डेरिवेटिव गड़बड़ी के बाद NSE ने IndusInd Bank को अतिरिक्त निगरानी सूची में डाला

संक्षेप:-
IndusInd Bank को उसके डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग गड़बड़ी के चलते NSE ने एडिशनल सर्विलांस मेजर (ASM) स्टेज-1 में डाल दिया। पिछले हफ्ते में बैंक का शेयर 30% गिर चुका है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। कई ब्रोकरेज फर्मों ने स्टॉक को डाउनग्रेड किया है, जबकि CLSA ने उम्मीद जताई है कि यह रिकवर हो सकता है।

IndusInd Bank का मुख्य कार्यालय, NSE द्वारा ASM सूची में डाले जाने के बाद शेयर बाजार में गिरावट।
डेरिवेटिव गड़बड़ी के चलते IndusInd Bank को NSE ने एडिशनल सर्विलांस मेजर (ASM) सूची में डाला, जिससे शेयर बाजार में भारी गिरावट आई।

IndusInd Bank के निवेशकों के लिए हालात बिगड़ते जा रहे हैं। NSE ने बैंक के स्टॉक को शॉर्ट टर्म एडिशनल सर्विलांस मेजर (ASM) स्टेज-1 में डाल दिया है। इसकी वजह बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में आई अकाउंटिंग गड़बड़ी बताई जा रही है, जिससे बैंक की नेटवर्थ को 1,577 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। इस खबर के बाद से बाजार में हलचल मच गई है और निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। शेयर बाजार में बीते एक हफ्ते में बैंक का स्टॉक 30% तक गिर चुका है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

बुधवार को इंडसइंड बैंक का शेयर NSE पर 672.65 रुपये पर बंद हुआ, जो 1.76% की गिरावट को दर्शाता है। हालांकि, बीते हफ्ते में यह स्टॉक 30% तक लुढ़क चुका है, जो कि बैंक के लिए किसी झटके से कम नहीं है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर को सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन दिया गया है, जबकि आमतौर पर बैंकिंग सेक्टर में तीन साल का कार्यकाल दिया जाता है। इसके अलावा, बैंक ने खुद खुलासा किया कि इस अकाउंटिंग गड़बड़ी की वजह से उसे 1,577 करोड़ रुपये का झटका लग सकता है, जो कि उसकी नेटवर्थ का 2.35% है।

यह मामला तब उठा जब RBI ने सितंबर 2023 में बैंकों के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए थे, जो 1 अप्रैल 2024 से लागू हुए। इसी के तहत इंडसइंड बैंक ने अपनी “अन्य संपत्तियां और अन्य देनदारियां” खातों की समीक्षा की, जिसमें गड़बड़ी पकड़ में आई। बैंक ने कहा कि उसने एक बाहरी एजेंसी को भी इस मामले की जांच के लिए नियुक्त किया है और अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही इसका असर वित्तीय रिपोर्ट में जोड़ा जाएगा।

बाजार में इस खुलासे का असर तुरंत दिखा। निवेशकों की घबराहट के चलते स्टॉक में भारी गिरावट आई, और ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों ने बैंक के स्टॉक को डाउनग्रेड कर दिया। ICICI Securities ने इस मामले को बैंक के लिए एक गंभीर आघात बताया और कहा कि इस झटके का असर बैंक की बैलेंस शीट पर साफ दिखेगा। विश्लेषकों के मुताबिक, संभव है कि Q4FY25 में बैंक को नुकसान भी हो। उधर, Nuvama ने बैंक के स्टॉक को ‘Reduce’ रेटिंग दी और टारगेट प्राइस घटाकर 750 रुपये कर दिया। इसका कारण बैंक में हाल ही में हुए कई नकारात्मक बदलाव बताए जा रहे हैं, जिनमें CFO का इस्तीफा, CEO को मिला छोटा कार्यकाल और अब यह डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़ा विवाद शामिल है।

हालांकि, सभी ब्रोकरेज फर्म इस मामले में नकारात्मक नहीं हैं। CLSA ने बैंक पर भरोसा जताया है और ‘Outperform’ रेटिंग के साथ 900 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है। CLSA के मुताबिक, बाजार में इस समय डर का माहौल बना हुआ है, लेकिन बैंक की फंडामेंटल पोजिशन मजबूत है और आने वाले समय में स्टॉक रिकवर कर सकता है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या IndusInd Bank इस संकट से उबर पाएगा या निवेशकों को आगे भी झटके झेलने पड़ सकते हैं? फिलहाल, बैंक की हर हरकत पर निवेशकों और बाजार की नजर बनी हुई है। अंतिम फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि बैंक अपनी बैलेंस शीट को कैसे संभालता है और बाहरी एजेंसी की रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकलते हैं। लेकिन एक बात साफ है—अभी IndusInd Bank के निवेशकों के लिए वक्त मुश्किलों से भरा हुआ है।

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