असली ताकत (जैसे हाई-एंड टेक्नोलॉजी और लग्जरी) नहीं मिल पाएगी।

प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बाजार का फायदा

टेस्ला का भारत में आना इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के लिए एक बड़ा कदम होगा। इससे न केवल प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बल्कि ग्राहकों को बेहतर फीचर्स और सस्ती कीमतों में कारें मिलेंगी। हालांकि, घरेलू निर्माताओं के लिए यह कोई बड़ा खतरा नहीं है, बल्कि उन्हें अपने प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने का मौका मिलेगा।

तो, क्या टेस्ला भारत में अपना जादू बिखेर पाएगी? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात तय है – भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में एक नया चैप्टर शुरू होने वाला है!

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