भारत में पहली बार बिना रुकावट वाला टोल सिस्टम अब टोल प्लाजा पर ब्रेक लगाने की जरूरत नहीं
संक्षेप:-
भारत में पहली बार बैरियर-फ्री टोलिंग सिस्टम लागू होने जा रहा है, जिससे सभी वाहन बिना रुके टोल पार कर सकेंगे। बैंक और वित्तीय संस्थान अब टोल ऑपरेट कर सकेंगे, जो सबसे ज्यादा रेवेन्यू शेयरिंग ऑफर करेगा, उसे टोल कलेक्शन का अधिकार मिलेगा। द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर यह सिस्टम सबसे पहले लागू होगा और सफल रहने पर पूरे देश में विस्तार किया जाएगा।

सोचिए, सभी हाईवे पर फर्राटे से गाड़ी चला रहे हैं और बिना किसी रुकावट के टोल पार कर जाते हैं। न कोई लंबी कतार, न कैश देने की झंझट, न ही FASTag स्कैन न होने की परेशानी! अब यह सपना सच होने वाला है, क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) देश में पहली बार बैरियर-फ्री मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिंग सिस्टम लाने जा रहा है। और मज़ेदार बात यह है कि इसमें सभी बैंक और वित्तीय संस्थान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं।
अब तक सभी टोल प्लाजा ऑपरेट करने का जिम्मा आमतौर पर टोल ऑपरेटर कंपनियों के पास होता था। लेकिन इस बार NHAI ने टेंडर खोलकर सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी इसमें शामिल कर लिया है। जो भी बैंक सबसे ज्यादा रेवेन्यू शेयरिंग का ऑफर देगा, उसे सभी टोल कलेक्शन का अधिकार मिल जाएगा। इसका मतलब, टोल वसूली अब पूरी तरह डिजिटल और सभी बैंक-मैनेज्ड होगी।
NHAI ने इसे सबसे पहले दो हाईवे पर लागू करने की योजना बनाई है – सभी के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे (NH-44)।
दरअसल, जून 2024 में NHAI ने GNSS-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग सिस्टम (यानी सैटेलाइट बेस्ड टोलिंग) के लिए एक ग्लोबल एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) निकाला था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कंपनियों ने इसमें खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। सभी बोली लगाने वालों की कमी के कारण सरकार को लगा कि कुछ नया ट्राई करना चाहिए। तभी यह आइडिया आया कि सभी बैंक भी टोल ऑपरेशन में उतर सकते हैं।
अब यह नया टोलिंग सिस्टम सभी के लिए बेहद सुविधाजनक होने वाला है। सभी हाईवे पर विशेष कैमरे और सेंसर लगे होंगे, जो सभी गाड़ियों को ऑटोमैटिक डिटेक्ट करेंगे। सभी वाहनों की पहचान तुरंत होगी और उनकी जानकारी Vahan डेटाबेस से जोड़ी जाएगी। सभी वाहन जिनके टैग फेल होंगे या जो बिना टोल चुकाए निकलेंगे, उनकी जानकारी Vahan पोर्टल पर अपडेट हो जाएगी। सभी टोल का भुगतान करना अनिवार्य होगा, नहीं तो आगे चलकर सभी को फिटनेस सर्टिफिकेट या NOC लेने में दिक्कत आएगी।
इस नई व्यवस्था से सभी को कई फायदे होंगे। सभी को लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा, सभी की पेट्रोल-डीजल की बचत होगी, सभी के लिए प्रदूषण कम होगा और सरकार को ज्यादा रेवेन्यू मिलेगा।
NHAI का प्लान है कि अगर सभी के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर यह सिस्टम सफल रहा, तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। यानी आने वाले सालों में भारत में सभी नेशनल हाईवे पर बैरियर-फ्री टोलिंग सिस्टम देखने को मिल सकता है।





