RBI ने IndusInd Bank में खाताधारकों को दिया भरोसा – बैंक अकाउंट में पैसा सुरक्षित, वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई
संक्षेप:-
RBI ने खाताधारकों को आश्वस्त किया कि IndusInd Bank की वित्तीय स्थिति मजबूत और स्थिर है। बैंक का Capital Adequacy Ratio (CAR) 16.46%, Provision Coverage Ratio (PCR) 70.20%, और Liquidity Coverage Ratio (LCR) 113% है, जो नियामकीय आवश्यकताओं से अधिक है। हालिया forex derivatives irregularities की जांच जारी है, लेकिन RBI ने स्पष्ट किया कि बैंक पूरी तरह से सुरक्षित है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शनिवार को IndusInd Bank की वित्तीय स्थिति को लेकर उठ रही चिंताओं पर सफाई दी और जमाकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि बैंक पूरी तरह से सुरक्षित और वित्तीय रूप से मजबूत है। हाल ही में बैंक को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिससे निवेशकों और ग्राहकों के बीच अनिश्चितता का माहौल बन गया था। RBI ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि बैंक की पूंजी स्थिति स्थिर बनी हुई है और बैंक सभी नियामक मानकों को पूरा कर रहा है। दिसंबर 2024 तिमाही के ऑडिट किए गए वित्तीय परिणामों के अनुसार, IndusInd Bank का Capital Adequacy Ratio (CAR) 16.46% है, जो भारतीय बैंकों के लिए आवश्यक न्यूनतम सीमा से अधिक है। इसी तरह, Provision Coverage Ratio (PCR) 70.20% और Liquidity Coverage Ratio (LCR) 113% दर्ज किया गया है, जो नियामकीय आवश्यकताओं को पार कर रहा है।
हालांकि, IndusInd Bank को लेकर बाजार में चिंता तब बढ़ी जब बैंक ने खुद यह स्वीकार किया कि उसके forex derivatives portfolio में कुछ विसंगतियां (irregularities) पाई गई हैं, जिससे बैंक की बैलेंस शीट पर लगभग ₹1,600 करोड़ का प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, हाल ही में RBI ने बैंक के CEO Sumant Kathpalia का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया, जिसके बाद से बैंक पर निगरानी और तेज हो गई। इन घटनाओं के बाद बैंक के संयुक्त ऑडिटर्स (MP Chitale & Co और MSKA & Associates) ने बैंक बोर्ड को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि derivatives portfolio की फॉरेंसिक जांच कराई जाए।
इसी संदर्भ में, बैंक प्रबंधन ने भी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक बाहरी एजेंसी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। बैंक के CEO Sumant Kathpalia ने एक विश्लेषक कॉल (analyst call) के दौरान पुष्टि की कि एक स्वतंत्र फर्म इस मामले की जांच कर रही है और मार्च 2025 के अंत तक अंतिम रिपोर्ट आने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, PricewaterhouseCoopers (PwC) को भी बैंक के derivatives accounting practices की समीक्षा करने के लिए नियुक्त किया गया है, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं हुई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए बैंक की वित्तीय पुस्तकों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
इन सभी घटनाओं के बीच, RBI लगातार बैंक के प्रदर्शन और उसके वित्तीय स्वास्थ्य की निगरानी कर रहा है। RBI ने बैंक के बोर्ड और प्रबंधन को निर्देश दिया है कि वे सभी सुधारात्मक कदम तेजी से उठाएं और हर हितधारक को पूरी पारदर्शिता के साथ स्थिति की जानकारी दें। RBI का यह बयान तब आया है जब बाजार में बैंक की वित्तीय स्थिरता को लेकर अफवाहें तेज हो गई थीं। नियामक संस्था ने जोर देकर कहा कि बैंक की वित्तीय स्थिति संतोषजनक है और ग्राहकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए IndusInd Bank इस संकट से उबरने में सक्षम है, हालांकि आगामी हफ्ते बैंक के लिए महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। forensic audit की रिपोर्ट और नियामकीय एजेंसियों की कार्रवाई यह तय करेगी कि बैंक को आगे किन सुधारात्मक कदम उठाने होंगे। इस बीच, RBI ने जमाकर्ताओं और निवेशकों को सलाह दी है कि वे केवल प्रमाणित और आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें और सोशल मीडिया या अन्य अनौपचारिक स्रोतों से मिलने वाली अफवाहों से बचें।
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि ₹1,600 करोड़ की derivatives irregularity एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन IndusInd Bank की मजबूत पूंजी स्थिति इसे किसी बड़े संकट में फंसने से बचा सकती है। इसके अलावा, RBI की निरंतर निगरानी और नियामकीय हस्तक्षेप यह सुनिश्चित करेगा कि बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर बनी रहे। आने वाले दिनों में बाजार की प्रतिक्रिया, forensic report और बैंक की पारदर्शिता इस पूरे मामले को लेकर निवेशकों और ग्राहकों के विश्वास को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगी।

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