Accenture के रेवेन्यू गाइडेंस बढ़ाने के बाद Infosys, Wipro के ADRs 3% से अधिक गिरे

संक्षेप
Accenture के रेवेन्यू गाइडेंस बढ़ाने के बाद Infosys और Wipro के ADRs NYSE पर 3% से अधिक गिर गए। निवेशकों को आशंका है कि AI और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में Accenture की बढ़ती पकड़ भारतीय आईटी कंपनियों के ग्रोथ आउटलुक पर असर डाल सकती है।

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में Infosys और Wipro के ADRs में गिरावट दर्ज होती हुई स्क्रीन।

गुरुवार को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में Infosys और Wipro के ADRs (American Depositary Receipts) में 3% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट Accenture द्वारा अपने पूरे साल के राजस्व (रेवेन्यू) अनुमान को बढ़ाने के बाद आई। कंपनी ने अपने वार्षिक रेवेन्यू गाइडेंस को 4-7% से बढ़ाकर 5-7% कर दिया है। यह संशोधन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी सेवाओं की मजबूत मांग को देखते हुए किया गया है।

Accenture को बैंकिंग, टेलीकॉम और स्पोर्ट्स सेक्टर से कई बड़े प्रोजेक्ट मिले हैं। क्लाउड माइग्रेशन, AI-ड्रिवन डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और डेटा सिक्योरिटी जैसी सेवाओं की बढ़ती मांग ने कंपनी को मजबूती दी है। दूसरी तिमाही में Accenture का कंसल्टिंग रेवेन्यू $8.3 बिलियन रहा, जो विश्लेषकों के अनुमान $8.54 बिलियन से कम था। हालांकि, कुल दूसरी तिमाही का रेवेन्यू $16.66 बिलियन दर्ज किया गया, जो अनुमानित $16.62 बिलियन से थोड़ा अधिक रहा।

Accenture की इस मजबूती के कारण भारतीय आईटी कंपनियों, विशेष रूप से Infosys और Wipro, पर दबाव बढ़ा है। निवेशकों को आशंका है कि अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में आईटी सर्विसेज के बड़े सौदे Accenture की ओर जा सकते हैं, जिससे भारतीय कंपनियों की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है। इसके चलते Infosys और Wipro के ADRs में गिरावट दर्ज की गई।

विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय आईटी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा लगातार कड़ी होती जा रही है। खासतौर पर, Accenture जैसे वैश्विक दिग्गजों की AI और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में बढ़ती पकड़ भारतीय कंपनियों के लिए एक नई चुनौती पेश कर रही है। निवेशकों की नजर अब Infosys और Wipro के आगामी तिमाही नतीजों और उनके भविष्य की रणनीतियों पर रहेगी।

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