Infosys के Q4FY25 नतीजे: नेट प्रॉफिट में 11.7% की गिरावट, FY26 का रेवेन्यू आउटलुक भी कमजोर

Infosys का Q4FY25 नेट प्रॉफिट 11.7% घटकर ₹7,033 करोड़ रहा, जबकि रेवेन्यू में 7.9% की बढ़त दर्ज की गई। FY26 के लिए कंपनी ने सिर्फ 3% तक की कंजर्वेटिव रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस दी है। कंपनी AI, बड़े डील्स और कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन पर फोकस कर रही है, लेकिन ग्लोबल अनिश्चितताओं के चलते ग्रोथ पर दबाव बना रहेगा।
Infosys मुख्यालय का बाहरी दृश्य, जहाँ FY25 की चौथी तिमाही के नतीजे घोषित किए गए।
बेंगलुरु स्थित आईटी दिग्गज कंपनी Infosys ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) की चौथी तिमाही (Q4) के नतीजे जारी किए। कंपनी के नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 11.7% की गिरावट दर्ज की गई, जो ₹7,033 करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि, रेवेन्यू में 7.9% की बढ़त देखी गई, जो ₹40,925 करोड़ रहा। ब्लूमबर्ग के अनुमानों के मुकाबले प्रॉफिट तो बेहतर रहा, लेकिन रेवेन्यू स्ट्रीट एक्सपेक्टेशन्स से कम रहा।

FY26 के लिए कंजर्वेटिव गाइडेंस: महज 3% रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान

Infosys ने वित्तीय वर्ष 2026 (FY26) के लिए सतर्कतापूर्ण रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस जारी किया है। कंपनी ने कहा कि इस साल कॉन्स्टेंट करेंसी के आधार पर रेवेन्यू ग्रोथ फ्लैट से 3% तक रह सकती है। यह कमजोर अनुमान ग्लोबल इकोनॉमिक अनिश्चितता, जियोपॉलिटिकल टेंशन, क्लाइंट्स के डिस्क्रिशनरी खर्चों में कटौती और टैरिफ डिसरप्शन की वजह से दिया गया है।

Infosys के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सलील परेख ने कहा, “वर्तमान माहौल काफी अनिश्चितताओं से भरा हुआ है। क्लाइंट्स अपने बजट पर दबाव महसूस कर रहे हैं और नए प्रोजेक्ट्स को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी प्रोजेक्ट को कैंसिल नहीं किया गया है, लेकिन हमें भविष्य में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए यह गाइडेंस देना पड़ रहा है।”

पूरे वित्तीय वर्ष (FY25) का प्रदर्शन: प्रॉफिट और रेवेन्यू में मामूली बढ़त

Infosys ने FY25 में नेट प्रॉफिट में 1.8% की मामूली बढ़त दर्ज की, जो ₹26,233 करोड़ पर पहुंच गया। वहीं, रेवेन्यू 6.1% बढ़कर ₹1,59,572 करोड़ हो गया। डॉलर के लिहाज से देखें तो कंपनी का रेवेन्यू 3.9% बढ़ा, जो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के 3.8% से थोड़ा बेहतर है। हालांकि, विप्रो लगातार दूसरे साल नेगेटिव ग्रोथ के साथ पिछड़ गया।

बड़े डील्स और जेनरेटिव AI पर है फोकस

Infosys इस साल बड़े डील्स और जेनरेटिव AI (Gen AI) पर जोर दे रही है। कंपनी ने Q4 में $2.6 बिलियन (करीब ₹21,700 करोड़) के लार्ज डील टोटल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू (TCV) की घोषणा की। सीईओ सलील परेख ने बताया कि मौजूदा हालात में क्लाइंट्स कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और AI-बेस्ड एफिशिएंसी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे क्लाइंट्स जेनरेटिव AI और AI एजेंट्स में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यह टेक्नोलॉजी प्रोडक्टिविटी, प्रोसेस ऑटोमेशन, इंजीनियरिंग और कस्टमर सर्विस में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।”

सेक्टर-वार प्रदर्शन: फाइनेंशियल सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग में मजबूती, रिटेल में गिरावट

इंफोसिस ने Q4 में सेक्टर-वाइज मिश्रित प्रदर्शन दिखाया:

  • फाइनेंशियल सर्विसेज: 12.6% (Y-o-Y ग्रोथ)

  • मैन्युफैक्चरिंग: 14% (Y-o-Y ग्रोथ)

  • रिटेल: 2.6% की गिरावट

  • नॉर्थ अमेरिका: 0.4% की मामूली कमी

  • यूरोप: 15% की मजबूत बढ़त

  • भारत: 43.7% (Y-o-Y ग्रोथ)

ऑपरेटिंग मार्जिन में सुधार, दो नए अधिग्रहणों की घोषणा

Q4 में इंफोसिस का ऑपरेटिंग मार्जिन 21% रहा, जो पिछले साल की तुलना में 0.9% बेहतर है। कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जयेश सांघराजका ने कहा, “यह सुधार हमारी कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन रणनीति ‘प्रोजेक्ट मैक्सिमस’ और ऑपरेशनल एफिशिएंसी की वजह से संभव हुआ है।”

इसके अलावा, इंफोसिस ने दो नए अधिग्रहणों की घोषणा की:

  1. MRE कंसल्टिंग (अमेरिका): $36 मिलियन (करीब ₹300 करोड़)

  2. The Missing Link (ऑस्ट्रेलिया): AUD 98 मिलियन (करीब ₹540 करोड़)

ये डील्स FY26 की पहली तिमाही तक पूरी होने की उम्मीद है। साथ ही, जापानी कंपनी मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज ने इंफोसिस की HIPUS नामक जॉइंट वेंचर (JV) में निवेश किया है, जिससे कंपनी को जापानी बाजार में विस्तार करने में मदद मिलेगी।

आईटी सेक्टर के लिए चुनौतियाँ: TCS, विप्रो और एक्सेंचर ने भी जताई चिंता

Infosys अकेली कंपनी नहीं है जिसने FY26 को लेकर सतर्क रुख अपनाया है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), विप्रो और ग्लोबल आईटी दिग्गज एक्सेंचर ने भी ग्लोबल टेक्नोलॉजी खर्चों में कमी और क्लाइंट्स के रूझान में गिरावट को लेकर चिंता जाहिर की है। विप्रो ने तो सबसे कमजोर प्रदर्शन किया है, जबकि TCS ने मामूली ग्रोथ दर्ज की।

AI और लार्ज डील्स पर निर्भरता बढ़ेगी

Infosys ने मौजूदा चुनौतियों के बीच AI और बड़े डील्स पर फोकस करने की रणनीति बनाई है। हालांकि, FY26 में ग्रोथ धीमी रहने की आशंका है। कंपनी की प्रदर्शन इस बात पर निर्भर करेगा कि वह ग्लोबल मैक्रो इकोनॉमिक दबावों के बीच कितनी अच्छी तरह अपनी कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और AI इनोवेशन रणनीति को लागू कर पाती है।
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