एलन मस्क की टेस्ला ने मुंबई के BKC में पहला भारतीय शोरूम फाइनल किया, दूसरा शोरूम दिल्ली में खुलेगा: रिपोर्ट
संक्षेप:-
टेस्ला भारत में अपनी एंट्री के तहत मुंबई और दिल्ली में शोरूम खोल रही है, जिससे प्रीमियम EV मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। कंपनी शुरुआत में कारों को इम्पोर्ट करेगी, लेकिन भविष्य में मैन्युफैक्चरिंग की संभावनाएं भी तलाश रही है। अगर सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट देती है, तो भारतीय ग्राहकों को किफायती कीमतों पर हाई-टेक इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ मिल सकती हैं।

मुंबई के बाद दिल्ली में दूसरा शोरूम
टेस्ला सिर्फ मुंबई तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि देश की राजधानी दिल्ली के एयरोसिटी में भी अपना दूसरा शोरूम खोलने की योजना बना रही है। एयरोसिटी एक हाई-एंड कमर्शियल और हॉस्पिटैलिटी हब है, जहां कई इंटरनेशनल ब्रांड्स पहले से मौजूद हैं।
दिल्ली और मुंबई में शोरूम खोलने की योजना इस ओर संकेत देती है कि टेस्ला भारत के मेट्रो शहरों को अपने शुरुआती टारगेट मार्केट के रूप में देख रही है। भविष्य में यह संभव है कि कंपनी अन्य प्रमुख शहरों जैसे बेंगलुरु, चेन्नई, और हैदराबाद में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराए।
भारत में टेस्ला कारों की कीमत और प्लानिंग
टेस्ला की भारत में एंट्री का मुख्य उद्देश्य भारतीय ग्राहकों को इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) का प्रीमियम अनुभव देना है। कंपनी की शुरुआत भारत में इंपोर्टेड कारों को बेचने से होगी। CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला शुरुआत में अपनी गाड़ियाँ बर्लिन से इम्पोर्ट करने की योजना बना रही है। इनकी कीमत $25,000 (करीब ₹20.3 लाख) से कम रखने का प्रयास किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक भारतीय ग्राहक इसे खरीदने के लिए प्रेरित
टेस्ला की सबसे सस्ती कारें
- टेस्ला मॉडल 3 – यह कंपनी की सबसे किफायती इलेक्ट्रिक कारों में से एक है। अमेरिका में इसकी शुरुआती कीमत $35,000 (करीब ₹30.4 लाख) है। यह संभावना जताई जा रही है कि भारत में भी इसकी कीमत को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने की कोशिश की जाएगी।
- भारतीय बाजार में EV गाड़ियों की कीमतें आमतौर पर अधिक होती हैं, खासकर जब वे इम्पोर्टेड होती हैं। इसलिए, टेस्ला सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट की मांग कर सकती है जिससे इनकी कीमत भारतीय ग्राहकों के लिए और भी किफायती हो सके।
एलन मस्क और पीएम मोदी की मुलाकात का असर
दिलचस्प बात यह है कि टेस्ला के भारत में एंट्री करने का ऐलान तब हुआ जब एलन मस्क ने कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान भारत में EV मैन्युफैक्चरिंग, स्पेस टेक्नोलॉजी, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे विषयों पर चर्चा हुई थी।
मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद, टेस्ला ने भारत में 13 नई नौकरियों के लिए आवेदन मांगे थे। यह संकेत देता है कि कंपनी न केवल गाड़ियाँ बेचना चाहती है, बल्कि भारतीय टैलेंट और सप्लाई चेन में भी निवेश करने की योजना बना रही है।
क्या टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग करेगी?
हालांकि, एलन मस्क ने अभी तक भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ला भारत से $1 बिलियन (₹8,300 करोड़) से अधिक मूल्य के ऑटो पार्ट्स खरीद रही है। यह दर्शाता है कि कंपनी भविष्य में भारत में उत्पादन करने की संभावनाओं को तलाश रही है।
अगर टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करती है, तो यह भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा गेम-चेंजर साबित होगा। इससे न केवल गाड़ियों की कीमतें कम होंगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
क्या टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग करेगी?
टेस्ला की भारत में एंट्री न केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा गेम-चेंजर साबित होगी, बल्कि देश में EV टेक्नोलॉजी को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
अगर सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट देती है और टेस्ला स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में कदम बढ़ाती है, तो भारतीय उपभोक्ताओं को किफायती दामों पर हाई-टेक और पर्यावरण-हितैषी गाड़ियाँ मिल सकती हैं।
टेस्ला के इस कदम से भारतीय EV मार्केट में प्रतिस्पर्धा और तेज होगी, जिससे अन्य कंपनियाँ भी अपनी रणनीतियों को और बेहतर बनाने की कोशिश करेंगी।
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